पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-1/ भूगोल
सन्दर्भ
- हाल की आदर्श मौसम घटनाओं ने देश की मौसम पूर्वानुमान क्षमताओं और उन्हें बेहतर बनाने के तरीकों पर पुनः ध्यान केंद्रित कर दिया है।
भारत में मौसम की भविष्यवाणी
- भारत, वर्तमान में, मौसम की भविष्यवाणी के लिए उपग्रह डेटा और कंप्यूटर मॉडल पर निर्भर करता है।
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) उपग्रहों और सुपर कंप्यूटरों की INSAT श्रृंखला का उपयोग करता है।
- भारत में तीन उपग्रह, INSAT-3D, INSAT-3DR और INSAT-3DS मुख्य रूप से मौसम संबंधी अवलोकन के लिए उपयोग किए जाते हैं।
- पूर्वानुमानकर्ता बादलों की गति, बादलों के शीर्ष तापमान और जल वाष्प सामग्री के बारे में उपग्रह डेटा का उपयोग करते हैं जो वर्षा का अनुमान लगाने, मौसम की भविष्यवाणी करने तथा चक्रवातों पर नज़र रखने में सहायता करते हैं।
कार्यकुशलता में सुधार के लिए उठाए गए कदम
- वर्ष 2012 में ‘राष्ट्रीय मानसून मिशन’ का प्रारंभ किया गया था, ताकि देश को ऐसी प्रणाली की ओर ले जाया जा सके जो वास्तविक समय में बुनियादी स्तर पर डेटा एकत्र करने पर अधिक निर्भर करती है।
- IMD पूर्वानुमानों में दक्षता बढ़ाने के लिए डॉपलर रडार का भी तीव्रता से उपयोग कर रहा है। डॉपलर रडार की संख्या वर्ष 2013 में 15 से बढ़कर वर्ष 2023 में 37 हो गई है।
- डॉप्लर रडार का उपयोग निकटवर्ती क्षेत्र में वर्षा की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है, जिससे पूर्वानुमान अधिक समय पर अधिक उपयुक्त हो जाते हैं।
- मौसम एजेंसी अब वायुमंडलीय तापमान, दबाव आर्द्रता, हवा की गति एवं दिशा तथा समुद्र सतह के तापमान के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए मानवयुक्त और स्वचालित मौसम स्टेशनों, विमानों, जहाजों, मौसम गुब्बारों, समुद्री बोया व उपग्रहों का उपयोग कर रही है।
- इसके बाद डेटा को पुणे स्थित भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के सुपर कंप्यूटर में सुरक्षित किया जाता है।
- कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने मौसम सूचना नेटवर्क और डाटा प्रणाली (WINDS) की शुरुआत की है, जिसके अंतर्गत दीर्घकालिक, अति-स्थानीय मौसम डेटा तैयार करने के लिए 200,000 से अधिक ग्राउंड स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
चुनौतियां
- मौसम निगरानी ग्राउंड स्टेशनों की कमी: वर्तमान में, IMD लगभग 800 स्वचालित मौसम स्टेशन (AWS), 1,500 स्वचालित वर्षा गेज (ARG) और 37 डॉपलर मौसम रडार (DWR) संचालित करता है।
- यह 3,00,000 से अधिक ग्राउंड स्टेशनों (AWS/ARG) और लगभग 70 DWRs की कुल आवश्यकताओं के विरुद्ध है।
- समन्वय की कमी: विभिन्न भारतीय राज्य सरकारें और निजी कंपनियाँ ग्राउंड स्टेशनों (20,000 से अधिक) का एक महत्वपूर्ण नेटवर्क संचालित करती हैं, जिनमें से अनेकों का उपयोग वर्तमान में IMD द्वारा डेटा की पहुंच और/या विश्वसनीयता की कमी के कारण नहीं किया जाता है।
- आदर्श मौसम की घटनाएँ: जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक वर्षा, भूस्खलन एवं बादल फटने जैसी घटनाएँ अधिक बार होने लगी हैं। ये घटनाएँ अत्यधिक स्थानीयकृत तथा अनिश्चित हैं, जिससे उन्हें वर्तमान मौसम सिमुलेशन मॉडल के साथ पूर्वानुमान लगाना मुश्किल हो जाता है।
- पुराने पूर्वानुमान मॉडल: वर्तमान में, पूर्वानुमान में उपयोग किए जाने वाले अधिकांश पूर्वानुमान सॉफ़्टवेयर वैश्विक पूर्वानुमान प्रणाली तथा मौसम अनुसंधान एवं पूर्वानुमान मॉडल पर आधारित हैं, जो दोनों ही सबसे आधुनिक नहीं हैं।
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मौसम का पूर्वानुमान लगाना भूमध्य रेखा से दूर के क्षेत्रों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि मौसम की घटनाओं में अधिक परिवर्तनशीलता होती है।
- मानसून, चक्रवात या हीट वेव जैसी बड़े पैमाने की प्रणालियों का पूर्वानुमान लगाना उनकी व्यापक प्रकृति के कारण सुलभ है। हालांकि बादल फटने एवं अचानक, अप्रत्याशित मौसमी घटनाओं जैसी स्थानीय घटनाओं का सटीक पूर्वानुमान लगाना बहुत कठिन है।
- सटीकता की आवश्यकता: IMD के पास वर्तमान में 12 किमी x 12 किमी क्षेत्र में मौसमी घटनाओं का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता है। यह ग्रिड अधिकांश भारतीय शहरों से बड़ा है।
- अति-स्थानीय पूर्वानुमान के लिए 1 किमी x 1 किमी पूर्वानुमान की आवश्यकता होती है।
आगे की राह
- जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे संवेदनशील देशों में से एक भारत में मौसम की घटनाओं की उच्च स्तर की सटीकता के साथ भविष्यवाणी करना बहुत महत्वपूर्ण हो गया है।
- डेटा की कमी को पूरा करने के लिए एक एकीकृत प्रणाली की तत्काल आवश्यकता है। नए ग्राउंड स्टेशन स्थापित करने होंगे और उपलब्ध डेटा को निर्बाध रूप से साझा करना होगा।
- साथ ही अधिक सटीक परिणाम प्राप्त करने के लिए मौसम पूर्वानुमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (AI/ML) के अधिक एकीकरण पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) |
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IMD पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है। यह मौसम संबंधी अवलोकन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिए उत्तरदायी प्रमुख एजेंसी है। यह विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है। |
Source: IE
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