पाठ्यक्रम: GS2/ शासन व्यवस्था
सन्दर्भ
- केंद्र सरकार ने हाल ही में अन्न चक्र और NFSA(SCAN) पोर्टल के लिए सब्सिडी दावा आवेदन का शुभारंभ किया, जिससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को आधुनिक बनाने और सब्सिडी दावा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने के लिए सुधार शुरू हो गए।
अन्ना चक्र क्या है?
- इसे खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और IIT दिल्ली के फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (FITT) के सहयोग से विकसित किया है।
- यह किसानों, ट्रांसपोर्टरों, गोदामों और उचित मूल्य की दुकानों (FPS) को शामिल करते हुए आपूर्ति श्रृंखला में खाद्यान्न की आवाजाही को अनुकूलित करने के लिए उन्नत एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
अन्ना चक्र की मुख्य विशेषताएं
- मार्ग अनुकूलन: कुशल मार्गों की पहचान करने के लिए एल्गोरिदम का लाभ उठाना, परिवहन समय और लागत को कम करना।
- रेलवे और लॉजिस्टिक्स प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकरण: रेलवे के फ्रेट ऑपरेशंस इंफॉर्मेशन सिस्टम (FOIS) और PM गति शक्ति प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकृत, जो FPS एवं गोदामों के भौगोलिक स्थानों का मानचित्रण करता है।
- पर्यावरणीय लाभ: परिवहन से संबंधित उत्सर्जन में कमी से कार्बन फुटप्रिंट कम होता है, जो सतत विकास में योगदान देता है।
SCAN पोर्टल
- NFSA (SCAN) पोर्टल के लिए सब्सिडी दावा आवेदन का उद्देश्य NFSA के तहत राज्यों के लिए सब्सिडी दावा प्रक्रिया को सरल और तेज करना है।
- मुख्य विशेषताओं में शामिल हैं:
- सिंगल-विंडो सबमिशन: राज्यों द्वारा सुव्यवस्थित दावा प्रस्तुतीकरण सुनिश्चित करता है।
- स्वचालित वर्कफ़्लो(Automated Workflow): दावा जांच, अनुमोदन और निपटान का नियम-आधारित स्वचालन।
- सब्सिडी निपटान में दक्षता: वास्तविक समय की निगरानी को सक्षम बनाता है और निधि वितरण में देरी को कम करता है।
खाद्य सुरक्षा के लिए अन्य पहल
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY): लाभार्थियों को प्रत्येक माह 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त मिलता है।
- मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई इस योजना को जनवरी 2024 से पांच वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।
- अंत्योदय अन्न योजना (AAY): पात्र परिवारों को अत्यधिक रियायती दरों पर मासिक 35 किलोग्राम अनाज मिलता है – चावल के लिए 3 रुपये प्रति किलोग्राम और गेहूं के लिए 2 रुपये प्रति किलोग्राम – परिवार के आकार पर ध्यान दिए बिना।
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन (IM-PDS): एक राष्ट्र एक राशन कार्ड (ONORC) की सुविधा देता है, जिससे लाभार्थियों को पूरे भारत में खाद्यान्न प्राप्त करने की अनुमति मिलती है, जिससे प्रवासी श्रमिकों की खाद्य सुरक्षा तक पहुँच में सुधार होता है।
- विकेंद्रीकृत खरीद (DCP) योजना: राज्यों को सीधे खाद्यान्न खरीदने एवं वितरित करने के लिए प्रोत्साहित करती है, रसद लागत को कम करती है और खाद्य सुरक्षा का स्थानीय प्रबंधन सुनिश्चित करती है।
PDS प्रणाली की चुनौतियाँ
- खाद्यान्नों का दुरुपयोग: खाद्यान्नों का एक बड़ा हिस्सा परिवहन के दौरान लीक हो जाता है या काला बाज़ार में चला जाता है।
- समावेशन और बहिष्करण त्रुटियाँ: अपात्र परिवारों को लाभ मिलता है, जिससे सिस्टम पर भार पड़ता है।
- पहचान प्रक्रिया में खामियों के कारण वास्तविक लाभार्थियों को बाहर रखा जाता है।
- उचित मूल्य की दुकानों (FPS) में भ्रष्टाचार, जैसे कि खाद्यान्नों को कम तौलना, खराब गुणवत्ता वाले सामान बेचना या अधिक कीमत वसूलना, सिस्टम की प्रभावशीलता को कमज़ोर करता है।
- अपर्याप्त भंडारण सुविधाओं के कारण खाद्यान्न खराब हो जाता है और बर्बाद हो जाता है।
आगे की राह
- बुनियादी ढांचे का विस्तार: संचालन के बढ़ते पैमाने का समर्थन करने के लिए भंडारण और परिवहन सुविधाओं को मजबूत करना।
- तकनीकी एकीकरण: वास्तविक समय की ट्रैकिंग और अक्षमताओं को कम करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं ब्लॉकचेन का लाभ उठाना।
- स्थायी अभ्यास: कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए हरित रसद और ऊर्जा-कुशल परिवहन समाधानों को बढ़ावा देना।
Source: PIB
Previous article
भारत में आंतरिक प्रवासन
Next article
बिटकॉइन की नई ऊंचाइयों पर उछाल