पाठ्यक्रम: GS2/शासन; सहकारी संघवाद
संदर्भ
- नीति आयोग ने अपनी स्थापना के 10 वर्ष पूर्ण किए।
नीति आयोग का परिचय
- स्थापना: नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) 2015 में स्थापित एक सरकारी थिंक टैंक है।
- उद्देश्य: इसने योजना आयोग का स्थान ग्रहण किया, जिसका उद्देश्य सतत् विकास, नीति नवाचार और शासन सुधार जैसी समकालीन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना था।
- संरचना: इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री द्वारा अध्यक्ष के रूप में किया जाता है, जबकि उपाध्यक्ष और CEO कार्यकारी कार्यों का नेतृत्व करते हैं।
- शासित निकाय: भारत के प्रधान मंत्री,
- इसमें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल होते हैं।
- दिल्ली और पुडुचेरी को छोड़कर केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल,
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष,
- नीति आयोग के पूर्णकालिक सदस्य।
नीति आयोग की भूमिकाएँ:
- नीति निर्माण और रणनीतिक परामर्श: यह केंद्र और राज्य सरकारों को रणनीतिक और तकनीकी परामर्श प्रदान करता है।
- सहकारी संघवाद को प्रोत्साहन: राज्य सरकारों को निर्णय लेने में केंद्र सरकार के साथ साझेदारी करने के लिए प्रोत्साहित करना।
- निगरानी और मूल्यांकन: यह नीतियों और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की निगरानी और मूल्यांकन करता है, तथा यह सुनिश्चित करता है कि वे दीर्घकालिक विकास लक्ष्यों के अनुरूप हों।
- नवाचार एवं अनुसंधान: इसका उद्देश्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचार, अनुसंधान और नई प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देना है।
- सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को बढ़ावा देना: नीति आयोग भारत के विकास कार्यक्रमों को वैश्विक सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) के साथ संरेखित करने में भूमिका निभाता है।
योजना आयोग और नीति आयोग के बीच मुख्य अंतर इस प्रकार हैं:
पहलू | योजना आयोग | नीति आयोग |
---|---|---|
उद्देश्य | केंद्रीकृत पंचवर्षीय योजना और संसाधन आवंटन। | सहकारी संघवाद, दीर्घकालिक विकास और नीति अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करना। |
संरचना | इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करते हैं, तथा इसमें एक उपसभापति और पूर्णकालिक सदस्य होते हैं। | इसका नेतृत्व प्रधानमंत्री करेंगे तथा इसमें एक उपाध्यक्ष, CEO और गवर्निंग काउंसिल होगी। |
दृष्टिकोण | टॉप डाउन दृष्टिकोण, केंद्रीकृत योजना। | बॉटम अप दृष्टिकोण, राज्य की भागीदारी और सहयोग को प्रोत्साहित करना। |
शासन में भूमिका | नीति कार्यान्वयन पर कार्यकारी प्राधिकार। | परामर्शदात्री निकाय, प्रत्यक्ष प्रवर्तन शक्ति के बिना। |
पंचवर्षीय योजनाएँ | पंचवर्षीय योजनाएँ तैयार की गईं और उनका क्रियान्वयन किया गया। | पंचवर्षीय योजनाएँ तैयार नहीं करता, दीर्घकालीन नीति पर ध्यान केंद्रित करता है। |
सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग क्यों स्थापित किया?
- लोचशीलता की आवश्यकता: नीति आयोग का लक्ष्य विकास के लिए अधिक लोचशील, अनुकूलनीय दृष्टिकोण का निर्माण करना है।
- सहकारी संघवाद: योजना आयोग की इस बात के लिए आलोचना की गई कि उसने निर्णय लेने में राज्य सरकारों को पर्याप्त रूप से सम्मिलित नहीं किया।
- नवाचार एवं अनुसंधान पर ध्यान: नीति आयोग नीति नवाचार, सतत् विकास और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करता है, जबकि योजना आयोग का ध्यान मुख्य रूप से संसाधन आवंटन एवं निर्धारित लक्ष्यों पर था।
- विकेंद्रीकरण: नीति आयोग का उद्देश्य राज्यों को उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुरूप विकास नीतियाँ तैयार करने के लिए अधिक स्वायत्तता प्रदान करना है।
नीति आयोग की चुनौतियाँ
- सीमित अधिकार: नीति आयोग के पास अपनी सिफारिशों को लागू करने के लिए कार्यकारी शक्तियों का अभाव है, जिससे महत्त्वपूर्ण परिवर्तन लाने की इसकी क्षमता सीमित हो जाती है।
- राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय: सहकारी संघवाद पर जोर देने के बावजूद, राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के बीच प्रभावी सहयोग प्राप्त करना एक चुनौती बनी हुई है।
- आँकड़ों का अभाव: नीति आयोग नीतियों के निर्माण के लिए सटीक आँकड़ों पर बहुत अधिक निर्भर करता है, लेकिन राज्यों से प्राप्त असंगत या अपूर्ण आँकड़े प्रभावी नीति निर्माण और निगरानी में बाधा उत्पन्न करते हैं।
- संसाधन की कमी: सीमित संसाधन एवं प्रतिस्पर्धी प्राथमिकताएँ प्रायः नीति आयोग के लिए अपनी योजनाओं और पहलों को पूरी तरह से लागू करना चुनौतीपूर्ण बना देती हैं।
- परिवर्तन का प्रतिरोध: कुछ राज्य और राजनीतिक संस्थाएँ नीति आयोग की पहल का विरोध करती हैं, विशेषकर यदि उन्हें लगता है कि उनकी स्वायत्तता को कमजोर किया जा रहा है या स्थानीय आवश्यकताओं के साथ संरेखण की कमी है।
भारत के लिए नीति आयोग की विज़न योजनाएँ
- 2030 के लिए एजेंडा: गरीबी, शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, स्वच्छ ऊर्जा और लैंगिक समानता को संबोधित करके सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करता है।
- 15-वर्षीय विज़न दस्तावेज़: इसका उद्देश्य 2020 से 2035 तक भारत के विकास के लिए एक रोडमैप तैयार करना है, जिसमें आर्थिक विकास, सामाजिक समानता और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- डेटा और नवाचार पर ध्यान केंद्रित: आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और शासन में सुधार के लिए डिजिटलीकरण, नवाचार एवं साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देता है।
Source: IE
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