आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024

पाठ्यक्रम: GS3/आपदा प्रबंधन

सन्दर्भ

  • लोकसभा ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक, 2024 पारित कर दिया है।

परिचय

  • यह विधेयक आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 में संशोधन करता है।
  • DM अधिनियम में कहा गया है:
    • राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA),
    • राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA),
    • और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण।
  • ये प्राधिकरण क्रमशः राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर आपदा प्रबंधन के लिए उत्तरदायी हैं।

विधेयक की मुख्य विशेषताएं

  • आपदा प्रबंधन योजनाओं की तैयारी: विधेयक में प्रावधान है कि NDMA और SDMA आपदा प्रबंधन योजनाएं तैयार करेंगे, जिन्हें पहले राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारी समिति द्वारा तैयार किया जाता था।
  • NDMA और SDMA के कार्य: विधेयक में निम्नलिखित कार्य जोड़े गए हैं:
    • चरम जलवायु घटनाओं से उत्पन्न होने वाले जोखिमों सहित आपदा जोखिमों का समय-समय पर समीक्षा करना,
    • अपने नीचे के प्राधिकारियों को तकनीकी सहायता प्रदान करना,
    • राहत के न्यूनतम मानकों के लिए दिशा-निर्देशों की सिफारिश करना,
    • और क्रमशः राष्ट्रीय और राज्य आपदा डेटाबेस तैयार करना।
  • विधेयक NDMA को केन्द्र सरकार की पूर्व स्वीकृति से अधिनियम के तहत विनियमन बनाने का अधिकार भी देता है।
  • आपदा डेटाबेस: विधेयक राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर एक व्यापक आपदा डेटाबेस के निर्माण का अधिदेश देता है।
  • शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण: विधेयक राज्य सरकार को राज्य की राजधानियों और नगर निगम वाले शहरों के लिए अलग शहरी आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गठित करने का अधिकार देता है।
  • राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल का गठन: विधेयक राज्य सरकार को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के गठन का अधिकार देता है। राज्य सरकार SDRF के कार्यों को परिभाषित करेगी और इसके सदस्यों के लिए सेवा की शर्तें निर्धारित करेगी।
  • वर्तमान समितियों को वैधानिक दर्जा: विधेयक राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (NCMC) और उच्च स्तरीय समिति (HLC) जैसी वर्तमान संस्थाओं को वैधानिक दर्जा प्रदान करता है।
    • NCMC गंभीर या राष्ट्रीय प्रभाव वाली बड़ी आपदाओं से निपटने के लिए नोडल निकाय के रूप में कार्य करेगी।
    • उच्च स्तरीय समिति आपदाओं के दौरान राज्य सरकारों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराएगी।
  • NDMA में नियुक्तियां: विधेयक NDMA को केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी से अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या और श्रेणी निर्दिष्ट करने का अधिकार देता है। NDMA आवश्यकतानुसार विशेषज्ञों और सलाहकारों की नियुक्ति भी कर सकता है।

विपक्ष की चिंताएं:

  • कई विपक्षी सदस्यों ने तर्क दिया कि ये संशोधन सत्ता को केंद्रीकृत कर सकते हैं तथा राज्य सरकारों की स्वायत्तता को कमजोर कर सकते हैं।
  • कुछ सदस्यों ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए पूर्व चेतावनी प्रणालियों, रोकथाम उपायों और वित्तीय सहायता पर अधिक ध्यान देने का भी आह्वान किया।

निष्कर्ष

  • विपक्ष की चिंताओं के बावजूद विधेयक लोकसभा द्वारा पारित कर दिया गया।
  • अब इसे आगे विचार के लिए राज्य सभा को भेजा जाएगा।

Source: TH