AI दिशा-निर्देश विकसित करने के लिए AI नियमों को लागू करने हेतु अंतर-मंत्रालयी समिति

पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ

  • केंद्र सरकार के एक पैनल ने सिफारिश की है कि AI नियमों को लागू करने तथा AI दिशा-निर्देश विकसित करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की जाए।

परिचय

  • प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार की अध्यक्षता वाला IndiaAI मिशन अपनी AI दिशा-निर्देश उप-समिति द्वारा जारी रिपोर्ट पर जनता की प्रतिक्रिया माँग रहा है।
  • रिपोर्ट में भारत के AI पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के साथ अनुपालन को लागू करने और प्रभावी शासन सुनिश्चित करने के लिए एक समन्वित, संपूर्ण-सरकारी दृष्टिकोण का प्रस्ताव किया गया है।

रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ

  • रिपोर्ट में AI शासन के लिए निम्नलिखित सिद्धांतों की रूपरेखा दी गई है:
    • “उनके विकास और क्षमताओं पर सार्थक जानकारी” के साथ AI प्रणालियों की पारदर्शिता;
    • AI प्रणालियों के डेवलपर्स और परिनियोजनकर्ताओं से जवाबदेही;
    • डिजाइन द्वारा AI प्रणालियों की सुरक्षा, विश्वसनीयता और मजबूती;
    • AI प्रणालियों की गोपनीयता और सुरक्षा;
    • निष्पक्षता और गैर-भेदभाव;
    • मानव-केंद्रित मूल्य और ‘कोई हानि न करना’;
    • “नवाचार के लाभों को समान रूप से वितरित करने” के लिए समावेशी और सतत् नवाचार;
    • और इन सिद्धांतों को कार्यान्वित करने के लिए “डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने” के लिए “डिजाइन द्वारा डिजिटल” शासन।
  • जीवन चक्र दृष्टिकोण: इन सिद्धांतों को क्रियान्वित करने के लिए नीति निर्माताओं को जीवन चक्र दृष्टिकोण का उपयोग करना होगा।
    • उन्हें AI प्रणालियों को उनके विकास, परिनियोजन और प्रसार के विभिन्न चरणों में देखना होगा, जिसके दौरान अलग-अलग जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।
    • AI अभिकर्त्ताओं का एक “पारिस्थितिकी तंत्र दृश्य” होना चाहिए।
  • रिपोर्ट में तकनीक-सक्षम डिजिटल शासन प्रणाली का प्रस्ताव किया गया है।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंप्यूटर विज्ञान की एक व्यापक शाखा है, जिसका संबंध ऐसे स्मार्ट मशीनों के निर्माण से है जो ऐसे कार्य कर सकें जिनके लिए सामान्यतः मानवीय बुद्धिमत्ता की आवश्यकता होती है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों को मानव मस्तिष्क की क्षमताओं का मॉडल बनाने या उनमें सुधार करने की अनुमति देती है।
  • और स्वचालित कारों के विकास से लेकर ChatGPT और गूगल के बार्ड जैसे जनरेटिव AI उपकरणों के प्रसार तक, AI तेजी से रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है – और यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें प्रत्येक उद्योग निवेश कर रहा है।

हमें AI पर नियमों की आवश्यकता क्यों है?

  • नैतिक चिंताएँ: AI प्रणालियाँ ऐसे निर्णय ले सकती हैं और कार्रवाई कर सकती हैं जो व्यक्तियों एवं समाज को प्रभावित करती हैं। नियम स्थापित करने से AI के उपयोग से संबंधित नैतिक चिंताओं को दूर करने में सहायता मिलती है, यह सुनिश्चित होता है कि यह मानवीय मूल्यों के अनुरूप है और मौलिक अधिकारों का सम्मान करता है।
  • गोपनीयता: AI में प्रायः बड़ी मात्रा में डेटा का प्रसंस्करण सम्मिलित होता है। नियम यह निर्दिष्ट करके व्यक्तिगत गोपनीयता की रक्षा करने में सहायता कर सकते हैं कि डेटा कैसे एकत्रित, संग्रहीत और उपयोग किया जाना चाहिए।
  • सुरक्षा: इसमें संभावित कमजोरियों से बचाव और AI प्रौद्योगिकी के दुर्भावनापूर्ण उपयोग से बचाव शामिल है।
  • पारदर्शिता: नियमों के अंतर्गत AI प्रणालियों में पारदर्शिता को अनिवार्य किया जा सकता है, जिसके अंतर्गत डेवलपर्स को यह बताना होगा कि उनके एल्गोरिदम कैसे कार्य करते हैं।
  • प्रतिस्पर्धा और नवाचार: एक नियामक ढाँचा स्थापित करने से व्यवसायों के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे, बाजार में प्रभुत्व के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा और जिम्मेदार नवाचार को प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
  • सार्वजनिक सुरक्षा: ऐसे मामलों में जहाँ AI का उपयोग स्वास्थ्य सेवा, परिवहन या सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे जैसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में किया जाता है, व्यक्तियों और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियम आवश्यक हैं।

भारत में AI का विनियमन

  • 2023 में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम: सरकार ने 2023 में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम लागू किया, यह AI प्लेटफार्मों से संबंधित कुछ गोपनीयता चिंताओं को दूर कर सकता है।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक साझेदारी: भारत GPAI का सदस्य है। 2023 GPAI शिखर सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जहाँ GPAI विशेषज्ञों ने जिम्मेदार AI, डेटा गवर्नेंस एवं कार्य, नवाचार और व्यावसायीकरण के भविष्य पर अपना कार्य प्रस्तुत किया।
  • नीति आयोग द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए राष्ट्रीय रणनीति #AIForAll: इसमें स्वास्थ्य सेवा, कृषि, शिक्षा, “स्मार्ट” शहरों और बुनियादी ढाँचे, और स्मार्ट गतिशीलता तथा परिवर्तन पर केंद्रित AI अनुसंधान एवं विकास दिशा-निर्देश शामिल थे।
  • उत्तरदायी AI के सिद्धांत: फरवरी 2021 में, नीति आयोग ने उत्तरदायी AI के सिद्धांत जारी किए, जो एक दृष्टिकोण पत्र है जो भारत में AI समाधानों को लागू करने के विभिन्न नैतिक विचारों की जाँच करता है।

विनियमन की चुनौतियाँ

  • AI का तीव्र विकास: यह क्षेत्र लगातार विकसित हो रहा है, जिससे भविष्य के लिए उपयुक्त नियम बनाना कठिन हो गया है।
  • नवाचार और सुरक्षा में संतुलन: नवाचार को बढ़ावा देने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के मध्य संतुलन बनाना एक चुनौती है।
  • अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: प्रभावी AI विनियमन के लिए खंडित परिदृश्य से बचने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है।
  • AI की परिभाषा: AI की कोई सार्वभौमिक रूप से सहमत परिभाषा नहीं है, जिससे इसे प्रभावी रूप से विनियमित करना कठिन हो जाता है।

आगे की राह

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) यहाँ स्थायी रूप से विद्यमान है और इसमें हमारी कार्यशैली को मौलिक रूप से बदलने की क्षमता है। यह अच्छाई या बुराई या दोनों की दृष्टि से कहीं अधिक बड़ी शक्ति है, अतः AI को विनियमित किए जाने की आवश्यकता है।
  • AI के संभावित खतरों को स्वीकार करके और उन्हें कम करने के लिए सक्रिय रूप से कदम उठाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि यह परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी मानवता की सेवा करना एवं एक सुरक्षित, अधिक न्यायसंगत भविष्य में योगदान देना।

Source: TH