पाठ्यक्रम: GS 3/अंतरिक्ष एवं रक्षा
समाचार में
- रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (DSA) द्वारा आयोजित पहला अंतरिक्ष अभ्यास, ‘अंतरिक्ष अभ्यास – 2024(Antariksha Abhyas – 2024)’ नई दिल्ली में शुरू हो गया है।
रक्षा अंतरिक्ष एजेंसी (DSA) के बारे में
- 2018 में स्थापित, यह भारतीय सशस्त्र बलों की एक एकीकृत त्रि-सेवा एजेंसी है जिसका मुख्यालय बेंगलुरु, कर्नाटक में है।
- इसका कार्य भारत के अंतरिक्ष-युद्ध और सैटेलाइट इंटेलिजेंस परिसंपत्तियों का संचालन करना है।
अभ्यास का महत्व/आवश्यकता
- अंतरिक्ष अभ्यास अपनी तरह का पहला अभ्यास है और इससे अंतरिक्ष में राष्ट्रीय रणनीतिक उद्देश्यों को सुरक्षित करने और सैन्य अभियानों में भारत की अंतरिक्ष क्षमता को एकीकृत करने में सहयात प्राप्त होने की संभावना है।
- आधुनिक रक्षा में अंतरिक्ष संपत्तियां आवश्यक हैं, लेकिन एंटी-सैटेलाइट हथियारों, साइबर हमलों और अंतरिक्ष मलबे जैसे खतरों के प्रति तेजी से संवेदनशील हैं।
- चूंकि अंतरिक्ष तेजी से भीड़भाड़ वाला, विवादित और प्रतिस्पर्धी होता जा रहा है, इसलिए अंतरिक्ष अभ्यास का उद्देश्य अंतरिक्ष आधारित सेवाओं के मना या व्यवधान की स्थिति में संचालन के संचालन में कमजोरियों की पहचान करना है।
क्या आप जानते हैं? – मार्च 2019 में, भारत ने मिशन शक्ति (एक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल परीक्षण) का सफलतापूर्वक संचालन किया और पूर्ण स्वदेशी तकनीक के आधार पर बाहरी अंतरिक्ष में एक उपग्रह को रोकने और नष्ट करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। – इस परीक्षण के साथ, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन से युक्त अंतरिक्ष यात्रा करने वाले देशों के एक विशेष समूह में शामिल हो गया। |
Source: PIB
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