पाठ्यक्रम: GS1/भूगोल
संदर्भ
- हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक दशक से अधिक समय में सबसे भयंकर शीतकालीन तूफान का अनुभव किया है, जिसका मुख्य कारण ध्रुवीय भंवर है।
ध्रुवीय भंवर का परिचय
- यह निम्न दाब और शीत वायु का एक वृहत् क्षेत्र है जो पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्रों के चारों ओर घूर्णन करता है।
- यह दो रूपों में विद्यमान है:
- क्षोभमंडलीय ध्रुवीय भंवर, जो वायुमंडल की सबसे निचली परत (लगभग 10-15 किमी. तक) में विद्यमान होता है, और
- समतापमंडलीय ध्रुवीय भंवर, जो अधिक ऊँचाई पर (लगभग 15-50 किमी.) होता है।
- क्षोभमंडलीय ध्रुवीय भंवर अधिकांश मौसमी घटनाओं के लिए उत्तदायी है, जबकि समतापमंडलीय ध्रुवीय भंवर शरद ऋतु के दौरान सबसे अधिक शक्तिशाली होता है और ग्रीष्मकाल में लुप्त हो जाता है।
ध्रुवीय भंवर अत्यधिक शीत का कारण कैसे बनता है?
- जब ध्रुवीय भंवर मजबूत और स्थिर होता है, तो यह जेट स्ट्रीम (ऊपरी वायुमंडल में तीव्र पवन की एक संकीर्ण पट्टी) को पृथ्वी के चारों ओर एक वृत्ताकार पथ पर भ्रमण कराता रहता है।
- यह उत्तर में शीत वायु और दक्षिण में उष्ण वायु के मध्य पृथक्करण बनाए रखने में सहायता करता है।
- हालाँकि, जब ध्रुवीय भंवर कमजोर हो जाता है, तो इससे जेट स्ट्रीम लहरदार और घुमावदार हो सकती है।
- इससे शीत आर्कटिक वायु विखंडित होकर दक्षिण की ओर बढ़ जाती है, जिससे फ्लोरिडा जैसे दक्षिणी क्षेत्रों में भी तापमान अत्यधिक शीतल हो जाता है।
ध्रुवीय भंवर के प्रभाव
- ठंडी वायु का प्रकोप: जब ध्रुवीय भंवर विस्तृत या स्थानांतरित होता है, तो यह आर्कटिक वायु को दक्षिण की ओर संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोप और एशिया जैसे क्षेत्रों में प्रवाहित कर सकता है। इससे प्रायः उत्तरी गोलार्ध में चरम शीतलता की स्थिति विस्तृत हो जाती है।
- ओजोन क्षरण और ध्रुवीय भंवर: ध्रुवीय भंवर शीत वायु को ट्रैप कर लेता है, जिससे अंटार्कटिका पर ओजोन क्षरण होता है। निम्न तापमान के कारण हानिकारक क्लोरीन यौगिक एकत्रित हो जाते हैं, जिससे ओजोन परत विघटित हो जाती है। इसके परिणामस्वरूप अंटार्कटिका के ऊपर ओजोन छिद्र का निर्माण हो रहा है।
- विमानन पर प्रभाव: यह भूमि के तापमान को अत्यधिक निम्न कर सकता है और शीत ऋतु में वर्षा में वृद्धि कर विमान परिचालन को प्रभावित कर सकता है।
- भारत पर प्रभाव: कमजोर ध्रुवीय भंवर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की वृद्धि करता है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय में भारी बर्फबारी होती है।
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