स्विटजरलैंड द्वारा MFN दर्जे का निलंबन और इसका भारत पर प्रभाव

पाठ्यक्रम :GS 2/अंतरराष्ट्रीय संबंध

 समाचार में

स्विट्जरलैंड 1 जनवरी, 2025 से भारत के साथ अपने दोहरे कराधान परिहार समझौते (DTAA) में मोस्ट फेवर्ड नेशन (MFN) खंड को निलंबित कर देगा।

  • इससे भारतीय कर दाताओं को दिए जाने वाले लाभांश पर कर की दर 5% से बढ़कर 10% हो जाएगी।
क्या आप जानते हैं ?
– दोहरा कराधान परिहार समझौता (DTAA) दो या दो से अधिक देशों के बीच हस्ताक्षरित एक संधि है, जिसका उद्देश्य एक देश में अर्जित आय पर दो बार कर लगने से रोकना है।
– इसका उद्देश्य करदाताओं को राहत प्रदान करना, कर निष्पक्षता सुनिश्चित करना तथा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना है।

MFN खंड क्या है?

  • MFN खंड अंतर्राष्ट्रीय संधियों में समान व्यवहार सुनिश्चित करता है, जिसके अंतर्गत देशों को संधि के अंतर्गत अन्य सभी पक्षों को अनुकूल कर दरें या शर्तें प्रदान करने की आवश्यकता होती है।
    • यह गारंटी देता है कि व्यापार या कराधान के मामलों में किसी भी देश के साथ अन्य की तुलना में कम अनुकूल व्यवहार नहीं किया जाएगा।

2023 नेस्ले केस(Nestlé Case):

  • स्विस कंपनी नेस्ले ने भारत-स्विट्जरलैंड कर संधि के अंतर्गत MFN खंड का लाभ उठाते हुए रोके गए कर पर रिफंड की माँग की।
    • उच्चतम न्यायालय ने 2023 में निर्णय दिया कि बिना औपचारिक अधिसूचना के MFN खंड स्वतः लागू नहीं होता, जिसके कारण स्विट्जरलैंड को भारत के साथ अपनी कर संधि का पुनर्मूल्यांकन करना पड़ा।

स्विटजरलैंड ने MFN खंड को क्यों निलंबित किया:

  • उच्चतम न्यायालय के निर्णय में स्पष्ट किया गया कि MFN खंड के अंतर्गत कर दरों में स्वतः समायोजन के लिए भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 90 के अंतर्गत औपचारिक अधिसूचना की आवश्यकता होती है।
  • इस स्पष्टीकरण के पश्चात् स्विटजरलैंड ने MFN खंड को निलंबित कर दिया, जिससे कर कटौती की दर प्रभावित हुई।

निलंबन का प्रभाव:

  • भारतीय कम्पनियों के लिए उच्च कर देयताएँ : स्विट्जरलैंड से लाभांश प्राप्त करने वाली भारतीय कम्पनियों को 5% के स्थान पर 10% का उच्च कर कटौती का सामना करना पड़ेगा।
  • भारत में स्विस निवेश: स्विस कंपनियों को भारतीय सहायक कंपनियों से प्राप्त लाभांश पर 10% कर कटौती का सामना करना पड़ेगा।
  • EFTA निवेश अप्रभावित: यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) से होने वाले निवेश पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि वे पहले से ही 10% कर दर के अधीन हैं।
  • अन्य DTAA लाभों में कोई परिवर्तन नहीं: स्विट्जरलैंड में परिचालन करने वाली भारतीय कंपनियाँ अभी भी DTAA के अन्य प्रावधानों, जैसे रॉयल्टी और तकनीकी सेवा शुल्क पर कर राहत, का लाभ उठा सकती हैं।

अन्य देशों द्वारा MFN खंडों का पुनर्मूल्यांकन:

  • स्विट्जरलैंड के निर्णय से अन्य देश भी इस बात पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित हो सकते हैं कि भारत के साथ उनकी कर संधियों में MFN खंड को किस प्रकार लागू किया जाए, विशेष रूप से इसी प्रकार के कानूनी निर्णयों के पश्चात्।

निष्कर्ष और आगे की राह

  • यह निर्णय अंतर्राष्ट्रीय कर समझौतों की व्याख्या में स्पष्ट पारस्परिक सहमति की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।
  • यह निलंबन कर संधि प्रावधानों की सावधानीपूर्वक एवं स्पष्ट रूप से परिभाषित व्याख्या की ओर परिवर्तन को प्रदर्शित करता है।
  • यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के सदस्य देशों के साथ व्यापार समझौते के कारण भारत को स्विट्जरलैंड के साथ दोहरे कराधान संधि पर पुनः बातचीत करने की आवश्यकता हो सकती है।

Source: BS