भारत और रूस ने रणनीतिक परियोजनाओं को मंजूरी दी

पाठ्यक्रम: GS 2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध

समाचार में

  • भारत और रूस ने नई दिल्ली में आयोजित “भारत-रूस प्राथमिक निवेश परियोजनाओं पर कार्य समूह (IRWG-PIP)” के 8वें सत्र के दौरान छह नई रणनीतिक परियोजनाओं पर सहमति व्यक्त की है।

पृष्ठभूमि

  • भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी की घोषणा” अक्टूबर 2000 में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान हस्ताक्षरित की गई थी। 
  • 2010 में, इस साझेदारी को “विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी” में ऊँचा किया गया, जो रक्षा, राजनीति, अर्थव्यवस्था, और संस्कृति जैसे प्रमुख क्षेत्रों में बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। 
  • भारत-रूस संबंध उच्च स्तरीय बातचीत, संस्थागत संवाद तंत्र, और BRICS, SCO और UN जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग द्वारा चिह्नित हैं।

8वें IRWG-PIP सत्र के मुख्य बिंदु

  • छह नई रणनीतिक परियोजनाएँ: भारत और रूस ने द्विपक्षीय निवेश को बढ़ावा देने के लक्ष्य से छह नई रणनीतिक परियोजनाओं पर सहयोग करने पर सहमति जताई।
    • क्षेत्र: इन परियोजनाओं में व्यापार, प्रौद्योगिकी नवाचार, और आर्थिक विकास शामिल हैं।
  • ढाँचा: IRWG-PIP “भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग” (IRIGC-TEC) के तहत कार्य करता है।

समझौते का महत्त्व

  • आर्थिक स्थिरता मजबूत करना: बदलती वैश्विक परिस्थितियों के बीच भारत के व्यापार पोर्टफोलियो का विविधीकरण।
  • पश्चिम पर अत्यधिक निर्भरता कम करना: प्रमुख शक्तियों के साथ संबंधों को संतुलित कर रणनीतिक स्वायत्तता को सशक्त बनाना।
  • ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा: प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उत्पादन के स्थानीयकरण, और औद्योगिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना।
  • भू-राजनीतिक लाभ: बहुध्रुवीय विश्व और यूरेशियाई क्षेत्रीय गतिशीलता में भारत की भूमिका को बढ़ाना।

भारत और रूस संबंध

  • दोनों देशों के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंध रहे हैं, जो सोवियत काल से चले आ रहे हैं।
    • विगत कुछ वर्षों में उनका सहयोग मजबूत हुआ है, 1995 में व्यापार 1.4 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 65.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
      • भारत से प्रमुख निर्यात में कृषि उत्पाद, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स और मशीनरी शामिल हैं, जबकि रूस मुख्य रूप से तेल, उर्वरक एवं खनिज ईंधन का निर्यात करता है। 
      • दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक 100 बिलियन अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य तक पहुँचना है।
  • द्विपक्षीय सहयोग को भारत-रूस अंतर-सरकारी व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग आयोग (IRIGC-TEC) जैसे प्रमुख मंचों द्वारा समर्थन प्राप्त है, जिसमें 15 कार्य समूह और 6 उप-समूह शामिल हैं। भारत-रूस रणनीतिक आर्थिक वार्ता भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  • बहुपक्षीय जुड़ाव: भारत और रूस UN, G20, BRICS & SCO जैसे कई बहुपक्षीय मंचों पर निकटता से सहयोग करते हैं।
    • 2023 में G20 और SCO की भारत की अध्यक्षता ने दोनों देशों के अधिकारियों और मंत्रियों को भारत में विभिन्न कार्यक्रमों के दौरान मिलने का अवसर प्रदान किया। 
  • रक्षा: द्विपक्षीय परियोजनाओं में S-400 की आपूर्ति, T-90 टैंकों और Su-30 MKI का लाइसेंस प्राप्त उत्पादन, MiG-29 और कामोव हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, आईएनएस विक्रमादित्य (पूर्व में एडमिरल गोर्शकोव), भारत में AK-203 राइफलों का उत्पादन और ब्रह्मोस मिसाइलें शामिल हैं।

Source :Air