पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-4/एथिक्स
सन्दर्भ
- हाल ही में, ऑस्ट्रेलिया ने “राइट टू डिस्कनेक्ट” नामक एक विनियमन लागू किया है, जो कर्मचारियों को कार्य के घंटों के बाद अपने नियोक्ताओं से प्राप्त संचार को अनदेखा करने की अनुमति देता है।
ऑस्ट्रेलिया के राइट टू डिस्कनेक्ट के बारे में
- यह कर्मचारियों को नियमित कार्य घंटों के बाद अपने नियोक्ताओं से संचार को अनदेखा करने की अनुमति देता है।
- इस नीति का प्राथमिक लक्ष्य कार्य घंटों के बाहर लगातार उपलब्ध और उत्तरदायी होने से जुड़े तनाव को कम करना है।
- यह मानता है कि कर्मचारियों को पुनः ऊर्जित करने और स्वस्थ कार्य-जीवन संतुलन बनाए रखने के लिए समर्पित डाउनटाइम की आवश्यकता होती है।
- ऑस्ट्रेलियाई सरकार 20 से अधिक अन्य देशों में सम्मिलित हो गई है, जो ज्यादातर यूरोप और लैटिन अमेरिका में इसी तरह के नियम अपना रहे हैं।
यह कैसे कार्य करता है?
- कर्मचारियों के पास अब कार्य के घंटों के बाद अपने नियोक्ताओं से कॉल या टेक्स्ट को अस्वीकार करने का विकल्प है, बिना किसी नकारात्मक परिणाम के डर के।
- नियोक्ताओं को नियमित व्यावसायिक घंटों के बाहर कर्मचारियों से संपर्क करने से मना नहीं किया गया है, लेकिन नया कानून कर्मचारियों को यह तय करने का अधिकार देता है कि कब उनसे संपर्क करना उचित है।
- घंटों के पश्चात् संचार के बारे में मतभेदों को नियोक्ता और कर्मचारी के बीच सीधे हल किया जाना चाहिए।
- यदि आवश्यक हो, तो फेयर वर्क कमीशन (FWC) विवादों में मध्यस्थता कर सकता है। FWC के पास नियोक्ताओं को यह आदेश देने का अधिकार है कि वे कार्य के घंटों के बाद कर्मचारियों से संपर्क करना बंद कर दें या इसके विपरीत, यदि उनका इनकार अनुचित माना जाता है तो कर्मचारी से जवाब मांगें।
- FWC के निर्देशों का पालन न करने पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है: व्यक्तियों के लिए 19,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक तथा उद्यमों के लिए 94,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर तक।
निहितार्थ और परिप्रेक्ष्य
- कार्य-जीवन संतुलन: राईट टू डिस्कनेक्ट कार्य-जीवन संतुलन को बढ़ाता है। यह स्वीकार करता है कि कर्मचारियों को कार्य से संबंधित संचार से दूर समर्पित समय मिलना चाहिए।
- कुछ लोगों को चिंता है कि कठोर सीमाएँ लचीलेपन में बाधा बन सकती हैं। उदाहरण के लिए, कुछ भूमिकाओं (जैसे, आपातकालीन सेवाएँ) के लिए निरंतर उपलब्धता की आवश्यकता होती है।
- नियोक्ता के दायित्व: कुछ लोग इस बात पर बल देते हैं कि नियोक्ता का कर्तव्य है कि वह कर्मचारियों की भलाई की रक्षा करे। लगातार डिजिटल कनेक्टिविटी से थकान और तनाव हो सकता है।
- हालांकि कुछ लोगों का तर्क है कि सख्त नियमन से व्यावसायिक उत्पादकता में बाधा उत्पन्न हो सकती है, विशेष रूप से वैश्वीकृत, परस्पर जुड़ी अर्थव्यवस्था में।
- प्रौद्योगिकी और संस्कृति: राईट टू डिस्कनेक्ट प्रौद्योगिकी के उपयोग के आस-पास विकसित हो रहे मानदंडों को दर्शाता है। यह स्वीकार करता है कि “हमेशा चालू” रहना संवहनीय नहीं है।
- हालांकि, कुछ लोगों का तर्क है कि प्रौद्योगिकी कंपनियों को ऐसे उपकरण डिजाइन करने चाहिए जो निरंतर संपर्क को बनाए रखने के बजाय स्वस्थ सीमाओं को प्रोत्साहित करें।
वैश्विक उदहारण
- फ्रांस: 2017 में ‘राईट टू डिस्कनेक्ट’ की शुरुआत की, जिससे कर्मचारियों को कार्य के घंटों के बाहर कार्य से संबंधित ईमेल को अनदेखा करने की अनुमति मिली।
- पुर्तगाल, बेल्जियम और आयरलैंड: संतुलन की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने भी यही किया।
निष्कर्ष
- ऑस्ट्रेलिया का “राइट टू डिस्कनेक्ट” कानून व्यक्तिगत समय और मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को स्वीकार करता है।
- यह एक सकारात्मक बदलाव है जो यह मानता है कि कार्य को हमारे जीवन के प्रत्येक पहलू पर अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।
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