भारत को करीब 80 लाख नए रोजगार सृजित करने की आवश्यकता

पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/अर्थव्यवस्था

समाचार में

  • हाल ही में जारी आर्थिक सर्वेक्षण में, मुख्य आर्थिक सलाहकार ने अनुमान लगाया कि भारत  को  आने वाले दशक के लिए प्रत्येक वर्ष लगभग 8 मिलियन नए रोजगार सृजित करने की आवश्यकता है।

स्थिति

  • जब GDP विकास दरकी दृष्टि से  तो भारत सबसे उज्ज्वल स्थानों में से एक रहा है।
  • भारत का प्रदर्शन विकास दर के विषय में बहुत अच्छा है।
    •  इस वित्त वर्ष में 7% की वृद्धि के साथ भारत विशव की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बन गया है और वैश्विक विकास में इसका योगदान लगभग 17% है।

मुख्य चुनौतियाँ

  • मुद्रास्फीति: मुद्रास्फीति स्थिर हो रही है, लेकिन प्रतिकूल आर्थिक प्रभावों से बचने के लिए अभी भी सावधानीपूर्वक प्रबंधन की आवश्यकता है।
  • भू-राजनीतिक तनाव: संघर्ष, विशेष रूप से मध्य पूर्व में, तेल जैसी वस्तुओं की कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं।
  • राजनीतिक अनिश्चितता: इस वर्ष वैश्विक स्तर पर विभिन्न चुनाव नीति अनिश्चितता उत्पन्न कर सकते हैं, जिससे विकास प्रभावित हो सकता है।
  • मध्यम अवधि की वृद्धि: अनुमानित वैश्विक विकास दर ऐतिहासिक औसत की तुलना में कमजोर है, जिसके कारण संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है।
  • डॉलर का प्रभुत्व अमेरिकी संस्थानों, खुले पूंजी बाजारों और नेटवर्क प्रभावों की मजबूती के कारण है।

रोज़गार पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का प्रभाव

  • लगभग 25% भारतीय श्रमिक AI के संपर्क में हैं, जिसका विभिन्न क्षेत्रों पर मिश्रित प्रभाव है।
    • AI कौशल की कमी को दूर करने, सार्वजनिक वित्त में सुधार करने और शैक्षिक प्रकारों को बढ़ाने में सहायता कर सकता है। 
    • लेकिन कॉल सेंटर जैसे कुछ क्षेत्रों में AI के कारण मानव श्रम की मांग कम हो सकती है।

संबंधित कदम 

  • मुद्रास्फीति की अपेक्षाओं को स्थिर करके और विश्वसनीयता में सुधार करके लचीला मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण सामान्यतः वैश्विक स्तर पर सफल रहा है।
  •  भारत का अनुभव: 2015 में मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण को अपनाने के बाद से, भारत में मुद्रास्फीति अधिक स्थिर रही है, हालांकि चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
    • भारत सशक्त सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का अनुभव कर रहा है, जो वैश्विक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

सुझाव और आगे की राह

  • कॉर्पोरेट निवेश और लचीले श्रम बाजारों को प्रोत्साहित करने से व्यापक आधार वाली वृद्धि और रोजगार सृजन में सहायता मिल सकती है।
  • व्यापार करने में सुगमता में वृद्धि और व्यापार प्रतिबंधों को कम करना महत्वपूर्ण है।
  • शिक्षा, कौशल और कृषि में उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान देना दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक है।
  • समष्टि आर्थिक और वित्तीय स्थिरता तथा मुद्रा परिवर्तनीयता में सुधार से देशों को लाभ होता है, भले ही उनकी मुद्रा प्रमुख हो या न हो।
  • निरंतर सुधारों के साथ, भारत अपनी वृद्धि को बनाए रख सकता है और संभवतः बढ़ा सकता है, लेकिन रोजगार सृजन महत्वपूर्ण है।
    • भारत को 2030 तक 60 से 148 मिलियन नए रोजगार सृजित करने होंगे, जिसके लिए सभी क्षेत्रों में व्यापक विकास की आवश्यकता होगी।

Source:IE