पाठ्यक्रम: GS2/शिक्षा
संदर्भ
- इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के पुनर्गठन की सिफारिश की है।
सुधारों की आवश्यकता
- प्रश्न-पत्र लीक और कदाचार: परीक्षा सुरक्षा से समझौता होने के कारण प्रश्न-पत्र लीक हो जाते हैं, जिससे कुछ छात्रों को अनुचित लाभ मिल जाता है। उदाहरण के लिए: NEET-UG पेपर लीक, UGC नेट अनियमितताएँ आदि।
- अंकों में संशोधन, जैसे मनमाने ढंग से अनुग्रह अंक प्रदान करना, असमान प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देता है।
- परीक्षा रद्द होना और तकनीकी कमियाँ : इन मुद्दों के कारण बार-बार परीक्षा रद्द होने से विलंब होती है, उम्मीदवारों पर अतिरिक्त तनाव एवं वित्तीय भार पड़ता है।
- पारदर्शिता का अभाव: विभिन्न परीक्षा सत्रों में कठिनाई के स्तर में भिन्नता, निष्पक्षता और तुलनात्मकता के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है।
- सामान्यीकरण संबंधी मुद्दे: कठिनाई के विभिन्न स्तरों के लिए अंकों को सामान्य करने की प्रक्रिया अस्पष्ट हो सकती है तथा विवादों को उत्पन्न कर सकती है।
- अन्य चुनौतियाँ: जैसे राजनीतिक हस्तक्षेप के आरोप, भ्रष्टाचार के उदाहरण, जैसे व्यापम घोटाला आदि।
- विश्वास की हानि: ये समस्याएँ परीक्षा प्रणाली और निष्पक्ष मूल्यांकन करने की इसकी क्षमता में जनता के विश्वास को समाप्त करती हैं।
परीक्षा सुधार के लिए पैनल की प्रमुख सिफारिशें
- आयोजित परीक्षाएँ : NTA 2025 से उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए केवल प्रवेश परीक्षा आयोजित करेगा, भर्ती परीक्षा नहीं।
- NTA का पुनर्गठन: छात्रों के लिए त्रुटि-रहित परीक्षा प्रक्रिया के उद्देश्य से प्रशासन, डिजिटल अवसंरचना, IT सुरक्षा को कवर करने वाले 10 नए पदों का सृजन किया जा रहा है।
- डिजी-एग्जाम: डिजी-यात्रा की तर्ज पर, परीक्षा प्रक्रिया को पूर्णतया सुरक्षित बनाने के लिए आवेदन, परीक्षण, प्रवेश के चरणों पर प्रमाणीकरण।
- शासी निकाय: परीक्षण लेखापरीक्षा, नैतिकता एवं पारदर्शिता, नामांकन और कर्मचारियों की स्थिति की देखरेख के लिए तीन नामित उप-समितियों के साथ एक सशक्त तथा जवाबदेह शासी निकाय स्थापित करने की सिफारिश की गई है।
- समन्वय समिति: यह सिफारिश की गई है कि राज्य और जिला स्तर पर समन्वय समितियाँ स्थापित की जा सकती हैं, जिनकी भूमिकाएँ एवं जिम्मेदारियाँ निर्दिष्ट की जाएँगी।
- परीक्षा केन्द्र: पैनल ने देश भर में केन्द्रीय विद्यालयों (KVs) और जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNVs) को परीक्षा केन्द्र के रूप में उपयोग करने की भी सिफारिश की।
- सुरक्षित प्रश्नपत्र परिवहन: इसमें सुरक्षित कूरियर सेवाओं का उपयोग शामिल है, जिन्हें प्राधिकृत अधिकारियों द्वारा सील किया जाता है और प्रेषण से पहले NTA द्वारा मान्य किया जाता है।
- कंटेनरों को लॉक किया जाना चाहिए, पारगमन के दौरान उनकी निगरानी की जानी चाहिए, तथा उन्हें सीसीटीवी निगरानी और NTA पर्यवेक्षण के अंतर्गत परीक्षण केंद्रों पर सौंप दिया जाना चाहिए।
- ऑनलाइन परीक्षाएँ: पैनल की सिफारिशों पर, सरकार भविष्य की प्रवेश परीक्षाओं के लिए कंप्यूटर अनुकूली परीक्षण प्रारंभ करने की योजना बना रही है।
सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम, 2024 – अधिनियम में व्यापक रूप से “अनुचित साधनों” को परिभाषित किया गया है, जिसमें विभिन्न कदाचार शामिल हैं, जैसे: 1. प्रश्न पत्र या उत्तर कुंजी लीक करना,परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों की सहायता करना (अनधिकृत संचार, समाधान प्रदान करना), 2. कंप्यूटर नेटवर्क या संसाधनों के साथ छेड़छाड़, 3. उम्मीदवारों का प्रतिरूपण करना, 4. फर्जी परीक्षा आयोजित करना या फर्जी दस्तावेज जारी करना, 5. योग्यता सूची या रैंक के लिए दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करना। दंड और सज़ा: – व्यक्ति: 1. अपराध की गंभीरता के आधार पर कारावास की अवधि 3 से 10 वर्ष तक हो सकती है। 2. 5 लाख रुपये तक का जुर्माना। संगठित अपराध के लिए 1 करोड़ रुपये का जुर्माना। – सेवा प्रदाता: 1. 5 लाख रुपये तक का जुर्माना। 2. कदाचार में संलिप्तता के लिए 1 करोड़ रुपये का जुर्माना। 3. 4 वर्षों तक सार्वजनिक परीक्षा आयोजित करने पर रोक।इसमें शामिल निदेशकों/प्रबंधन के लिए व्यक्तिगत दायित्व। – संगठित अपराध: 1. कठोर दंड, जिसमें 5 से 10 वर्ष तक कारावास और न्यूनतम 1 करोड़ रुपये का जुर्माना शामिल है। 2. संबंधित संस्था को संपत्ति कुर्क करने और जब्त करने का सामना करना पड़ सकता है – जाँच: 1. अधिनियम के अंतर्गत सभी अपराध संज्ञेय, गैर-जमानती और गैर-समझौता योग्य हैं। 2. अधिनियम के अंतर्गत अपराधों की जाँच पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त से नीचे के स्तर का अधिकारी नहीं करेगा। 3. केन्द्र सरकार जाँच को किसी भी केन्द्रीय जाँच एजेंसी को हस्तांतरित कर सकती है। |
Source: TH