रक्षा क्षेत्र में अग्रणी प्रौद्योगिकियों में निपुणता की आवश्यकता

पाठ्यक्रम: GS3/रक्षा

संदर्भ

  • भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी वॉर कॉलेज (AWC), महू में अधिकारियों को संबोधित करते हुए आज के गतिशील विश्व में अग्रणी प्रौद्योगिकियों में निपुणता प्राप्त करने के महत्त्व पर प्रकाश डाला।

फ्रंटियर प्रौद्योगिकियाँ क्या हैं?

  • फ्रंटियर प्रौद्योगिकियाँ तकनीकी विकास में सबसे अग्रणी अत्याधुनिक, परिवर्तनकारी नवाचार हैं। 
  • इनमें उच्च स्तर का नवाचार शामिल है और पारंपरिक प्रक्रियाओं को बाधित करने, दक्षता में सुधार करने एवं जटिल चुनौतियों को हल करने की उनकी क्षमता की विशेषता है।

वॉरफेयर में आमूलचूल परिवर्तन

  • अपरंपरागत वॉरफेयर : पारंपरिक से हाइब्रिड वॉरफेयर में बदलाव पारंपरिक और गैर-पारंपरिक रणनीति को एकीकृत करता है।
    • अपरंपरागत रणनीतियाँ प्रॉक्सी वॉरफेयर और गुरिल्ला ऑपरेशन जैसे असममित तरीकों पर ध्यान केंद्रित करती हैं। 
  • सूचना वॉरफेयर : इसमें सार्वजनिक धारणा और निर्णय लेने में संशोधन करने के लिए गलत सूचना, भ्रामक सूचना और मनोवैज्ञानिक रणनीति का उपयोग शामिल है। 
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) वॉरफेयर : AI-आधारित प्रौद्योगिकियाँ रणनीतिक निर्णय लेने के लिए स्वायत्त हथियारों और पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण को सक्षम बनाती हैं। 
  • इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और स्पेस वारफेयर: यह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स (EMPs) के माध्यम से शत्रु के संचार और रडार सिस्टम को बाधित करता है।
    • स्पेस वॉरफेयर में संचार और निगरानी के लिए महत्त्वपूर्ण उपग्रह अवसंरचना को सुरक्षित करना शामिल है। 
  • साइबर हमले: यह रक्षा, ऊर्जा और बैंकिंग प्रणालियों जैसे महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को लक्षित करता है।

सैन्य प्रशिक्षण केंद्रों की भूमिका

  • फ्रंटियर प्रौद्योगिकियों में कौशल विकास: AI, रोबोटिक्स, क्वांटम कंप्यूटिंग और साइबर सुरक्षा में सैनिकों को प्रशिक्षण देना।
  • अनुसंधान और विकास: अत्याधुनिक तकनीकों को नया रूप देने के लिए रक्षा अनुसंधान संस्थानों के साथ सहयोग करना।
  • एकीकृत युद्ध प्रशिक्षण: भूमि, समुद्र, वायु और स्पेस वॉरफेयर रणनीतियों का क्रॉस-डोमेन एकीकरण।

सरकार की पहल

  • रक्षा और एयरोस्पेस पारिस्थितिकी तंत्र के अंदर नवाचार को सक्षम करने के लिए iDEX (रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार) और DTIS (रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना) जैसी सरकारी योजनाएँ।
  • प्रौद्योगिकी विकास निधि (TDF) का उद्देश्य सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना है।
  • यह रक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (R&D) गतिविधियों का समर्थन करता है।
  • रक्षा नवाचार संगठन (DIO) का उद्देश्य रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार, निजी उद्योग और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है।

चुनौतियाँ

  • तकनीकी पिछड़ापन, क्योंकि अपर्याप्त स्वदेशी विकास के कारण विदेशी प्रौद्योगिकी पर निर्भरता है।
  • साइबर भेद्यताएँ: महत्त्वपूर्ण रक्षा प्रणालियों में साइबर उल्लंघन का जोखिम है।
  • सीमांत प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास तथा प्रशिक्षण के लिए सीमित बजट आवंटन के कारण संसाधन की कमी।

आगे की राह

  • वैश्विक सहयोग: सहयोगी देशों के साथ प्रौद्योगिकी-साझाकरण समझौतों और संयुक्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों में शामिल होने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत के पास नवीनतम सैन्य नवाचारों और परिचालन रणनीतियों तक पहुँच होगी। 
  • नैतिक उपयोग: युद्ध में उन्नत प्रौद्योगिकियों का उपयोग सुरक्षित और नैतिक दोनों हो, यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत कानूनी और शासन ढाँचा आवश्यक है।
  • प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण: भारत को घरेलू नवाचार और विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों को सुदृढ़ करने की आवश्यकता है।

Source: TOI