सरकार ने हितधारकों के परामर्श के लिए विदेश व्यापार नीति, 2023 में संशोधन किया

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था

समाचार में 

  • विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) ने विदेश व्यापार नीति, 2023 में संशोधन किया है, जिसमें नीति तैयार करने या संशोधित करने से पहले अनिवार्य हितधारक परामर्श के लिए एक कानूनी फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है।
    • यह संशोधन विदेशी व्यापार (विकास एवं विनियमन) अधिनियम, 1992 के अंतर्गत किया गया।

FTP 2023 का परिचय  

  • उद्देश्य: निर्यातकों के लिए इसे सुलभ बनाने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित एवं  स्वचालित करना।
    • 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात प्राप्त करना।
  • प्रमुख विशेषताऐं:
    • निर्यात केन्द्र के रूप में जिले: क्षेत्रीय स्तर पर निर्यात को समर्थन देने के लिए बुनियादी ढाँचे (लॉजिस्टिक्स, परीक्षण, कनेक्टिविटी) का विकास करना।
    • विस्तारित निर्यात संवर्धन पूँजीगत वस्तुएँ (EPCG) योजना: पूँजीगत वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस योजना के अंतर्गत PM MITRA (प्रधानमंत्री मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र एवं परिधान पार्क) जैसी प्रमुख पहलों को शामिल किया जाएगा।
    • डिजिटल अर्थव्यवस्था फोकस: डिजिटल अर्थव्यवस्था में सीमा पार व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र स्थापित करना।
    • निर्यातक मान्यता: उच्च प्रदर्शन करने वाले निर्यातकों को मान्यता देना तथा उन्हें क्षमता निर्माण पहलों में सम्मिलित  करना।
    • सुव्यवस्थित (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण एवं  प्रौद्योगिकियाँ) नीति: नियंत्रित वस्तुओं के जिम्मेदार निर्यात को सुनिश्चित करते हुए दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं और प्रौद्योगिकियों तक पहुँच  में सुधार करना।

संशोधनों का प्रभाव

  • व्यापार करने में सुलभता: इसका प्राथमिक उद्देश्य व्यापार नीति निर्णयों में हितधारकों के साथ अधिक भागीदारी एवं सहयोग को बढ़ावा देकर भारत में व्यापार करने की सुलभता में सुधार करना है।
  • समावेशिता: हितधारकों को शामिल करके नीति निर्माण में समावेशिता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देना, साथ ही स्वप्रेरणा से निर्णय लेकर असाधारण परिस्थितियों का समाधान करने के लिए सरकार के अधिकार को बनाए रखना।
  • बेहतर प्रतिस्पर्धात्मकता: जिला केन्द्रों, ई-कॉमर्स सुविधा एवं निर्यातकों के लिए क्षमता निर्माण जैसी पहलों के साथ, AFTP 2023 भारत की वैश्विक व्यापार प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के लिए तैयार है, जो 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर के निर्यात के लक्ष्य के अनुरूप है।

Source: PIB