भारत-ईरान-आर्मेनिया त्रिपक्षीय बैठक

पाठ्यक्रम: GS 2/अंतरराष्ट्रीय संबंध

समाचार में

  • द्वितीय भारत-ईरान-आर्मेनिया त्रिपक्षीय परामर्श (Consultations) नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

प्रमुख चर्चा बिंदु

  • संपर्क पहल: परामर्श में अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) के अंतर्गत घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने के महत्त्व  पर बल दिया गया।
    • इस पहल को सुगम बनाने में चाबहार बंदरगाह की भूमिका पर प्रकाश डाला गया।
  • बहुपक्षीय सहभागिता: तीनों देशों ने बहुपक्षीय मंचों पर अपनी सहभागिता पर चर्चा की, जिसका उद्देश्य वैश्विक मंच पर अपने सामूहिक प्रभाव को बढ़ाना था।
  • क्षेत्रीय घटनाक्रम: परामर्श में क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर चर्चा की गई, जिसका ध्यान क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने पर केंद्रित था।
  • व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान: प्रतिनिधिमंडलों ने लोगों के मध्य संबंधों को मजबूत करते हुए व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
  • आर्मेनिया की कनेक्टिविटी पहल: आर्मेनिया ने प्रतिभागियों को अपनी कनेक्टिविटी पहल, “द क्रॉसरोड्स ऑफ़ पीस” के बारे में जानकारी दी, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
    • इसका उद्देश्य सुलभ और अधिक कुशल परिवहन संपर्क के माध्यम से कैस्पियन सागर को भूमध्य सागर से तथा फारस की खाड़ी को काला सागर से जोड़ना है।
क्या आप जानते हैं ?
– अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा (INSTC) भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, मध्य एशिया और यूरोप के मध्य माल ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबी मल्टी-मोड परिवहन परियोजना है।
– ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित चाबहार बंदरगाह का विकास भारत और ईरान द्वारा संपर्क एवं व्यापार बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। भारत विशेष रूप से अफगानिस्तान के साथ क्षेत्रीय व्यापार को बेहतर बनाने के लिए बंदरगाह का उपयोग करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

महत्त्व

  • द्वितीय भारत-ईरान-आर्मेनिया त्रिपक्षीय परामर्श इन देशों के मध्य बढ़ती साझेदारी को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सहयोग एवं विकास को प्रोत्साहन देना है।
  • इस बैठक के दौरान हुई चर्चाओं से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होने की संभावना है, जिससे क्षेत्र की समग्र समृद्धि और स्थिरता में योगदान मिलेगा।

भविष्य की योजनाएँ

  • तीनों पक्षों ने त्रिपक्षीय प्रारूप के अंतर्गत निरंतर सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • इस बात पर सहमति हुई कि परामर्श का आगामी दौर पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि और समय पर ईरान में आयोजित किया जाएगा।

Source: TH