गुरु नानक जयंती

पाठ्यक्रम: GS1/ इतिहास और संस्कृति

संदर्भ

  • हाल ही में पूरे भारत में गुरु नानक की 555वीं जयंती मनाई गई।

परिचय

  • गुरु नानक सिख धर्म के संस्थापक और दस सिख गुरुओं में से पहले गुरु हैं। 
  • वे 15वीं शताब्दी में रहते थे और मुगल सम्राट बाबर के समकालीन थे। 
  • उनकी शिक्षाएँ गुरु ग्रंथ साहिब (सिख धर्म का पवित्र ग्रंथ) में समाहित हैं, और समकालीन समय में भी बहुत प्रासंगिक हैं।

गुरु नानक की प्रमुख शिक्षाएँ

  • धार्मिक सहिष्णुता: धार्मिक विविधता से चिह्नित युग में, गुरु नानक का एक दिव्य शक्ति के तहत सभी लोगों की एकता पर बल आपसी सम्मान और सद्भाव को प्रोत्साहित करता है।
    • यह शिक्षा धार्मिक सहिष्णुता और समझ को बढ़ावा देती है, जो आज के वैश्वीकृत और विविधतापूर्ण विश्व में विशेष रूप से प्रासंगिक है। 
  • समानता और सामाजिक न्याय: गुरु नानक ने जाति-आधारित भेदभाव को खारिज करते हुए सामाजिक समानता का दृढ़तापूर्वक समर्थन किया और इस विचार को बढ़ावा दिया कि सभी व्यक्ति समान हैं।
    • यह शिक्षा समकालीन संदर्भ में प्रासंगिक बनी हुई है जहाँ सामाजिक न्याय, भेदभाव और असमानता के मुद्दे बने हुए हैं।
  •  मानवता की सेवा: “सेवा” या निस्वार्थ सेवा की अवधारणा सिख धर्म का केंद्र है। गुरु नानक ने अपने अनुयायियों को मानवता के लिए दयालुता और सेवा के कार्यों में संलग्न होने के लिए प्रोत्साहित किया।
    • यह शिक्षा आधुनिक विश्व में बनी हुई गरीबी, असमानता और मानवीय संकटों की चुनौतियों का समाधान करने में प्रासंगिक है। 
    • उन्होंने सामूहिक पूजा (संगत) के लिए नियम बनाए जिसमें सामूहिक पाठ शामिल है। 
  • ईमानदार आजीविका: गुरु नानक ने कठोर मेहनत और नैतिक साधनों के माध्यम से ईमानदारी से जीविकोपार्जन करने के महत्व पर बल दिया।
    • समकालीन विश्व में, जहाँ भ्रष्टाचार, बेईमानी और अनैतिक व्यवहार के मुद्दे प्रचलित हैं, गुरु नानक की शिक्षाएँ व्यक्तियों को अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन में ईमानदारी बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। 
  • आध्यात्मिक एकता: उन्होंने भक्ति के ‘निर्गुण’ (निराकार ईश्वर की भक्ति और पूजा) रूप का समर्थन किया।
    • यह शिक्षा व्यक्तियों को विभिन्न धर्मों और परंपराओं के बीच समानताएँ एवं संबंध खोजने के लिए प्रोत्साहित करती है, जिससे एकता एवं साझा मानवता की भावना को बढ़ावा मिलता है।
  •  पर्यावरण संरक्षण: गुरु नानक की शिक्षाएँ सभी सृष्टि के परस्पर संबंध एवं पर्यावरण का सम्मान करने और उसे संरक्षित करने के महत्व पर बल देती हैं।
    •  समकालीन पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करते हुए, ये शिक्षाएँ प्रकृति और संधारणीय जीवन के प्रति जिम्मेदारी की भावना को प्रेरित करती हैं।

गुरु नानक की विरासत

  • ननकाना साहिब: शहर में उनके जन्मस्थान पर एक गुरुद्वारा बनाया गया था जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है। यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। 
  • करतारपुर कॉरिडोर: नवंबर 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती समारोह के उपलक्ष्य में कॉरिडोर बनाया गया था। 
  • यह सिखों के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है जहाँ बाबा गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्षों तक धर्मोपदेश किया था।
सिख धर्म
– भक्ति आंदोलन से प्रभावित पंजाब में 15वीं शताब्दी में गुरु नानक द्वारा स्थापित।
– सिख का अर्थ है ‘शिक्षार्थी’ और आस्था को गुरमत (गुरु का मार्ग) कहा जाता है।
– यह एकेश्वरवाद (एक ईश्वर, एक ओंकार) और व्यक्ति की आंतरिक धार्मिक स्थिति और ईश्वर के स्मरण (सिमरन) पर आधारित है।
– यह अनुष्ठानों की निंदा करता है और मूर्ति पूजा को अस्वीकार करता है।
– गुरु ग्रंथ साहिब (आदि ग्रंथ) को जीवित गुरु माना जाता है।
– गुरु गोबिंद सिंह ने 1699 में खालसा (पुरुषों और महिलाओं का सैन्य समूह) का पुनर्निर्माण किया।
– उन्हें पंज कक्का पहनना होता है: कड़ा, कचेरा, कृपाण, केश और कंघा।

Source: BL

 

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