भारत-कुवैत ने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया

पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संदर्भ

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कुवैत की आधिकारिक यात्रा की, जो भारत-कुवैत संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण था।
    • कुवैत की यात्रा करने वाली अंतिम भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं, जिन्होंने 1981 में यह यात्रा की थी।

मुख्य विशेषताएँ

  • रणनीतिक साझेदारी: भारत और कुवैत ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। 
  • रक्षा के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसका उद्देश्य संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण, तटीय रक्षा और समुद्री सुरक्षा के माध्यम से संबंधों को सुदृढ़ करना है। 
  • दोनों देशों ने 2025-2028 के लिए खेल के क्षेत्र में सहयोग पर कार्यकारी कार्यक्रम पर हस्ताक्षर किए।
    • इससे खेल के क्षेत्र में सहयोग मजबूत होगा। 
  • दोनों देशों ने 2025-29 के लिए सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम (CEP) पर हस्ताक्षर किए। 
  • प्रधानमंत्री मोदी को कुवैत राज्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ से सम्मानित किया गया।

भारत-कुवैत संबंध  

  • राजनीतिक संबंध: भारत 1961 में ब्रिटिश प्रोटेक्टरेट से अपनी स्वतंत्रता के पश्चात् कुवैत के साथ राजनयिक संबंध स्थापित करने वाले पहले देशों में से एक था।
    • हाल ही में भारत और कुवैत के मध्य एक संयुक्त सहयोग आयोग (JCC) की स्थापना की गई थी, ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के पूरे स्पेक्ट्रम की समीक्षा एवं निगरानी की जा सके।
  •  ऊर्जा साझेदारी: कुवैत एक महत्त्वपूर्ण  ऊर्जा साझेदार है, जो भारत का छठा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्त्ता और चौथा सबसे बड़ा LPG आपूर्तिकर्त्ता है।
    •  इसके पास वैश्विक तेल भंडार का लगभग 6.5% भाग है, जो भारत की ऊर्जा सुरक्षा में इसकी रणनीतिक भूमिका को रेखांकित करता है। 
  • भारतीय समुदाय: भारतीय कुवैत की कुल जनसंख्या का 21 प्रतिशत (1 मिलियन) और इसके कार्यबल का 30 प्रतिशत (लगभग 9 लाख) बनाते हैं।
    •  भारतीय कर्मचारी निजी क्षेत्र के साथ-साथ घरेलू क्षेत्र के कार्यबल सूची में शीर्ष पर हैं। 
  • व्यापार संबंध: कुवैत भारत के शीर्ष व्यापारिक भागीदारों में से एक बना हुआ है, जिसका वित्तीय वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार $10.47 बिलियन है।
  •  चिकित्सा सहयोग: 2012 में चिकित्सा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें प्रगति की समीक्षा के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना की गई थी।
    • कोविड-19 महामारी के दौरान, कुवैत ने 425 मीट्रिक टन से अधिक तरल चिकित्सा ऑक्सीजन, ऑक्सीजन सांद्रक, वेंटिलेटर आदि की आपूर्ति की।

आगे की राह

  • भारत-कुवैत व्यापार साझेदारी को भारत-GCC मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन, प्रौद्योगिकी, कृषि एवं विनिर्माण में व्यापार का विस्तार, तथा व्यापार सुविधा में सुधार के माध्यम से अधिक मजबूती मिल सकती है। 
  • दोनों देशों को संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर मिलकर कार्य करना चाहिए, जिसमें सुरक्षा परिषद की सदस्यता का विस्तार करना शामिल है, ताकि इसे अधिक प्रतिनिधिक अधिक प्रभावी बनाया जा सके। 
  • भारत की ऊर्जा सुरक्षा में कुवैत की भूमिका को ध्यान में रखते हुए, दोनों देशों को अक्षय ऊर्जा साझेदारी, विशेष रूप से सौर ऊर्जा में, का पता लगाना चाहिए, तथा अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में कुवैत की सदस्यता का लाभ उठाना चाहिए।

Source: PIB