भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी थाई प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनवात्रा के निमंत्रण पर बैंकॉक में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए थाईलैंड गए।
भारत-थाईलैंड सामरिक साझेदारी
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: भारत एवं थाईलैंड के बीच मधुर और सौहार्दपूर्ण संबंधों का एक लंबा इतिहास है, दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध 1947 में स्थापित हुए थे।
दोनों देशों ने 2022 में इन संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई।
हाल ही में, बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान, भारत के प्रधान मंत्री और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार ने ढाका में शासन परिवर्तन के बाद अपनी प्रथम उच्च स्तरीय वार्ता की।
प्रधानमंत्री मोदी ने थाईलैंड द्वारा आयोजित छठे बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल) शिखर सम्मेलन में भाग लिया, जो वर्तमान में इसका अध्यक्ष है।
परिचय
थीम: "बिम्सटेक: समृद्ध, लचीला और खुला"
वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच साझा विकास पर ध्यान केंद्रित करना।
भारत ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है, क्योंकि उसने 2024-25 के मार्च महीने में कोयला उत्पादन एक बिलियन टन (BT) को पार कर लिया है, जो पिछले वित्त वर्ष के 997.83 मिलियन टन (MT) से अधिक है।
परिचय
भारत, पाँचवाँ सबसे बड़ा कोयला भंडार और दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता होने के कारण, कोयले पर बहुत अधिक निर्भर है।
कोयला ऊर्जा मिश्रण में 55% योगदान देता है और भारत में 74% से अधिक विद्युत उत्पादन को शक्ति प्रदान करता है।