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भूगोल 

भारत के द्वीप समूह: अंडमान एवं निकोबार द्वीप और लक्षद्वीप समूह

Last updated on March 27th, 2024 Posted on March 27, 2024 by  12510
भारत के द्वीप समूह

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में विस्तृत रुप से फैले हुए, भारतीय द्वीप या भारत के द्वीप रणनीतिक महत्त्व और समृद्ध जैव विविधता वाले क्षेत्र हैं। उनका बहुआयामी महत्त्व उन्हें भारत के साथ-साथ भारतीय उपमहाद्वीप के लिए भी अमूल्य संपत्ति बनाता है, इसलिए NEXT IAS का यह लेख भारतीय द्वीपों के वर्गीकरण, प्रमुख विशेषताओं, भूआकृति विज्ञान और महत्त्व सहित विस्तार से अध्ययन करने का लक्ष्य रखता है।

भारतीय द्वीप या भारत के द्वीप हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में फैले द्वीपों के समूह को संदर्भित करते हैं, जो भारतीय क्षेत्र का हिस्सा हैं। ये सम्मिलित रूप से भारत के 5 प्रमुख भौतिक विभाजनों में से एक हैं।

भारतीय द्वीपों या भारत के द्वीपों को मोटे तौर पर दो मुख्य समूहों में वर्गीकृत किया गया है:

  • अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह
  • लक्षद्वीप समूह
  • स्थिति: ये बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीपों का एक समूह है।
  • विस्तार: ये द्वीप एक धनुषाकार श्रृंखला (पश्चिम में उत्तल) में निर्मित हैं और 6° 45´ उत्तर से 13° 41´ उत्तर और 92° 12´ पूर्व से 93° 57´ पूर्व तक फैले हुए हैं।
    • ये द्वीप लगभग 590 किलोमीटर की दूरी तक फैले हुए हैं, जिनकी अधिकतम चौड़ाई लगभग 58 किलोमीटर है।
  • समूह में प्रमुख द्वीप: यह द्वीपसमूह 572 बड़े और छोटे द्वीपों से बने हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 8249 वर्ग किलोमीटर है। सम्पूर्ण श्रृंखला में द्वीपों के दो अलग-अलग समूह सम्मिलित हैं – अंडमान द्वीप और निकोबार द्वीप।
  • क्षेत्रफल: अंडमान लगभग 260 किलोमीटर की लंबाई और लगभग 30 किलोमीटर की चौड़ाई के साथ द्वीपों का एक समूह है।
  • उप-समूह: द्वीपों के इस समूह को तीन प्रमुख समूहों में विभाजित किया गया है – उत्तर अंडमान, मध्य अंडमान और दक्षिण अंडमान।
    1. इस समूह के दो प्रमुख द्वीपसमूह – लिटिल अंडमान और ग्रेट अंडमान – 50 किमी चौड़े डंकन मार्ग द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं।
    2. राजधानी पोर्ट ब्लेयर दक्षिण अंडमान में स्थित है।
  • निवास स्थान: इस द्वीप समूह में लगभग 24 द्वीपों पर ही निवास है।
  • क्षेत्रफल: ये 262 किलोमीटर की लंबाई और 58 किलोमीटर की अधिकतम चौड़ाई के साथ 1,653 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करते हैं।
  • उप-समूह: इस समूह में मुख्य रूप से 7 बड़े और 12 छोटे द्वीप शामिल हैं। द्वीपों के इस समूह को तीन प्रमुख समूहों में विभाजित किया गया है – उत्तरी समूह, मध्य समूह और दक्षिणी समूह। प्रत्येक उपसमूह में प्रमुख द्वीप हैं:
    1. उत्तरी समूह: कार निकोबार और बत्तीमालव।
    2. मध्य समूह: चौरा, चौरा या सैनेन्यो, टेरेसा या लुरू, बोम्पुका या पोहाट, कच्छल, कैमोर्टा, नैनकोवरी या नैनकोव्री, ट्रिंकेट, लाओक या “आइल ऑफ मैन”, तिल्लंगचोंग, आदि।
    3. दक्षिणी समूह: ग्रेट निकोबार (निकोबार का सबसे बड़ा द्वीप), लिटिल निकोबार, कोंडुल द्वीप, पुलो मिलो या पिलोमिलो (मिलो द्वीप), मेरो, ट्रैक, ट्रेइस, मेनचल, काबरा और मेगापोड।
    • ग्रेट निकोबार सबसे बड़ा द्वीप है जिसका आकार 50 x 25 किलोमीटर है। यह सबसे दक्षिणतम द्वीप है और इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप से केवल 147 किलोमीटर दूर है। भारत का सबसे दक्षिणी बिंदु ‘इंदिरा प्वाइंट‘ ग्रेट निकोबार के दक्षिणी सिरे पर स्थित है।
  • निवास स्थान: इस द्वीप समूह में से लगभग 12 द्वीपों पर ही निवास है। यहाँ पर स्वदेशी जातीय समूह निकोबारी और शोम्पेन हैं। स्थानीय भाषाओं में शोम्पेन और निकोबारी समूह की भाषाएँ शामिल हैं।
  • अन्य विशेषताएँ:
    • ‘दस डिग्री चैनल’ नामक जलराशि उत्तर में अंडमान द्वीप समूह को दक्षिण में निकोबार द्वीप समूह से अलग करती है।
    • इनमें से अधिकाँश द्वीपों का आधार ज्वालामुखी है और ये तृतीयक बलुआ पत्थर, चूना पत्थर और शेल से निर्मित हैं।
      • पोर्ट ब्लेयर के उत्तर में बैरेन और नारकोंडम द्वीप मुख्यतः ज्वालामुखी द्वीप हैं।
      • कुछ द्वीप प्रवाल भित्तियों से घिरे हुए हैं।
    • अधिकाँश द्वीप पहाड़ी हैं और इन पहाड़ियों की ऊँचाई भी मध्यम स्तर की हैं। उत्तर अंडमान में सैडल पीक (737 मीटर) सबसे ऊँची चोटी है।
    • 2018 में निम्नलिखित तीन द्वीपों के नाम परिवर्तित कर दिये गए है:
  1. रॉस द्वीप – इसका नाम परिवर्तित कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप रखा गया।
  2. नील द्वीप – इसका नाम परिवर्तित कर शहीद द्वीप रखा गया।
  3. हैवलॉक द्वीप – इसका नाम परिवर्तित कर स्वराज द्वीप रखा गया।
  • स्थिति: यह अरब सागर में स्थित द्वीपों का एक समूह हैं।
  • विस्तार: वे 8° उत्तर से 12°20′ उत्तर और 71°45′ पूर्व से 74° पूर्व तक 108.78 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं, जो केरल तट से लगभग 200 – 500 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में हैं।
  • समूह में प्रमुख द्वीप: हालाँकि लक्षद्वीप शब्द का शाब्दिक अर्थ एक लाख द्वीप है, लेकिन इनमें केवल 25 छोटे द्वीपों का समूह शामिल है। इन द्वीपों को तीन समूहों में विभाजित किया गया है:
  • 11° उत्तर के उत्तर में स्थित द्वीपों को अमिनदीवी द्वीपसमूह के नाम से जाना जाता है।
  • 11° उत्तर के दक्षिण में स्थित द्वीपों को कन्नानोर द्वीप समूह कहा जाता है।
  • यह सुदूर दक्षिण में स्थित है। यह लक्षद्वीप द्वीपसमूह का सबसे बड़ा और सबसे विकसित द्वीप है।
  • संरचना और स्थलाकृति: इस समूह के सभी द्वीप प्रवाल मूल के हैं और किनारे पर चट्टानों से घिरे हुए हैं। इनकी स्थलाकृति समतल है और वहाँ पहाड़ियों, झरनों, घाटियों आदि जैसी उच्चावच आकृतियों का लगभग पूर्ण अभाव है। इन द्वीपों के पश्चिमी किनारे पर उथले लैगून देखे जा सकते हैं, जबकि पूर्वी समुद्र तट पर ढलानें अधिक तीव्र हो जाती है।
  • राजधानी: राजधानी शहर कवरत्ती है।
  • रणनीतिक महत्त्व : भारत के द्वीपों की स्थिति ऐसी है कि वे देश के लिए अत्यधिक रणनीतिक महत्व रखते हैं:
    • मलक्का जलडमरूमध्य के पास स्थित अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, भारत को हिंद महासागर क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण रणनीतिक लाभ प्रदान करता हैं।
    • भारत के ये द्वीप भारतीय नौसेना के लिए एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस के रूप में कार्य करते हैं, जिससे क्षेत्र में भारत की समुद्री सुरक्षा और निगरानी क्षमताओं में वृद्धि होती है।
  • आर्थिक महत्त्व : भारत के द्वीप पर्यटन, मत्स्य पालन और कृषि के माध्यम से राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं।
  • पर्यावरणीय महत्त्व : भारतीय द्वीपों में विषुवतीय जलवायु होती है और इनमें सघन वन पाए जाते हैं। ये वन वनस्पतियों और जीवों की एक विशाल विविधता का घर हैं।

एक भौगोलिक विशेषता से कहीं अधिक, भारतीय द्वीप या भारत के द्वीप कई तरह से महत्त्वपूर्ण हैं। भारत को रणनीतिक लाभ प्रदान करने के अलावा, ये द्वीप कई अन्य संसाधनों का एक स्रोत हैं। हाल ही में, ग्लोबल वार्मिंग और समुद्र के स्तर में संभावित वृद्धि के कारण भारत के द्वीपों को जलमग्न होने का खतरे का सामना करना पड़ सकता है। इन द्वीपों की स्थिरता सुनिश्चित करना न केवल भारत के लिए बल्कि उपमहाद्वीप की समुद्री पारिस्थितिकी के लिए भी महत्त्वपूर्ण है। सतत विकास ही आगे बढ़ने का मार्ग है।

भारत में कितने भारतीय द्वीप हैं?

भारत के द्वीपों को मोटे तौर पर दो मुख्य समूहों में वर्गीकृत किया गया है – अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह (बंगाल की खाड़ी में स्थित), और लक्षद्वीप समूह (अरब सागर में स्थित)। इनके अलावा, हिंद महासागर में बिखरे हुए कुछ अन्य द्वीप भी हैं।

लक्षद्वीप समूह क्या हैं?

अरब सागर में स्थित भारतीय द्वीपों को लक्षद्वीप समूह के रूप में जाना जाता है।

हिंद महासागर में सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है?

मेडागास्कर को हिंद महासागर में सबसे बड़ा द्वीप माना जाता है।

सामान्य अध्ययन-1
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