Skip to main content
TABLE OF CONTENTS
कला एवं संस्कृति 

विश्व विद्यार्थी दिवस, डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि

Last updated on June 26th, 2024 Posted on October 15, 2023 by  4128
विश्व-विद्यार्थी-दिवस

संदर्भ

  • 15 अक्टूबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की जयंती के रूप में व्यापक रूप से मनाया जाता है। यह लेख विश्व छात्र दिवस के विषय में विवरण प्रदान करता है।

विषय में

  • प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को शिक्षक, वैमानिकी वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के सम्मान में विश्व छात्र दिवस मनाया जाता है।
  • प्रत्येक वर्ष भारत में छात्रों और शिक्षा में डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के योगदान का सम्मान करने के लिए पूरे देश में यह जयंती मनाई जाती है।
  • “जनता के राष्ट्रपति” के रूप में उनका सम्मान किया जाता है और उनकी जयंती छात्र दिवस के रूप में मनाई जाती है।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी की संक्षिप्त जीवनी

  • डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम- “भारत के मिसाइल मैन” और भारत रत्न पुरस्कार विजेता का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में विज्ञान और भौतिकी का अध्ययन किया था। उन्होंने अपना जीवन अपने ज्ञानवर्धक व्याख्यानों के माध्यम से छात्रों को पढ़ाने और उन्हें सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए प्रेरित करने में समर्पित कर दिया।
  • उन्होंने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में प्रशासक के रूप में प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया।
  • 2002 में, एयरोस्पेस वैज्ञानिक भारत के 11वें राष्ट्रपति बने और 2007 तक इस पद पर रहे। इसके पश्चात् उन्होंने अपना जीवन शिक्षण के लिए समर्पित कर दिया। उदाहरण के लिए वह अहमदाबाद में भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), आईआईएम शिलांग और आईआईएम-इंदौर में विजिटिंग प्रोफेसर बन गए।
  • भारत सरकार के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में उनके कार्य के लिए उन्हें पद्म विभूषण और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।
  • 27 जुलाई, 2015 को उन्होंने अंतिम सांस ली और आईआईएम-शिलांग में व्याख्यान देते समय गिर पड़े और दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। उनके योगदान को आज भी देश में कुछ वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के रूप में याद किया जाता है।

विश्व विद्यार्थी दिवस मनाने का कारण

  • यह उत्सव कलामजी के प्रमुख योगदान, उनकी उपलब्धियों और उनके द्वारा  छात्रों को दी गई प्रेरणा का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है-
    • उनके ज्ञानवर्धक व्याख्यानों और शिक्षण के प्रति जुनून से छात्रों को अपना सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए सकारात्मक प्रेरणा मिली है।
    • उन्होंने सदैव यहीं सोचा है कि छात्र देश का भविष्य है और उनके पास भविष्य की सोच रखने वाला मस्तिष्क है जो हमारे देश को प्रत्येक प्रयास में उपलब्धि की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
    • अन्य सभी भूमिकाओं के सापेक्ष उन्होंने स्वयं को सबसे अधिक सशक्त रूप  से एक शिक्षक के रूप में पहचाना।
    • उन्होंने तर्क दिया कि चूंकि शिक्षक यह सुनिश्चित करने के लिए उत्तरदायी होते है कि छात्र अपने विशेष क्षेत्रों में कुशल हों तथा उन्हें ही समाज का निर्माण करना है।
    • उन्होंने सदैव छात्रों में जीवन के प्रति एक दृष्टिकोण और सिद्धांतों के मूल्य को विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया जिसे उन्हें जीवन भर लागू करना चाहिए।
    • कलाम जी ने अपना पूरा जीवन शिक्षा और छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कार्य करते हुए बिताया।

विद्यार्थी दिवस का महत्व

  • इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का जन्मदिन है। इसके अतरिक्त इस दिन के महत्त्व के लिए अन्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
    • यह दिन शिक्षा के मूल्य पर जोर देने का कार्य करता है।
    • इस दिन शिक्षा के मौलिक अधिकार का उत्सव मनाया जाता है।
    • डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करने के लिए।
    • छात्रों को निर्देश देने के प्रति कलाम जी के प्रेम को याद करना।

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी का योगदान

एक अभूतपूर्व शिक्षक, महान वैज्ञानिक और जनता के राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भारत में कई प्रौद्योगिकियों के प्रेरणा स्त्रोत रहे हैं। उनके कुछ प्रमुख योगदान निम्नलिखित हैं- 

  • उन्होंने भारत के पहले स्वदेशी उपग्रह प्रक्षेपण यान के विकास में सहायता की।
  • वह दो “मिसाइल परियोजनाओं” के परियोजना निदेशक थें, जिनका उद्देश्य सफल एसएलवी कार्यक्रम की तकनीक से बैलिस्टिक मिसाइलों को विकसित करना था।
  • उन्होंने DRDO में स्वदेशी निर्देशित मिसाइलों के विकास की जिम्मेदारी ली थी।
  • वह कई परमाणु परीक्षणों में भी शामिल थे। उदाहरण के लिए पोखरण (1998) में किया गया परीक्षण जिसने भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बना दिया।
  • उन्होंने ‘कलाम-राजू-स्टेंट’ नामक लागत प्रभावी कोरोनरी स्टेंट डिजाइन करने में सहायता की, जिससे स्वास्थ्य सेवा सभी के लिए सुलभ होने में सहायता मिली।
  • वह भारत के हल्के लड़ाकू विमान परियोजना में भी शामिल थे।
  • डॉ. कलाम और डॉ. सोमा राजू ने 2012 में ग्रामीण भारत के वंचित लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक रफ टैबलेट कंप्यूटर बनाया।

इस प्रकार संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि उनके प्रयासों को उनके निधन के वर्षों पश्चात् भी देश में शीर्ष वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति के रूप में माना जाता है।

स्त्रोत:

नेशनल टुडे

सीएनबीसी टीवी

एनडीटीवी

  • Latest Article