अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान: ILO

पाठ्यक्रम :GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध /GS  3/अर्थव्यवस्था

समाचार में

  • अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी श्रमिकों पर वैश्विक अनुमान रिपोर्ट जारी की गई।

प्रमुख निष्कर्ष

  • श्रम बल: : 2022 में, अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों ने वैश्विक श्रम बल का 4.7% हिस्सा बनाया, जो कुल 167.7 मिलियन था, जो 2013 से 30 मिलियन से अधिक की वृद्धि है।
    • 167.7 मिलियन प्रवासियों में से 102.7 मिलियन पुरुष और 64.9 मिलियन महिलाएँ थीं।
  • क्षेत्रीय प्रवृति: यूरोप और मध्य एशिया में 34.5% प्रवासी श्रमिक (57.8 मिलियन) हैं।
    •  उत्तरी, दक्षिणी और पश्चिमी यूरोप में प्रवासियों की हिस्सेदारी 2013 में 22.5% से बढ़कर 2022 में 23.3% हो गई, जबकि अन्य क्षेत्रों में मामूली गिरावट देखी गई।
    • 68% से अधिक प्रवासी उच्च आय वाले देशों में थे, मुख्य रूप से उत्तरी, दक्षिणी एवं पश्चिमी यूरोप में; उत्तरी अमेरिका; और अरब राज्य।
  • क्षेत्र रोजगार: 68.4% प्रवासी श्रमिक सेवा क्षेत्र में कार्यरत थे, विशेष रूप से देखभाल और घरेलू कार्यों में, इस क्षेत्र में 30% प्रवासी महिलाएँ एवं 12.4% प्रवासी पुरुष कार्यरत थे।
  • गैर-प्रवासी लोगों से तुलना: 19.2% गैर-प्रवासी महिलाएँ और 6.2% गैर-प्रवासी पुरुष देखभाल एवं घरेलू कार्यों में कार्यरत थे।

मुद्दे एवं चिंताएँ 

  • उच्च बेरोजगारी दर: प्रवासियों को गैर-प्रवासियों (5.2%) की तुलना में उच्च बेरोजगारी दर (7.2%) का सामना करना पड़ा, जिसमें महिलाएँ अधिक प्रभावित हुईं।
  • रोजगार में लैंगिक असमानताएँ: प्रवासी महिलाओं का रोजगार-जनसंख्या अनुपात 48.1% था, जबकि प्रवासी पुरुषों के लिए यह 73% था।
  • रोजगार में बाधाएँ: लिंग असमानताएँ भाषा संबंधी बाधाओं, गैर-मान्यता प्राप्त योग्यताओं, भेदभाव, बच्चों की देखभाल के सीमित विकल्प और लिंग आधारित अपेक्षाओं जैसे कारकों से प्रेरित हो सकती हैं।

सुझाव

  • वैश्विक श्रम की कमी को दूर करने और आर्थिक विकास में योगदान देने में प्रवासी श्रमिक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • उनके अधिकारों की रक्षा करना तथा सभ्य कार्य तक उनकी पहुँच सुनिश्चित करना नैतिक और आर्थिक दोनों ही आवश्यकता है।
  • रिपोर्ट में सभ्य कार्य तक पहुँच में सुधार और प्रवासी श्रमिकों की सुरक्षा के लिए लक्षित नीतियों की माँग की गई है।
  • रोजगार के अवसरों तक समान पहुँच सुनिश्चित करना सतत् विकास और समावेशी श्रम बाजारों के लिए महत्त्वपूर्ण है।

Source: TH