रानी वेलु नचियार
पाठ्यक्रम :GS 1/इतिहास
समाचार में
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी वेलु नचियार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
रानी वेलु नाचियार
- 1730 में जन्मी रानी वेलु नचियार ब्रिटिश शासन के विरुद्ध लड़ने वाली भारत की प्रथम रानी थीं।
- तमिलों द्वारा “वीरमंगई” (बहादुर महिला) के रूप में जानी जाती हैं।
- उनके जीवन की प्रमुख घटनाएँ: अपने पति की हत्या के पश्चात्, उन्होंने आठ वर्ष हैदर अली के संरक्षण में व्यतीत किए।
- उन्होंने अपनी सेना तैयार की और अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अंग्रेजों से मुकाबला करने की योजना बनाई।
- अंग्रेजों को हराना: 1780 में, उन्होंने अपनी सेना एवं सहयोगियों की सहायता से अंग्रेजों को पराजित किया और अपना साम्राज्य पुनः प्राप्त कर लिया।
- उनकी विजय को भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्त्वपूर्ण अध्याय माना जाता है।
- अभिनव रणनीति: रानी वेलु नचियार को इतिहास में प्रथम बार आत्मघाती हमले की रणनीति का उपयोग करने का श्रेय दिया जाता है।
- भाषा दक्षता: वह फ्रेंच, अंग्रेजी एवं उर्दू में कुशल थी।
- विरासत: रानी वेलु नचियार बहादुरी, सशक्तिकरण एवं अन्याय के विरुद्ध लड़ने के साहस का प्रतीक हैं। उनका जीवन पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।
Source: PIB
सावित्रीबाई फुले जयंती
पाठ्यक्रम: GS1/ समाचारों में इतिहास एवं व्यक्तित्व
संदर्भ
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिक्षा एवं सामाजिक सुधार के क्षेत्र में अग्रणी सावित्रीबाई फुले को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
सावित्रीबाई फुले का परिचय
- जन्म : 3 जनवरी, 1831, महाराष्ट्र के सतारा जिले के नायगाँव गाँव में।
- विवाह: 1840 में, नौ वर्ष की आयु में, उनका विवाह ज्योतिराव फुले से हुआ, जो उस समय सिर्फ 13 वर्ष के थे।
- शिक्षा: औपचारिक रूप से भारत की प्रथम महिला शिक्षिका के रूप में मान्यता प्राप्त। 1848 में, इस दंपति ने पुणे के भिड़े वाडा में लड़कियों के लिए देश का प्रथम स्कूल स्थापित किया।
- बालहत्या प्रतिबंधक गृह: 1863 में, ज्योतिबा फुले एवं सावित्रीबाई ने बालहत्या प्रतिबंधक गृह की शुरुआत की, जो शिशुहत्या पर रोक लगाने के लिए समर्पित भारत का प्रथम घर था।
- उन्होंने अन्य सामाजिक मुद्दों के अतिरिक्त अंतर्जातीय विवाह, विधवा पुनर्विवाह, बाल विवाह, सती एवं दहेज प्रथा के उन्मूलन की भी समर्थन किया।
- 1873 में फुले दंपत्ति ने सत्यशोधक समाज (ट्रुथ सीकर सोसिएटी) की स्थापना की, जो जाति, धर्म या वर्ग पदानुक्रम से परे सभी के लिए खुला मंच था, जिसका एकमात्र उद्देश्य सामाजिक समानता लाना था।
- साहित्यिक कृतियाँ: काव्य फुले (कविता का पुष्प), 1854 में और बावन काशी सुबोध रत्नाकर (शुद्ध रत्नों का सागर), 1892 में।
Source: PIB
डेटा संरक्षण कानून पर मसौदा नियम
पाठ्यक्रम :GS 2/शासन व्यवस्था
समाचार में
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (DPDP अधिनियम) को लागू करने के लिए डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 का मसौदा तैयार किया है।
- DPDP अधिनियम, 2023 का उद्देश्य व्यक्तियों के अपने व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के अधिकार को व्यक्तिगत डेटा के वैध प्रसंस्करण की आवश्यकता के साथ संतुलित करना है।
डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियम, 2025 का परिचय
- मसौदा नियम SARAL ढाँचे का पालन करते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि वे सरल भाषा का उपयोग करते हैं, स्पष्ट संदर्भगत परिभाषाएँ प्रदान करते हैं, तथा आसान समझ के लिए चित्रण को सम्मिलित किया गया है।
- इन नियमों का उद्देश्य भारत में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए कानूनी ढाँचे को सुदृढ़ करना है।
- मसौदा नियमों की मुख्य विशेषताएँ: डेटा फिड्यूशरीज़ (व्यक्तिगत डेटा को संसाधित करने वाली संस्थाएँ) के लिए व्यक्तियों को सूचित करने की आवश्यकताएँ।
- सहमति-संबंधी गतिविधियों को संभालने वाले सहमति प्रबंधकों के लिए पंजीकरण एवं दायित्व।
- सब्सिडी, लाभ, सेवाएँ आदि जारी करने के लिए सरकार द्वारा व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के नियम।
- व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए उचित सुरक्षा उपायों की आवश्यकताएँ।
- व्यक्तिगत डेटा उल्लंघनों के बारे में व्यक्तियों को सूचित करने का दायित्व।
- व्यक्ति अपने व्यक्तिगत डेटा के संबंध में अपने अधिकारों का प्रयोग कैसे कर सकते हैं, इसका विवरण देने वाले प्रावधान।
- बच्चों या विकलांग व्यक्तियों के डेटा के प्रसंस्करण के लिए दिशानिर्देश।
- डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना के लिए रूपरेखा, जिसमें अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति एवं सेवा शर्तें शामिल हैं।
Source: TH
रमेश चंद समिति
पाठ्यक्रम: GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- भारत सरकार ने देश के थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को संशोधित करने के लिए रमेश चंद समिति के गठन की घोषणा की, जिसका वर्तमान आधार वर्ष 2011-12 के स्थान पर नया आधार वर्ष 2022-23 होगा।
सन्दर्भ
- WPI में पहले भी संशोधन हो चुके हैं, अंतिम बार इसका अद्यतन 2015 में हुआ था, जब आधार वर्ष को 2004-05 से परिवर्तित 2011-12 कर दिया गया था।
- थोक मूल्य सूचकांक (WPI) को अद्यतन करने का प्राथमिक उद्देश्य उत्पादक स्तर पर मुद्रास्फीति का अधिक सटीक प्रतिनिधित्व प्रदान करना है।
- वर्तमान में, WPI केवल वस्तुओं पर ही केंद्रित है तथा सेवा क्षेत्र को नजरअंदाज करता है, जो भारत के आर्थिक उत्पादन में आधे से अधिक का योगदान देता है।
- इस सीमा को संबोधित करने के लिए, सरकार अधिक समावेशी उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) में परिवर्तन करने की योजना बना रही है। इस परिवर्तन का उद्देश्य वस्तुओं और सेवाओं दोनों को सम्मिलित करके आर्थिक गतिविधि की एक व्यापक श्रेणी को शामिल करना है, जिससे मुद्रास्फीति का अधिक व्यापक और सटीक माप सुनिश्चित हो सके।
रमेश चंद समिति
- नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद की अध्यक्षता वाला पैनल नए उत्पादक मूल्य सूचकांक (PPI) की कार्यप्रणाली एवं संरचना की भी समीक्षा करेगा।
- उद्देश्य: समूह का कार्य मूल्य संग्रहण प्रणाली में सुधार का आकलन और सुझाव देना, दोनों सूचकांकों के लिए गणना विधियों को परिष्कृत करना, तथा WPI से PPI में संक्रमण के लिए रोडमैप विकसित करना है।
- सूचकांकों की विश्वसनीयता के लिए एवं सुधार का प्रस्ताव भी रखा जाएगा। अंतिम रिपोर्ट 30 जून, 2026 तक प्रस्तुत की जानी है।
Source :TH
वस्त्र उद्योग के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी
पाठ्यक्रम: GS3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- भारत 2023 में विश्व में वस्त्र एवं परिधान (T&A) का छठा सबसे बड़ा निर्यातक होगा।
परिचय
- वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी: वस्त्र एवं परिधान के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 3.9% है।
- निर्यात में हिस्सेदारी: भारत के कुल निर्यात में हस्तशिल्प सहित T&A की हिस्सेदारी 2023-24 में 8.21% है।
- वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान इसमें 7% की वृद्धि दर्ज की गई।
- प्रमुख गंतव्य: संयुक्त राज्य अमेरिका एवं यूरोपीय संघ तथा कुल वस्त्र एवं परिधान निर्यात में लगभग 47% हिस्सेदारी।
Source: PIB
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV)
पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य एवं GS3/ विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के मामलों में तीव्र वृद्धि दर्ज हो रही है, जो विशेष रूप से 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को प्रभावित कर रहा है।
HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) का परिचय
- प्रकृति: एक श्वसन वायरस जो सामान्यतः हल्का संक्रमण उत्पन्न करता है, जो सामान्य सर्दी के लक्षणों जैसा होता है।
- खोज: सर्वप्रथम वर्ष 2001में खोजा गया HMPV, रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस (RSV) के साथ न्यूमोविरिडे परिवार से संबंधित है।
- संचरण: कोविड-19 के समान, HMPV भी संक्रमित व्यक्ति के खाँसने या छींकने पर श्वसन बूंदों के माध्यम से प्रसारित होता है।
- लक्षण: खाँसी, बुखार, साँस लेने में तकलीफ, साथ ही ब्रोंकाइटिस एवं निमोनिया जैसी जटिलताएँ भी हो सकती हैं।
- उपचार: वर्तमान में, HMPV के उपचार के लिए कोई टीका या विशिष्ट एंटीवायरल उपलब्ध नहीं है और अधिकाँश लोग बुखार एवं दर्द से राहत पाने के लिए बिना डॉक्टर के पर्चे के मिलने वाली दवाओं पर निर्भर रहते हैं।
Source: TH
भारत की पहली ‘तटीय-जलचर पक्षी जनगणना (Coastline-Waders Bird Census)’
पाठ्यक्रम: GS3/पारिस्थितिकी एवं जैव विविधता
संदर्भ
- गुजरात जामनगर स्थित समुद्री राष्ट्रीय उद्यान एवं अभयारण्य में देश की प्रथम तटीय एवं जलीय पक्षियों की जनगणना करने जा रहा है।
परिचय
- यह गणना राज्य वन विभाग एवं गुजरात पक्षी संरक्षण सोसायटी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाएगी।
- वेडर पक्षी(Waders Bird):
- इन्हें शोरबर्ड या सैंडपाइपर के नाम से भी जाना जाता है, ये पक्षियों का एक समूह है जो सामान्यतः तटीय आवासों या आर्द्रभूमि में पाया जाता है।
- उनकी विशेषता है लंबे पैर, पतला शरीर, तथा प्रायः लंबी चोंच, जिसका उपयोग वे कीड़े-मकोड़ों जैसे भोजन की खोज में रहते हैं।
- समुद्री राष्ट्रीय उद्यान:
- गुजरात स्थित समुद्री राष्ट्रीय उद्यान एवं समुद्री अभयारण्य भारत का प्रथम नामित समुद्री राष्ट्रीय उद्यान है।
- देवभूमि द्वारका, जामनगर और मोरबी जिलों में विस्तृत यह लगभग 170 किलोमीटर समुद्र तट एवं 42 द्वीपों को कवर करता है।
- कच्छ की खाड़ी में यह संरक्षित क्षेत्र समुद्री जैव विविधता एवं मैंग्रोव पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया था।
- यह पार्क मध्य एशियाई फ्लाईवे (CAF) के किनारे स्थित है।
- यह पक्षियों के लिए एक प्रमुख प्रवासी मार्ग है, जो आर्कटिक एवं हिंद महासागर तथा संबंधित द्वीप शृंखलाओं के मध्य यूरेशिया के एक बड़े महाद्वीपीय क्षेत्र को कवर करता है।
- पक्षी प्रजातियाँ:
- जामनगर जिले में स्थानीय और प्रवासी पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें 50 से अधिक वेडर पक्षियों की प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।
- इनमें ‘शंखलो’ (क्रैब प्लोवर) एवं ‘मोटो किचड़ी’ (ग्रेट नॉट) जैसी दुर्लभ प्रजातियाँ सम्मिलित हैं, जो देश में अन्यत्र शायद ही पाई जाती हैं।
Source: IE