पाठ्यक्रम: GS3/अन्तरिक्ष
संदर्भ
- शोधकर्त्ताओं ने ब्लैक होल के गुणों को मापने के लिए उनके चारों ओर प्रवाहित होने वाले प्रकाश पर पड़ने वाले प्रभाव (लाइट इको) का उपयोग करके एक नई विधि प्रस्तुत की है।
ब्लैक होल क्या है?
- ब्लैक होल एक अत्यंत सघन वस्तु है जिसका गुरुत्वाकर्षण इतना प्रबल होता है कि कुछ भी, यहाँ तक कि प्रकाश भी, इससे बाहर निकल नहीं सकता।
- इसकी कोई सतह नहीं होती, जैसे कोई ग्रह या तारा। इसके अतिरिक्त, यह अंतरिक्ष का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ पदार्थ स्वयं समाप्त हो जाता है।
- इस भयावह पतन के परिणामस्वरूप एक बहुत बड़े द्रव्यमान का एक अविश्वसनीय रूप से छोटे क्षेत्र में संकेन्द्रण हो जाता है।
- निर्माण: एक ब्लैक होल तब बनता है जब एक बहुत बड़े तारे का ईंधन समाप्त हो जाता है, वह विस्फोट कर जाता है, जिससे उसका केंद्र उसके भार के नीचे दब जाता है और ब्लैक होल बन जाता है।
- ब्लैक होल का केंद्र एक गुरुत्वाकर्षण सिंगुलैरिटी होता है, एक ऐसा बिंदु जहाँ सापेक्षता का सामान्य सिद्धांत खंडित हो जाता है, अर्थात् जहाँ इसकी भविष्यवाणियाँ लागू नहीं होतीं।
- एक ब्लैक होल का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण खिंचाव सिंगुलैरिटी से उभरता है।
प्रकाश प्रतिध्वनि (Light Echo)
- प्रकाश प्रतिध्वनि एक ऐसी घटना है जिसमें दूर के खगोलीय स्रोत (जैसे कि एक तारा, सुपरनोवा या सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक) से प्रकाश पास की संरचनाओं, जैसे कि अंतरतारकीय धूल के बादलों से परावर्तित होता है, और कुछ समय के पश्चात् पृथ्वी पर वापस लौटता है।
- महत्त्व :
- इस प्रकार, अध्ययन के अनुसार, वैज्ञानिक ब्लैक होल के द्रव्यमान और स्पिन के लिए एक नए एवं स्वतंत्र तरीके के रूप में प्रकाश प्रतिध्वनि का उपयोग कर सकते हैं।
- ब्लैक होल के द्रव्यमान एवं स्पिन को मापने का कार्य काफी कठिन है क्योंकि सभी पदार्थ, गर्म गैसें और वस्तु के चारों ओर घूमने वाले विकिरण अवलोकन को जटिल बनाते हैं तथा शोर से संकेतों को निकालना कठिन बनाते हैं।
- प्रकाश अलग तरह से प्रभावित होता है और प्रकाश प्रतिध्वनि बेहतर सिग्नल-टू-शोर अनुपात प्रदान कर सकती है।
क्या आप जानते हैं? – ज्ञात ब्लैक होल दो श्रेणियों में वर्गीकृत किए जाते हैं: 1. तारकीय द्रव्यमान(Stellar mass): सूर्य के द्रव्यमान का लगभग 20 गुना या उससे अधिक; 2. सुपरमैसिव (Supermassive): सूर्य के द्रव्यमान का 100,000 से अरबों गुना;इन श्रेणियों के बीच मध्यम वजन वाले ब्लैक होल उपस्थित हो सकते हैं, लेकिन आज तक कोई भी प्राप्त नहीं हुआ है। – स्पैगेटीफिकेशन (Spaghettification): जैसे ही ऑब्जेक्ट ब्लैक होल के इवेंट होराइजन के पास पहुँचते हैं, वे क्षैतिज रूप से संकुचित और लंबवत रूप से फैले होते हैं, जैसे कि नूडल। – सैजिटेरियस A*(Sagittarius A*): सैजिटेरियस A* पृथ्वी से 25,000 प्रकाश वर्ष से भी अधिक दूर अवस्थित है – निकटतम सुपरमैसिव ब्लैक होल, जिसका अनुमानित द्रव्यमान सूर्य से लाखों गुना है। 1. प्रायः शोधकर्त्ताओं द्वारा Sgr A* ( “सैजिटेरियस A स्टार”) के रूप में संक्षिप्त किया जाता है, यह आकाशगंगा के केंद्र में धनु राशि के नक्षत्र में स्थित है। |
घूर्णन करता ब्लैक होल
- घूर्णन करते ब्लैक होल को केर (KERR) ब्लैक होल भी कहा जाता है।
- दो घटना क्षितिज हैं, बाह्य और आंतरिक।
- दोनों क्षितिजों के बीच का स्थान एर्गोस्फीयर कहलाता है।
- एर्गोस्फेयर के अंदर की कोई भी वस्तु ब्लैक होल द्वारा खींची जाएगी तथा उसके साथ घूमेगी, लेकिन पुनः वह बाहर जा सकती है।
- हालाँकि, आंतरिक इवेंट होराइजन के अंदर की कोई भी वस्तु कभी भी बाहर नहीं निकल सकती।
- वैज्ञानिक महत्त्व : हम एक घूमते हुए ब्लैक होल से घूर्णी ऊर्जा निकाल सकते हैं।
- अगर एर्गोस्फीयर के अंदर कुछ भेजा जाता है, और इसे दो भागों में विभाजित किया जाता है, तो एक ब्लैक होल में चला जाता है जबकि दूसरा बाहर निकल जाता है।
- बाहर आने वाले भाग की गति बहुत अधिक की जा सकती है, जिससे ऊर्जा भी अधिक होगी।
Source: TH
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संक्षिप्त समाचार 17-12-2024