संक्षिप्त समाचार 16-10-2024

उत्तर- पूर्वी मानसून (लौटता हुआ मानसून)

पाठ्यक्रम: GS1/जलवायु

सन्दर्भ

  • उत्तर- पूर्वी मानसून तमिलनाडु और पुडुचेरी में पहुंचा, जिससे राज्य के उत्तरी भागों में भारी बारिश हुई।

परिचय

  • उत्तर- पूर्वी मानसून, जिसे लौटता  हुआ मानसून भी कहा जाता है, अक्टूबर से दिसंबर तक होता है और इसकी विशेषता उत्तर-पूर्व से बहने वाली हवाएँ हैं।
  •  यह मानसून मुख्य रूप से तमिलनाडु सहित दक्षिण-पूर्वी भारत और पूर्वी तट के कुछ हिस्सों को प्रभावित करता है। 
  • इस अवधि के दौरान, पूर्वोत्तर व्यापारिक हवाएँ बंगाल की खाड़ी से नमी लाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होती है। 
  • दक्षिण-पश्चिम मानसून के दौरान कम बारिश वाले क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति को फिर से भरने के लिए पूर्वोत्तर मानसून महत्वपूर्ण है।

 Source: DTE

वायुमंडलीय नदियाँ

पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल

सन्दर्भ

  • एक नए अध्ययन के अनुसार पिछले चार दशकों में वायुमंडलीय नदियाँ दोनों ध्रुवों की ओर लगभग 6 से 10 डिग्री स्थानांतरित हो गई हैं, जिससे विश्व भर में मौसम का पैटर्न परिवर्तित हो गया है।

परिचय

  • वायुमंडलीय नदियाँ वे तूफान हैं जो जल वाष्प के विशाल, अदृश्य रिबन के रूप में यात्रा करते हैं और भारी बारिश करते हैं। 
  • एक औसत वायुमंडलीय नदी लगभग 2,000 किमी लंबी, 500 किमी चौड़ी और लगभग 3 किमी गहरी होती है। 
  • ये “आसमान में बहने वाली नदियाँ” पृथ्वी के मध्य अक्षांशों में बहने वाले कुल जल वाष्प का लगभग 90% हिस्सा ले जाती हैं।

वायुमंडलीय नदियों का प्रभाव

  • जल वाष्प वायुमंडल के निचले हिस्से में एक पट्टी या स्तंभ बनाता है जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों से ठंडे अक्षांशों की ओर बढ़ता है और बारिश या बर्फ के रूप में नीचे आता है, जो बाढ़ या घातक हिमस्खलन का कारण बनने के लिए पर्याप्त विनाशकारी है। 
  • वैज्ञानिकों का कहना है कि जैसे-जैसे पृथ्वी तेजी से गर्म होती जा रही है, ये वायुमंडलीय नदियाँ लंबी, चौड़ी और अधिक तीव्र होती जा रही हैं, जिससे विश्व भर में करोड़ों लोग बाढ़ के खतरे में हैं।
वायुमंडलीय नदियों का प्रभाव

Source: DTE

ब्लू लाइन

पाठ्यक्रम: GS1/ विश्व भूगोल

समाचार में

  • संयुक्त राष्ट्र ने बताया कि इज़रायली सेना ने ब्लू लाइन के पास तैनात उसके शांति सैनिकों पर गोलीबारी की है।
ब्लू लाइन

ब्लू लाइन के बारे में

  • यह संयुक्त राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त 120 किलोमीटर की सीमा है, जिसे 2000 में दक्षिणी लेबनान से इज़रायली सैन्य बलों की वापसी को चिह्नित करने के लिए स्थापित किया गया था। 
  • यह लेबनान को इज़रायल और गोलान हाइट्स से अलग करता है, हालाँकि इसे आधिकारिक अंतरराष्ट्रीय सीमा के रूप में मान्यता नहीं दी गई है। 
  • यह रेखा नीली बैरल से बनी है और भूमध्य सागर से गोलान हाइट्स तक जाती है।

Source: TH

eMigrate V2.0 वेब पोर्टल

पाठ्यक्रम: GS2/ शासन; सरकारी पहल

सन्दर्भ

  • विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने eMigrate V2.0 वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप का उद्घाटन किया है।

परिचय

  • eMigrate पोर्टल विदेश जाने वाले भारतीय कामगारों के लिए सुरक्षित और कानूनी आवागमन चैनलों को बढ़ावा देता है।
  • उन्नत प्लेटफॉर्म 24/7 बहुभाषी हेल्पलाइन सहायता और फीडबैक के लिए एक सुविधा प्रदान करता है, जिससे विदेश में कामगारों, विशेष रूप से खाड़ी क्षेत्र में कार्य करने वालों के सामने आने वाली समस्याओं का समय पर निवारण सुनिश्चित होता है।
  • यह प्लेटफॉर्म विदेश में रोजगार के अवसरों के लिए वन-स्टॉप मार्केटप्लेस की पेशकश करके रोजगार चाहने वालों का भी समर्थन करता है।
  • यह पोर्टल सतत विकास लक्ष्यों के लिए 2030 एजेंडा के लक्ष्य 10 के अनुरूप है, जो लोगों के व्यवस्थित, सुरक्षित, नियमित और जिम्मेदार प्रवास और आवागमन की सुविधा को बढ़ावा देता है।

Source: AIR

डिप्थीरिया

पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य

सन्दर्भ

  • हाल ही में राजस्थान के डीग जिले में डिप्थीरिया के कारण बच्चों की मृत्यु हो गई।

परिचय

  • यह एक अत्यधिक फैलने वाला, संक्रामक रोग है जो कोरिनेबैक्टीरियम डिप्थीरिया नामक जीवाणु के कारण होता है।
    •  यह नवजात शिशुओं से लेकर 16 वर्ष की आयु तक के बच्चों को प्रभावित करता है। 
    • यह जीवाणु सबसे अधिक श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है।
    •  यह एक विष बनाता है जो श्वसन तंत्र में स्वस्थ ऊतकों को नष्ट कर देता है। 
  • लक्षण: गले में खराश, बुखार, ठंड लगना, लिम्फ नोड्स में सूजन, त्वचा पर घाव और कमजोरी। 
  • उपचार: एंटीबायोटिक्स और एक एंटीटॉक्सिन जो डिप्थीरिया विष को निष्प्रभावी करता है। इसका एक टीका उपलब्ध है। 
  • यह भारत में सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत आता है।

Source: IE

कैंसर के मामलों में तीव्र वृद्धि

पाठ्यक्रम:GS 2/स्वास्थ्य

समाचार में 

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान एवं अनुसंधान केंद्र के एक अध्ययन के अनुसार, भारत में कैंसर के मामलों और मृत्युओं में 2022 और 2045 के बीच तीव्रता से वृद्धि होने की उम्मीद है।

अध्ययन के बारे में

  • अध्ययन में ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) में कैंसर के रुझानों का आकलन किया गया, जिसमें दक्षिण अफ्रीका में भी इसी तरह के रुझान पाए गए।
  • घटनाओं में वृद्धि: 2020 की तुलना में 2025 तक भारत में कैंसर की घटनाओं में 12.8% की वृद्धि होने का अनुमान है, जो बढ़ती जीवन प्रत्याशा से जुड़ा है।
  • कैंसर के प्रमुख प्रकार:
    • पुरुषों में, प्रोस्टेट, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर सबसे सामान्य हैं।
      • भारत में तंबाकू के अधिक सेवन के कारण होंठ और मुंह के कैंसर के मामले काफी अधिक हैं। 
    • महिलाओं के लिए, ब्रिक्स देशों में स्तन कैंसर सबसे प्रमुख कैंसर प्रकार है, सिवाय चीन के, जहां फेफड़े का कैंसर अधिक प्रचलित है।
      • भारत और दक्षिण अफ्रीका में गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है।
  • कारक: निम्न सामाजिक-आर्थिक स्थिति और जीवनशैली जोखिम कारक मौखिक कैंसर की उच्च दरों में महत्वपूर्ण रूप से योगदान करते हैं।
  • वैश्विक प्रभाव: ब्रिक्स देशों में विश्व भर में नए स्तन कैंसर के मामलों और मृत्युओं का एक तिहाई से अधिक हिस्सा है, जो घटनाओं में वृद्धि का रुझान दर्शाता है।
    • भारत को छोड़कर सभी ब्रिक्स देशों में फेफड़ों का कैंसर मृत्यु का प्रमुख कारण है, जहाँ स्तन कैंसर सबसे आगे है।
    • श्वासनली, ब्रोन्कस और फेफड़ों के कैंसर विकलांगता समायोजित जीवन वर्ष (DALYs) में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं, लेकिन भारत में स्तन कैंसर सबसे महत्वपूर्ण है।

सुझाव

  • शोधकर्ताओं ने ब्रिक्स देशों में सतत आर्थिक विकास और वर्तमान कैंसर नियंत्रण योजनाओं के संदर्भ में कैंसर के परिणामों में सुधार के लिए कैंसर जोखिम कारकों और स्वास्थ्य प्रणालियों की जांच के महत्व पर बल दिया है।

Source :DTE

विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) 

पाठ्यक्रम:GS 3/अर्थव्यवस्था 

समाचार में

प्रधानमंत्री ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (WTSA) 2024 का उद्घाटन किया।

  • उन्होंने कार्यक्रम के दौरान इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 के 8वें संस्करण का भी उद्घाटन किया।

WTSA का परिचय 

  • यह अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) का शासी सम्मेलन है, जो प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित किया जाता है।
  • यह पहली बार है जब भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इस सम्मेलन की मेजबानी की जाएगी।
  • इस कार्यक्रम में 190 से अधिक देशों के 3,000 से अधिक नेता, नीति निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनका ध्यान दूरसंचार, डिजिटल और ICT क्षेत्रों पर था।
  • फोकस क्षेत्र: चर्चाओं में 6G, AI, IoT, बिग डेटा और साइबर सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के लिए मानकों के भविष्य को शामिल किया गया।
  • भारत के लिए महत्व: WTSA 2024 की मेजबानी भारत को वैश्विक दूरसंचार एजेंडा और भविष्य के प्रौद्योगिकी मानकों को प्रभावित करने की स्थिति में रखती है।
    • भारतीय स्टार्टअप और शोध संस्थानों से बौद्धिक संपदा अधिकारों एवं मानक आवश्यक पेटेंट में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त करने की उम्मीद है।
क्या आप जानते हैं ?
– एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच, इंडिया मोबाइल कांग्रेस, उद्योग, सरकार, शिक्षाविदों, स्टार्टअप और प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार पारिस्थितिकी तंत्र में अन्य प्रमुख हितधारकों के लिए अभिनव समाधान, सेवाओं तथा अत्याधुनिक उपयोग के मामलों को प्रदर्शित करने के लिए विश्व भर में एक प्रसिद्ध मंच बन गया है। 
– इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में 400 से अधिक प्रदर्शक, लगभग 900 स्टार्टअप और 120 से अधिक देशों की भागीदारी होगी। 
– इस कार्यक्रम का उद्देश्य 900 से अधिक प्रौद्योगिकी उपयोग के परिदृश्यों को प्रदर्शित करना, 100 से अधिक सत्रों की मेजबानी करना और 600 से अधिक वैश्विक एवं भारतीय वक्ताओं के साथ चर्चा करना है।

Source:PIB

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम

पाठ्यक्रम:  GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां

समाचार में

  • प्रधानमंत्री ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति (11वें) डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम के बारे में

  • डॉ. अवुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उन्हें “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में जाना जाता है। उन्होंने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता हासिल की। 
  • ​​प्रमुख योगदान: परियोजना निदेशक के रूप में, उन्होंने भारत का पहला स्वदेशी सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) विकसित किया, जिसने 1980 में रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च किया और PSLV कॉन्फ़िगरेशन में योगदान दिया।
    • उन्होंने DRDO में कार्य किया, एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (IGMDP) का नेतृत्व किया।
      •  अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों का विकास किया और रक्षा प्रणालियों में आत्मनिर्भरता पर ध्यान केंद्रित किया। 
    • उन्होंने रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया, पोखरण-II परमाणु परीक्षणों की देखरेख की जिसने भारत को एक परमाणु हथियार राज्य के रूप में स्थापित किया। 
    • उन्होंने प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC) की अध्यक्षता की, विशेषज्ञों को भारत के एक विकसित राष्ट्र के रूप में विकास के लिए एक रोडमैप बनाने के लिए मार्गदर्शन किया। 
    • उन्होंने 1999 से 2001 तक सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के रूप में कार्य किया, राष्ट्रीय विकास के लिए नीतियों और रणनीतियों को प्रभावित किया।
  • साहित्यिक योगदान: “विंग्स ऑफ़ फ़ायर”, “इंडिया 2020”, “माई जर्नी” और “इग्नाइटेड माइंड्स” सहित उल्लेखनीय पुस्तकें लिखीं, जिन्हें व्यापक रूप से पढ़ा गया और कई भाषाओं में अनुवादित किया गया।
  • पुरस्कार और सम्मान: उन्हें पद्म भूषण, पद्म विभूषण और सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

Source: PIB

यूरोपा क्लिपर

पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

सन्दर्भ

  • नासा ने बृहस्पति और उसके चंद्रमा यूरोपा की जांच के लिए यूरोपा क्लिपर लॉन्च किया है।

यूरोपा क्लिपर

  • यूरोपा क्लिपर नासा द्वारा ग्रहों की खोज के लिए बनाया गया सबसे बड़ा अंतरिक्ष यान है। 
  • इसे अपने गंतव्य तक पहुंचने में साढ़े पांच वर्ष लगेंगे और क्लिपर यूरोपा की सतह से सिर्फ 25 किलोमीटर की दूरी पर पहुंचेगा।

संरचना

  • अंतरिक्ष यान में बृहस्पति और सूर्य के बीच लंबी दूरी के लिए आवश्यक पर्याप्त बिजली उत्पन्न करने के लिए विशाल सौर पैनल हैं। 
  • अंतरिक्ष यान के मुख्य भाग में नौ वैज्ञानिक उपकरण हैं जिनमें यूरोपा के बर्फीले आवरण को भेदने के लिए रडार, इसकी सतह का मानचित्र बनाने के लिए कैमरे और इसके वायुमंडल एवं संरचना का विश्लेषण करने के लिए उपकरण शामिल हैं।

यूरोपा के बारे में

  • यूरोपा की खोज गैलीलियो गैलीली ने 1610 में की थी, साथ ही तीन अन्य चंद्रमाओं (आयो, गेनीमीड और कैलिस्टो) की भी खोज की थी, जिन्हें सामूहिक रूप से गैलीलियन चंद्रमा के रूप में जाना जाता है। 
  • यूरोपा एक बर्फ की चादर से ढका हुआ है जिसकी मोटाई 15 से 24 किमी होने का अनुमान है।
  •  वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इस बर्फ की चादर के नीचे एक भूमिगत महासागर हो सकता है, जो संभवतः 120 किमी तक गहरा हो सकता है। यह यूरोपा को हमारे सौर मंडल के अंदर अलौकिक जीवन की खोज के लिए एक प्रमुख उम्मीदवार बना रहा है।

Source: BS

गंगा और सिंधु नदी की डॉल्फ़िन

पाठ्यक्रम: GS3/ पर्यावरण

सन्दर्भ

  • हाल ही में भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) द्वारा डॉल्फिन की जनसँख्या के आकलन के लिए 8,000 किलोमीटर का जलीय सर्वेक्षण किया गया।

गंगा नदी डॉल्फिन (प्लैटनिस्टा गैंगेटिका)

  • विशेषताएँ: गंगा नदी डॉल्फिन मूलतः अंधी होती है और अल्ट्रासोनिक ध्वनि (इकोलोकेशन) तरंगों का उत्सर्जन करके शिकार करती है जो मछलियों और अन्य शिकार से टकराती हैं।
    • साँस लेते समय उत्पन्न होने वाली ध्वनि के कारण, जानवर को लोकप्रिय रूप से सुसु के रूप में जाना जाता है।
  • वितरण: यह भारत, नेपाल और बांग्लादेश के गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में वितरित है। यह केवल मीठे पानी में ही रह सकता है।
  • खतरा: गंगा नदी डॉल्फिन को जल विकास परियोजनाओं, प्रदूषण, शिकार और मछली पकड़ने के गियर में आकस्मिक पकड़ के कारण मृत्यु से गंभीर खतरों का सामना करना पड़ रहा है।
  • संरक्षण स्थिति: गंगा नदी डॉल्फिन को भारत सरकार के तहत संरक्षित किया गया है।
    • भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची 1,
    • लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) का परिशिष्ट 1 और
    • प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) का परिशिष्ट 1।
    • IUCN स्थिति: लुप्तप्राय
  • राष्ट्रीय एवं राज्य प्रतीक: गंगा नदी डॉल्फिन को 2009 में राष्ट्रीय जलीय प्रजाति और असम का राज्य जलीय पशु घोषित किया गया।

सिंधु नदी डॉल्फिन (प्लैटनिस्टा माइनर)

  • विशेषताएँ: सिंधु नदी डॉल्फिन कार्यात्मक रूप से अंधी भी होती है और शिकार को खोजने और नेविगेट करने के लिए इकोलोकेशन पर निर्भर करती है।
    • इसे सामान्यतः स्थानीय भाषाओं में भूलन के नाम से जाना जाता है। 
  • वितरण: सिंधु नदी डॉल्फिन पाकिस्तान में सिंधु नदी प्रणाली में पाई जाती है और भारत में ब्यास नदी में इसकी एक छोटी जनसँख्या उपस्थित है। 
  • खतरा: जल मोड़ परियोजनाओं ने इसके आवास क्षेत्र को काफी हद तक कम कर दिया है, जिससे जनसँख्या नदी के अलग-अलग हिस्सों तक सीमित हो गई है। 
  • संरक्षण स्थिति: भारत में भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I के तहत संरक्षित।
    • लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) का परिशिष्ट I।
    • प्रवासी प्रजातियों पर कन्वेंशन (CMS) का परिशिष्ट I।
    • IUCN स्थिति: लुप्तप्राय
  • राज्य प्रतीक: सिंधु नदी डॉल्फिन पंजाब का राज्य जलीय पशु है।

Source: DTE