पाठ्यक्रम: GS2/ राजव्यवस्था और शासन व्यवस्था
सन्दर्भ
- लोकसभा ने रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया।
विधेयक के मुख्य उद्देश्य
- विधिक ढांचे का सरलीकरण: भारतीय रेलवे बोर्ड अधिनियम, 1905 को रेलवे अधिनियम, 1989 के साथ विलय किया गया।
- रेलवे बोर्ड को वैधानिक समर्थन: यह विधेयक रेलवे बोर्ड को विधिक मंजूरी प्रदान करने के लिए रेलवे अधिनियम, 1989 में संशोधन करता है।
- वैधानिक शक्तियों का उद्देश्य रेलवे बोर्ड की कार्यप्रणाली और स्वतंत्रता को बढ़ाना है।
- शक्तियों का विकेंद्रीकरण: रेलवे जोनों को बजट, बुनियादी ढांचे और भर्ती का स्वतंत्र रूप से प्रबंधन करने के लिए अधिक स्वायत्तता प्रदान करता है।
- स्वतंत्र नियामक की स्थापना: टैरिफ को विनियमित करने, सुरक्षा सुनिश्चित करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने के लिए एक स्वायत्त निकाय की स्थापना की गई है।
रेलवे क्षेत्र के बारे में
- यात्री यातायात की दृष्टि से भारत विश्व के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है।
- भारत की रेलवे प्रणाली विश्व में चौथी सबसे बड़ी है, तथा यह अमेरिका, रूस और चीन से ही पीछे है।
- भारतीय रेलवे की कुल लंबाई 126,366 किमी है और इसमें 7,335 स्टेशन हैं।
- 2023-24 के दौरान 5100 किमी लम्बे ट्रैक का निर्माण किया।
रेलवे क्षेत्र में चुनौतियाँ
- पुराना बुनियादी ढांचा: रेलवे का अधिकांश बुनियादी ढांचा, जिसमें पटरियां, स्टेशन एवं सिग्नलिंग प्रणालियां शामिल हैं, पुराना हो चुका है और दुर्घटनाओं का जोखिम बना रहता है।
- वित्तीय स्थिरता: भारतीय रेलवे उच्च परिचालन लागत और घटते माल ढुलाई राजस्व से ग्रस्त है, जिसके कारण वित्तीय तनाव उत्पन्न हो रहा है।
- सुरक्षा संबंधी चिंताएं: सुधारों के बावजूद, मानवीय भूल, पटरी से उतरना और टकराव के कारण होने वाली रेल दुर्घटनाएं एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।
- क्षमता संबंधी बाधाएं: उच्च घनत्व वाले मार्गों पर प्रायः भीड़भाड़ और देरी होती है, जिससे यात्री संतुष्टि प्रभावित होती है।
- निजी भागीदारी का अभाव: निजी खिलाड़ियों की सीमित भागीदारी निवेश और तकनीकी प्रगति को प्रतिबंधित करती है।
आगे की राह
- आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना: तकनीकी उन्नयन को अपनाने में तेजी लाना, जैसे कि AI-सक्षम निगरानी प्रणाली, हाई-स्पीड ट्रेनें और स्वचालित सिग्नलिंग।
- वित्तीय पुनर्गठन: क्रॉस-सब्सिडी मुद्दों का समाधान करना तथा माल ढुलाई गलियारों, पर्यटन ट्रेनों और परिसंपत्तियों के व्यावसायीकरण के माध्यम से राजस्व धाराओं में विविधता लाना।
- सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP): बुनियादी ढांचे के विकास, रोलिंग स्टॉक और परिचालन में निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल नीति ढांचा विकसित करना।
- क्षमता विस्तार: बढ़ती मांगों को पूरा करने के लिए उच्च घनत्व वाले मार्गों पर क्षमता बढ़ाना और समर्पित माल ढुलाई गलियारे विकसित करना।
निष्कर्ष
- रेलवे (संशोधन) विधेयक, 2024 एक ऐतिहासिक सुधार है जिसका उद्देश्य भारतीय रेलवे को एक आधुनिक, कुशल और प्रतिस्पर्धी परिवहन प्रणाली में परिवर्तन है।
- शासन, सुरक्षा और निजी भागीदारी से संबंधित चुनौतियों का समाधान करके यह विधेयक रेलवे क्षेत्र को सतत और भविष्य के लिए तैयार बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
Source: TH
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