रोग एक्स(Disease X)

पाठ्यक्रम: GS2/ स्वास्थ्य

समाचार में

  • हाल ही में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में सामने आए प्रकोप, जिसे अभी तक वर्गीकृत नहीं किया गया है, ने यह चिंता उत्पन्न कर दी है कि यह रोग एक्स का उदाहरण हो सकता है।

रोग एक्स क्या है?

  • अज्ञात खतरा: रोग एक्स भविष्य में महामारी की वास्तविक संभावना को दर्शाता है, जो एक ऐसे रोगाणु के कारण हो सकती है, जिसके बारे में विज्ञान को अभी तक कोई जानकारी नहीं है। यह संभावित वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के लिए एक स्थानापन्न नाम है।
  • संभावित उत्पत्ति: यह विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न हो सकता है, जिसमें जूनोटिक स्पिलओवर (पशु से मानव में संचरण), रोगाणुरोधी प्रतिरोध, या यहां तक ​​कि जैव आतंकवाद भी शामिल है।
  • गंभीरता: यह पूर्वानुमान कि रोग एक्स SARS-CoV-2 से 20 गुना अधिक घातक हो सकता है, विनाशकारी परिणामों की संभावना को रेखांकित करता है।

रोग एक्स चिंता का विषय क्यों है?

  • अप्रत्याशितता: रोग एक्स का उद्भव, संचरण और प्रभाव अनिश्चित है, जिससे इसके लिए तैयारी करना कठिन हो जाता है।
  • वैश्वीकृत विश्व: बढ़ती यात्रा, व्यापार और अंतर्संबंधों के कारण विश्व भर में बीमारियों का तेजी से फैलना आसान हो गया है।
  • पर्यावरणीय कारक: वनों की कटाई, शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन पारिस्थितिकी तंत्र को बाधित कर रहे हैं और जूनोटिक रोगों का खतरा बढ़ा रहे हैं।
  • सीमित जानकारी: हमने केवल उन रोगाणुओं के एक छोटे से अंश की ही पहचान की है जो संभावित रूप से मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।

रोग एक्स की भविष्यवाणी और तैयारी में चुनौतियाँ

  • अप्रत्याशित उद्भव: नए रोगों के उद्भव के लिए जिम्मेदार कारकों की जटिल अंतर्क्रिया, पूर्वानुमान लगाना चुनौतीपूर्ण बना देती है।
  • विशाल रोगजनक पूल: लाखों अज्ञात वायरस वन्य जीवों में उपस्थित हैं, जो मनुष्यों तक पहुँचने की क्षमता रखते हैं।
  • जलवायु परिवर्तन: रोग पैटर्न में परिवर्तन और वेक्टर जनित बीमारियों की सीमा का विस्तार।
  • संसाधन असमानता: देशों के बीच स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढाँचे  में असमानताएँ प्रभावी प्रतिक्रियाओं में बाधा डाल सकती हैं।

वैश्विक और राष्ट्रीय पहल

  • WHO प्राथमिकता रोगजनकों की सूची: इस सूची में रोग एक्स को शामिल करने से चिकित्सा प्रतिवादों के सक्रिय अनुसंधान एवं विकास की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया है।
  • वैश्विक पहल: WHO  महामारी संधि, महामारी कोष, mRNA प्रौद्योगिकी केंद्र और अन्य पहलों का उद्देश्य वैश्विक सहयोग एवं तैयारियों को मजबूत करना है।
  • भारतीय पहल: भारत में IDSP, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान जैसे कार्यक्रम हैं, तथा रोग निगरानी, ​​अनुसंधान एवं टीका विकास पर केंद्रित जैव प्रौद्योगिकी पहल भी हैं।

Source: IE