अंतरिक्ष मलबे से निपटने के लिए जापान और भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स लेजर से युक्त उपग्रह का अध्ययन करेंगे

पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ

  • जापान और भारत के अंतरिक्ष स्टार्टअप्स ने कक्षा से मलबा हटाने के लिए लेजर से सुसज्जित उपग्रहों का उपयोग करते हुए संयुक्त रूप से अध्ययन करने पर सहमति व्यक्त की है।
    • यह अंतरिक्ष में मलबे के टुकड़े के घूर्णन को रोकने के लिए लेजर ऊर्जा का उपयोग करेगा, जिससे इसकी सतह के छोटे भागों को वाष्पीकृत किया जा सकेगा, जिससे सेवारत अंतरिक्ष यान के लिए संपर्क करना आसान हो जाएगा।

अंतरिक्ष मलबा क्या है?

  • अंतरिक्ष मलबे को पृथ्वी की कक्षा में उपस्थित या पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने वाली सभी गैर-कार्यात्मक, मानव निर्मित वस्तुओं, जिनमें उनके टुकड़े और तत्त्व शामिल हैं, के रूप में परिभाषित किया जाता है।
  • केसलर सिंड्रोम: यह एक सैद्धांतिक परिदृश्य है जिसमें पृथ्वी की निचली कक्षा में कृत्रिम वस्तुओं के बीच टकराव के कारण अंतरिक्ष मलबे की मात्रा में तीव्रता से वृद्धि होती है, जिससे लंबे समय तक पृथ्वी के निकट अंतरिक्ष का उपयोग असंभव हो जाता है।

अंतरिक्ष में मलबे के टुकड़ों से खतरे

  • नासा के अनुसार, मलबा 18,000 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा कर सकता है, जो गोली की गति से 10 गुना अधिक है।
  • अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को 2021 में इसके एक घटक से टकराने वाले अंतरिक्ष में मलबे के टुकड़ों के दो इंच के टुकड़े से क्षति का सामना करना पड़ा है।

अंतरिक्ष मलबे पर अंतर्राष्ट्रीय समझौते

  • 1972 का अंतरिक्ष दायित्व अभिसमय: यह अंतरिक्ष वस्तु द्वारा हानि पहुँचाने की स्थिति में दायित्व को परिभाषित करता है।
    • संधि में कहा गया है कि “प्रक्षेपण करने वाला राज्य पृथ्वी की सतह पर अपने अंतरिक्ष पिंडों या विमानों के कारण हुई क्षति के लिए मुआवजा देने के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगा, तथा अंतरिक्ष में अपनी त्रुटियों के कारण हुई क्षति के लिए भी उत्तरदायी होगा।”
  • शून्य मलबा चार्टर: बारह देशों और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) ने  ESA/EU अंतरिक्ष परिषद में शून्य मलबा चार्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका लक्ष्य 2030 तक अंतरिक्ष में मलबा-मुक्त बनना है।
  • कानून का अभाव: हालाँकि, अंतरिक्ष से निकले मलबे के टुकड़ों को पृथ्वी पर वापस आने के विरुद्ध कोई कानून नहीं है।

अंतरिक्ष मलबा समाप्त करने के मिशन

  • रिमूवडेब्रिस मिशन: यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी का निम्न पृथ्वी कक्षा (LEO) में मलबा समाप्त करने का प्रदर्शन मिशन है जिसका उद्देश्य कई सक्रिय मलबा समाप्त करने वाली प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और सत्यापन करना है।
  • अंतरिक्ष मलबा निष्कासन प्रणाली (SDRS): यह रूसी अंतरिक्ष एजेंसी (रोस्कोस्मोस) द्वारा प्रस्तावित मिशन है, जिसका उद्देश्य पृथ्वी की निचली कक्षा से अंतरिक्ष मलबे को समाप्त करने की व्यवहार्यता का प्रदर्शन करना है।
  • सफाई मिशन: चीन राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन (CNSA) का उद्देश्य सक्रिय और निष्क्रिय तरीकों के संयोजन का उपयोग करके अंतरिक्ष मलबे की सफाई की व्यवहार्यता का प्रदर्शन करना है।

भारत द्वारा उठाए गए कदम

  • प्रोजेक्ट नेत्र (नेटवर्क फॉर स्पेस ऑब्जेक्ट ट्रैकिंग एंड एनालिसिस), एक पूर्व चेतावनी प्रणाली है, जिसे भारतीय उपग्रहों के लिए अंतरिक्ष खतरों का पता लगाने में सहायता करने के लिए इसरो द्वारा प्रारंभ किया गया था।
    • इस परियोजना से भारत को स्थानिक स्थितिजन्य जागरूकता (SSA) में अपनी क्षमता प्राप्त होने की संभावना है, जो अन्य अंतरिक्ष शक्तियों के पास पहले से ही है।
    • SSA का उपयोग भारतीय उपग्रहों को मलबे से होने वाले खतरे का पूर्वानुमान लगाने के लिए किया जाता है।
  • सुरक्षित एवं सतत् परिचालन प्रबंधन के लिए इसरो प्रणाली (IS4OM) की स्थापना 2022 में की गई थी, ताकि टकराव का खतरा य्त्पन्न करने वाली वस्तुओं की निरंतर निगरानी की जा सके और अंतरिक्ष मलबे से उत्पन्न जोखिम को कम किया जा सके

Source: TH

 

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