सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार योजना

पाठ्यक्रम: GS2/ शासन व्यवस्था

समाचार में

  • सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने हाल ही में एक राष्ट्रव्यापी कैशलेस उपचार पहल की शुरुआत की है जिसका उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को आवश्यक सहायता प्रदान करना है।

पृष्ठभूमि

  • यह योजना 14 मार्च, 2024 को प्रारंभ किए गए पायलट कार्यक्रम पर आधारित है, जिसे बाद में असम, पंजाब, हरियाणा और पुडुचेरी को शामिल करने के लिए विस्तारित किया गया है।
  • इसका उद्देश्य वाहन दुर्घटना के पीड़ितों को, विशेष रूप से दुर्घटना के पश्चात् के महत्त्वपूर्ण “गोल्डन ऑवर (golden hour)” के दौरान, त्वरित चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए एक ढाँचा स्थापित करना था।

योजना की मुख्य विशेषताएँ

  • राष्ट्रव्यापी कवरेज: यह योजना अब सभी सड़क दुर्घटना पीड़ितों पर लागू होती है, जो आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) के अंतर्गत  अस्पतालों में आघात और बहु-आघात मामलों के लिए कैशलेस उपचार प्रदान करती है।
    • प्रत्येक दुर्घटना पर सात दिनों के लिए 1.5 लाख रुपये तक उपचार लागत कवर की जाती है।
  • कार्यान्वयन रूपरेखा: राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) को सुव्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरणों के साथ सहयोग करना होगा।
    • निर्बाध पंजीकरण एवं दावा प्रसंस्करण सुनिश्चित करने के लिए ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (eDAR) प्रणाली और NHA की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली का उपयोग किया जाता है।
  • हिट-एंड-रन पीड़ितों के लिए सहायता: हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं में मारे गए लोगों के परिवारों को 2 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।

योजना की आवश्यकता/महत्त्व

योजना की आवश्यकता/महत्त्व
  • सड़क दुर्घटनाएँ: आँकड़े बताते हैं कि 2024 में 1.80 लाख मृत्यु होंगी, जिनमें हेलमेट न पहनने के कारण 30,000 मृत्यु और शैक्षणिक संस्थानों के पास बच्चों की 10,000 मृत्यु शामिल हैं।
  • व्यापक कवरेज: इस योजना को सभी सड़क दुर्घटना पीड़ितों तक विस्तारित करने से समावेशिता सुनिश्चित होती है तथा जीवनरक्षक उपायों का दायरा बढ़ता है।
  • कुशल कार्यान्वयन: प्रमुख हितधारकों एवं उन्नत IT प्रणालियों के बीच सहयोग से पहुँच में वृद्धि होती है और नौकरशाही संबंधी देरी कम होती है।
  • वित्तीय राहत: हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्युओं के लिए मुआवजा तथा पीड़ितों और परिवारों पर वित्तीय भार को कम करने के लिए उपचार की लागत का कवरेज।

Source: DD News