प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र को 3 परम रुद्र सुपर कंप्यूटर समर्पित किए

पाठ्यक्रम: GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी

समाचार में

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM) के तहत 130 करोड़ रुपये की लागत के तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर का उद्घाटन किया।

परिचय

  • पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात ये स्वदेशी रूप से विकसित सुपरकंप्यूटर भौतिकी, ब्रह्मांड विज्ञान, पृथ्वी विज्ञान और अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को बढ़ावा देंगे। 
  • पुणे में जायंट मीटर रेडियो टेलीस्कोप (GMRT), दिल्ली में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर (IUAC) और कोलकाता में एसएन बोस सेंटर इन प्रणालियों का उपयोग अत्याधुनिक अनुसंधान के लिए करेंगे, जिससे भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं में वृद्धि होगी। 
  • इसके अतिरिक्त, प्रधान मंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान पर केंद्रित एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) प्रणाली का शुभारंभ किया। 
  • वे पुणे में भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) और नोएडा में राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (NCMRWF) में स्थित हैं। ‘अर्का’ और ‘अरुणिका’ नाम की ये प्रणालियाँ उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, गरज के साथ बारिश, गर्म लहरों और अन्य महत्वपूर्ण मौसम संबंधी घटनाओं के लिए अधिक सटीक भविष्यवाणियां प्रदान करने के लिए तैयार की गई हैं।

राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (NSM)

  • परिचय: 
    • यह भारत सरकार द्वारा राष्ट्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए सुपरकंप्यूटिंग क्षमता में अग्रणी होने के लिए स्वदेशी प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। 
    • इस मिशन का संचालन इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी मंत्रालय और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
  • प्रमुख विशेषताऐं:
    • स्वदेशी विकास: NSM का मुख्य ध्यान प्रोसेसर, नेटवर्क और भंडारण समाधान सहित सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम के लिए स्वदेशी हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर विकसित करने पर है।
    • सहयोगी प्रयास: इस मिशन का नेतृत्व इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) और विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है, जिसमें सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC) एवं भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से कार्यान्वयन सहायता प्राप्त है।
    • PARAM श्रृंखला: PARAM श्रृंखला जैसे विभिन्न सुपरकंप्यूटर पहले ही मिशन के तहत विकसित किए जा चुके हैं, जिन्हें पूरे भारत में प्रमुख शोध संस्थानों में स्थापित किया गया है।
  • प्रभाव:
    • यह पहल सरकार के “डिजिटल इंडिया” तथा “मेक इन इंडिया” के दृष्टिकोण का समर्थन करती है और भारत को वैश्विक सुपरकंप्यूटिंग मानचित्र में सबसे आगे रखेगी। 
    • यह मिशन जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा, भौतिक विज्ञान और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उन्नत अनुसंधान को सक्षम बनाता है।
    •  यह क्वांटम कंप्यूटिंग, एआई और बिग डेटा जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में वैश्विक नेता बनने की भारत की महत्वाकांक्षा का समर्थन करता है।
सुपरकंप्यूटर पर मुख्य तथ्य
– सुपरकंप्यूटर एक शक्तिशाली कंप्यूटिंग मशीन है जो उच्चतम परिचालन दर पर कार्य करती है, जिसे सामान्यतः फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड (FLOPS) में मापा जाता है।
मुख्य निष्पादन संकेतक:
FLOPS(फ्लोटिंग-पॉइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड): सुपरकंप्यूटरों का प्रदर्शन टेराफ्लॉप्स (ट्रिलियन FLOPS) या पेटाफ्लॉप्स (क्वाड्रिलियन फ्लॉप्स) में मापा जाता है।
टॉप 500: विश्व भर के शीर्ष 500 सुपरकंप्यूटरों की उनके प्रदर्शन के आधार पर द्वि-वार्षिक रैंकिंग।
सुपर कंप्यूटर के अनुप्रयोग:
मौसम का पूर्वानुमान: सुपरकंप्यूटर मौसम के पैटर्न की भविष्यवाणी करने, तूफानों का पूर्वानुमान लगाने और जलवायु परिवर्तन की निगरानी करने में महत्वपूर्ण हैं।
अंतरिक्ष अन्वेषण: अंतरिक्ष मिशन, अंतरिक्ष यान डिजाइन और कक्षीय यांत्रिकी से संबंधित सिमुलेशन के लिए उपयोग किया जाता है।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI): सुपरकंप्यूटर का उपयोग मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग मॉडल के लिए तेजी से किया जा रहा है, क्योंकि वे बड़े डेटासेट को जल्दी से प्रोसेस कर सकते हैं।
स्वास्थ्य सेवा और जीनोमिक्स: दवा की खोज, जीनोम अनुक्रमण और बायोमेडिकल सिमुलेशन के लिए आवश्यक।
भारत के सुपर कंप्यूटर:
परम रुद्र: हाल ही में भारत के राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत लॉन्च किए गए, ये सुपरकंप्यूटर पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात हैं।
प्रत्युष और मिहिर: मौसम पूर्वानुमान के लिए स्थापित भारत के प्रमुख सुपरकंप्यूटर, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान (पुणे) और राष्ट्रीय मध्यम-अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र (नोएडा) में रखे गए हैं।
परम युवा-II: सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) द्वारा विकसित, यह भारत में सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटरों में से एक था, जिसका उपयोग वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए किया जाता था।
विश्व के शीर्ष सुपरकंप्यूटर:
फ्रंटियर (USA): 2023 तक, ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी द्वारा विकसित फ्रंटियर, विश्व का सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर है, जिसका प्रदर्शन 1 एक्साफ्लॉप (प्रति सेकंड 1 क्विंटिलियन ऑपरेशन) से अधिक है।
फुगाकू (जापान): रिकेन और फुजित्सु द्वारा विकसित, फुगाकू पहले सबसे तेज़ सुपरकंप्यूटर था और अभी भी शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से एक है, जिसका व्यापक रूप से दवा खोज तथा जलवायु मॉडलिंग जैसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए उपयोग किया जाता है।

Source: TH