पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सन्दर्भ
- रक्षा सचिव मनीला में 5वीं भारत-फिलीपींस संयुक्त रक्षा सहयोग समिति की बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे।
परिचय
- यह यात्रा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत तथा फिलीपींस अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ और भारत की एक्ट ईस्ट नीति के 10 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं।
- JDCC की स्थापना 2006 में दोनों देशों के मध्य रक्षा सहयोग पर हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अंतर्गत की गई है।
भारत-फिलीपींस संबंधों का अवलोकन
- स्थापना: भारत और फिलीपींस ने औपचारिक रूप से 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित किए, दोनों देशों को स्वतंत्रता मिलने के तुरंत बाद [1946 में फिलीपींस और 1947 में भारत]।
- लुक ईस्ट और एक्ट ईस्ट नीति: जब भारत ने 1992 में लुक ईस्ट नीति शुरू की और आसियान के साथ साझेदारी को तेज किया, तो इसके परिणामस्वरूप फिलीपींस सहित क्षेत्र के देशों के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय संदर्भ में मजबूत संबंध बने।
- 2014 में शुरू की गई एक्ट ईस्ट नीति के साथ, फिलीपींस के साथ संबंधों में राजनीतिक-सुरक्षा; व्यापार और उद्योग तथा लोगों के मध्य आपसी संपर्क के क्षेत्रों में और विविधता आई है।
- ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति के लिए 2022 में 374.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अनुबंध पर हस्ताक्षर के साथ रक्षा संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
- दोनों देशों ने 2017 में रक्षा उद्योग एवं रसद सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और समझौता ज्ञापन के तहत एक अलग संयुक्त रक्षा उद्योग तथा रसद समिति (JDILC) की भी स्थापना की।
- भारत और फिलीपींस के बीच द्विपक्षीय व्यापार (मूल्य के संदर्भ में) 2015-16 में 1.89 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2022-23 में 3.05 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो पहली बार 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया।
- वर्ष 2022 में सीमा शुल्क मामलों में सहयोग और पारस्परिक सहायता पर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
- वित्तीय प्रौद्योगिकी में सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह के गठन के लिए समझौता ज्ञापन पर वर्ष 2023 में हस्ताक्षर किए गए।
- इससे भारत और फिलीपींस के मध्य डिजिटल भुगतान, वित्तीय समावेशन, फिनटेक और संबंधित क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा।
- फिलीपींस में भारतीय समुदाय की संख्या लगभग 1,50,000 है। इस समुदाय में पंजाबी और सिंधी लोगों की संख्या सबसे अधिक है।
भारत के लिए फिलीपींस का महत्व
- सामरिक एवं सुरक्षा हित: फिलीपींस दक्षिण पूर्व एशिया में एक प्रमुख देश है, जो भारत के लिए सामरिक महत्व का क्षेत्र है।
- दोनों देश दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता बनाए रखने और क्षेत्रीय सुरक्षा जोखिमों का सामना करने में समान हित साझा करते हैं।
- भारत की लुक ईस्ट नीति और एक्ट ईस्ट नीति का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग को बढ़ाने के लिए फिलीपींस सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंधों को दृढ करना है।
- आर्थिक अवसर: फिलीपींस एक उभरता हुआ बाजार है जिसमें व्यापार और निवेश की संभावनाएं हैं।
- दोनों देश नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं खोज रहे हैं।
- क्षेत्रीय सहयोग: दोनों देश दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन जैसे क्षेत्रीय मंचों के सदस्य हैं।
- इन मंचों पर उनका सहयोग क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटने और आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।
आगे की राह
- इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भू-राजनीतिक गतिशीलता, विशेष रूप से समुद्री सुरक्षा और चीन के बढ़ते प्रभाव के बारे में चिंताओं ने दोनों देशों को गहन रणनीतिक तथा रक्षा सहयोग की खोज करने के लिए प्रेरित किया है।
- दोनों देश आसियान, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे क्षेत्रीय मंचों में समान हित साझा करते हैं।
- प्रौद्योगिकी और नवाचार में भारत की क्षमता, फिलीपींस के बढ़ते तकनीकी क्षेत्र के साथ मिलकर आईटी, डिजिटल अर्थव्यवस्था तथा स्टार्ट-अप जैसे क्षेत्रों में सहयोग के अवसर प्रस्तुत करती है।
- इन क्षेत्रों में निरंतर प्रयास एक मजबूत और बहुमुखी साझेदारी की ओर ले जा सकते हैं।
Source: PIB
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