जुलाई 2024 के संभावित अंतिम सप्ताह में घोषित होने वाले केंद्रीय बजट 2024-25, वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए एक नियमित बजट होगा। यह बजट नवनिर्वाचित केंद्र सरकार का पहला बजट होने के कारण विशेष महत्त्व रखता है। यह बजट सरकार के फोकस क्षेत्रों और व्यय योजनाओं की एक महत्त्वपूर्ण झलक प्रदान करेगा। इस लेख का उद्देश्य केंद्रीय बजट 2024-25 के मुख्य तथ्यों और हाइलाइट्स के बारे में जानकारी प्रदान करना है।
केंद्रीय बजट 2024-25: मुख्य तथ्य
घोषित किया जाएगा | 23-24 जुलाई, 2024 (अपेक्षित) |
प्रस्तुत किया जाएगा | श्रीमती निर्मला सीतारामन (भारत की माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री) द्वारा |
बजट की प्रकृति | नियमित बजट* |
*नोट: लोकसभा के चुनाव 2024 के कारण, 1 फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश किया गया था। जुलाई 2024 में प्रस्तुत किया जाने वाला केंद्रीय बजट 2024-25 एक नियमित बजट होगा।
केंद्रीय बजट 2024-25: रोचक तथ्य
- बजट 2024 की घोषणा होने के पश्चात् श्रीमती निर्मला सीतारामन लगातार 7 केंद्रीय बजट पेश करने वाली प्रथम केंद्रीय वित्त मंत्री बन जाएँगी।
- अब तक, उन्होंने श्री मोरारजी देसाई के साथ लगातार सबसे अधिक केंद्रीय बजट पेश करने का रिकॉर्ड साझा किया था, जिन्होंने लगातार 6 केंद्रीय बजट (5 नियमित बजट + 1 अंतरिम बजट) पेश किए थे।
- यह 2024 का बजट मोदी 3.0 का प्रथम बजट होगा।
बजट क्या है?
- बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और प्रस्तावित व्यय का विवरण है, अर्थात् आगामी वर्ष की 1 अप्रैल से 31 मार्च तक की अवधि।
- यह एक व्यापक वित्तीय योजना के रूप में कार्य करता है जो सरकार की आर्थिक रणनीति और नीति प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
बजट की मुख्य अवधारणाएँ
बजट, इसके निर्माण, प्रस्तुति और अधिनियमन से संबंधित मुख्य अवधारणाओं का निम्नलिखित लेखों के माध्यम से अध्ययन किया जा सकता है:
बजट की संरचना और घटक |
बजट की प्रस्तुति और अधिनियमन |
केंद्रीय बजट 2024-25: प्रमुख विशेषताएँ
केंद्रीय बजट 2024-25 की सटीक विशेषताओं की जानकारी बजट घोषणा 2024 के बाद ही मिल सकती है। केंद्रीय बजट 2024-25 का विस्तृत विश्लेषण और सारांश, बजट की घोषणा के तुरंत बाद NEXT IAS वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा।
मीडिया रिपोर्टों और आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, केंद्र सरकार से केंद्रीय बजट 2024-25 में निम्नलिखित प्रमुख घोषणाएँ करने की उम्मीद है:
- स्थिरता के साथ विकास सुनिश्चित करना (Ensuring Growth with Stability): जैसा कि अंतरिम बजट में संकेत दिया गया था, आगामी बजट में स्थिरता बनाए रखते हुए आर्थिक विकास को बढ़ावा देने को प्राथमिकता देने की उम्मीद है।
- उपभोक्ता व्यय को बढ़ावा देना (Boosting Consumer Spending): बजट में उपभोक्ता खर्च को बढ़ावा देने की भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की माँग के अनुरूप कुछ घोषणाएँ किए जाने की उम्मीद है। इस संबंध में निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- निचले आय वर्ग के लिए कर में कटौती, ताकि व्यय योग्य आय में वृद्धि हो।
- किसानों को अधिक नकद सहायता प्रदान करना तथा ग्रामीण उपभोग को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण रोजगार योजनाओं को सशक्त करना है।
- कृषि निर्यात प्रतिबंधों में ढील (Easing Agricultural Export Restrictions): कृषि संस्थाओं के अनुसार, चावल, गेहूं, चीनी और प्याज जैसे प्रमुख कृषि उत्पादों पर निर्यात प्रतिबंध हटाए जाने की उम्मीद है।
- इस कदम का उद्देश्य ग्रामीण आय, विशेष रूप से किसानों की आय को बढ़ावा देना है।
- रोज़गार सृजन को प्रोत्साहन (Incentivising Job Creation): कपड़ा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए निजी कंपनियों के लिए कुछ प्रोत्साहन योजनाओं की घोषणा किए जाने की उम्मीद है।
- इससे बढ़ती बेरोजगारी को रोकने में मदद मिलेगी।
- कर सुधार (Tax Reforms): फिक्की के अनुसार, भारत की कर प्रणाली, विशेष रूप से वस्तु एवं सेवा कर (GST) और पूंजीगत लाभ कर के सरलीकरण के लिए कुछ घोषणाएं अपेक्षित हैं।
- ये सुधार अधिक निवेश आकर्षित करने, अधिक पूर्वानुमानित कारोबारी माहौल बनाने और समग्र आर्थिक गतिविधि को बढ़ाने में मदद करेंगे।
- नया श्रम कल्याण और रोजगार सूचकांक (New Labour Welfare and Employment Index): केंद्र सरकार “श्रम कल्याण और रोजगार सूचकांक (LWEI)” नामक एक नया सूचकांक पेश करने की योजना बना रही है, जिसके तहत राज्यों को उनके श्रम मानकों के आधार पर रैंक किया जाएगा।
- इससे श्रम कानूनों के कार्यान्वयन में एकरूपता को बढ़ावा देने के साथ-साथ राज्यों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
कुल मिलाकर, केंद्रीय बजट 2024-25 लक्षित विकास और स्थिरता उपायों के माध्यम से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच उभरती मांगों के साथ आर्थिक रणनीतियों को संरेखित करने के उपायों की घोषणा करेगा।
निष्कर्ष
केंद्रीय बजट 2024-25 एक दूरदर्शी दस्तावेज़ होगा जो भारत के दीर्घकालिक विकास उद्देश्यों को पूरा करेगा। एक लचीली और समावेशी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए, इसके प्रमुख फोकस क्षेत्र बुनियादी ढाँचा, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और स्थिरता होने की उम्मीद है। आगामी बजट के बारे में अधिक जानकारी बजट प्रस्तुति 2024 के बाद सामने आएगी।
नियमित बजट और अंतरिम बजट के बीच अंतर
नियमित बजट और अंतरिम बजट के बीच प्रमुख अंतर इस प्रकार देखे जा सकते हैं:
नियमित बजट (Regular Budget) | अंतरिम बजट (Interim Budget) |
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सामान्य परिस्थितियों में प्रस्तुत किया जाता है। | आमतौर पर, विशेष परिस्थितियों, जैसे कि चुनावों की घोषणा या बजट चक्र में व्यवधान के कारण नियमित बजट प्रस्तुत करना संभव नहीं होता है। |
इसमें सरकार के वित्त का एक व्यापक वित्तीय विवरण होता है, जिसमें आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विस्तृत प्राप्तियाँ और व्यय, साथ ही सरकार की आर्थिक नीतियाँ और प्राथमिकताएँ शामिल होती हैं। | यह एक तरह का ‘लेखानुदान’ या एक अनंतिम व्यवस्था है जो सरकार को वर्ष के एक हिस्से के लिए अपने खर्चों को पूरा करने की अनुमति देता है और इसमें आमतौर पर प्रमुख नीतिगत घोषणाएँ शामिल नहीं होती हैं। |
केंद्रीय बजट 2024-25 पर सामान्यत: पूछे जाने वाले प्रश्न
बजट 2024-25 कब पेश किया जाएगा?
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्रीय बजट घोषणा 2024 की जुलाई माह तीसरे या अंतिम सप्ताह में होने की उम्मीद है। बजट घोषणा 2024 की सबसे संभावित तारीख 23 या 24 जुलाई 2024 है।
केंद्रीय बजट 2024-25 का विषय क्या है?
संसद में बजट पेश होने के बाद ही थीम के बारे में जानकारी मिल पाएगी।
बजट 2024 का फोकस क्या है?
संसद में बजट घोषणा 2024 किए जाने के बाद केंद्रीय बजट 2024-25 के प्रमुख फोकस क्षेत्रों का पता चलेगा।
केंद्रीय बजट से आपका क्या अभिप्राय है?
केंद्रीय बजट केंद्र सरकार के वार्षिक वित्तीय विवरण को संदर्भित करता है जो किसी विशेष वित्तीय वर्ष के लिए सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय के बारे में विवरण प्रदान करता है।
बजट भाषण क्या है?
केंद्रीय वित्त मंत्री एक अभिभाषण के साथ लोकसभा में केंद्रीय बजट पेश करते हैं, जिसे ‘बजट भाषण’ के रूप में जाना जाता है। बजट भाषण बजट के मुख्य बिंदुओं का सारांश होता है।
बजट के 3 प्रकार क्या हैं?
सरकारी बजट 3 प्रकार के होते हैं – संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटे का बजट।
आर्थिक सर्वेक्षण क्या है?
आर्थिक सर्वेक्षण केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार और प्रस्तुत किया जाने वाला एक वार्षिक दस्तावेज है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति के साथ-साथ संभावनाओं की रूपरेखा प्रदान करता है।
आर्थिक सर्वेक्षण और केंद्रीय बजट में क्या अंतर है?
आर्थिक सर्वेक्षण पिछले वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन की समीक्षा प्रदान करता है। दूसरी ओर, केंद्रीय बजट आगामी वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के फोकस क्षेत्रों और व्यय योजनाओं की रूपरेखा है।
सरकारी बजट क्या है?
सरकारी बजट उस प्रक्रिया को संदर्भित करता है जिसके द्वारा सरकारें (चाहे केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार) अपनी वित्तीय योजनाएँ बनाती हैं, उनका प्रबंधन करती हैं और उन्हें लागू करती हैं। इसमें सरकारी राजस्व (जैसे कर, शुल्क और अनुदान) का अनुमान लगाना और विभिन्न सार्वजनिक क्षेत्रों और गतिविधियों को वित्तीय संसाधन आवंटित करना शामिल है।