पाठ्यक्रम :GS3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- हाल ही में, सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए खुली बाजार बिक्री योजना (घरेलू) [OMSS(D)] नीति में एक महत्त्वपूर्ण संशोधन की घोषणा की।
खुले बाजार बिक्री योजना (घरेलू)
- इस योजना में भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा केंद्रीय पूल से अतिरिक्त खाद्यान्न (गेहूँ और चावल) की आवधिक बिक्री सम्मिलित है।
- ई-नीलामी के माध्यम से उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा तय पूर्व निर्धारित कीमतों पर डीलरों, थोक उपभोक्ताओं एवं खुदरा शृंखलाओं को खुले बाजार में बिक्री की जाती है।
- 2022-23 में, कर्नाटक, तमिलनाडु, झारखंड, जम्मू एवं कश्मीर और असम ने OMSS के अंतर्गत चावल का सबसे अधिक हिस्सा खरीदा।
- OMSS में राज्यों की भूमिका: राज्य अपने NFSA आवंटन से परे अतिरिक्त आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नीलामी में भाग लिए बिना OMSS के अंतर्गत खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं।
- अर्जित अनाज राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के लाभार्थियों के मध्य वितरित किया जाता है।
- खरीद प्रक्रिया: सरकारी खरीद अनुमानों के आधार पर रबी एवं खरीफ सीजन के दौरान FCI और राज्य निगमों द्वारा गेहूँ और धान की खरीद की जाती है।
- खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के अनुरूप की जाती है।
नवीनतम अद्यतन
- चावल के लिए आरक्षित मूल्य का निर्धारण: राज्य सरकारों, राज्य सरकार के निगमों और सामुदायिक रसोई को बिक्री के लिए चावल का आरक्षित मूल्य ₹2,250 प्रति क्विंटल (पूरे भारत में) तय किया गया है, इसके लिए ई-नीलामी में भाग लेने की आवश्यकता नहीं है।
- इथेनॉल उत्पादन सहायता: इथेनॉल उत्पादन के लिए इथेनॉल डिस्टिलरी को बिक्री के लिए चावल का आरक्षित मूल्य भी ₹2,250 प्रति क्विंटल (पूरे भारत में) तय किया गया है।
उद्देश्य और आवश्यकता
- OMSS को गेहूँ और चावल की घरेलू आपूर्ति को प्रबंधित करने और बढ़ाने के लिए कम उत्पादन वाले मौसम (फसलों के बीच की अवधि) के दौरान सक्रिय किया जाता है।
- इसका उद्देश्य खुले बाजार में खाद्यान्न की कीमतों को कम करना और खाद्यान्न मुद्रास्फीति को कम करना है।
- हाल के निर्णय भारत सरकार की राज्य योजनाओं के अंतर्गत अपने दायित्वों को पूरा करने, खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय ऊर्जा रणनीति के हिस्से के रूप में इथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने में राज्यों का समर्थन करने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
क्या आप जानते हैं? – भारतीय खाद्य निगम (FCI) खाद्य निगम अधिनियम 1964 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। – उद्देश्य: इसका उद्देश्य प्रभावी मूल्य समर्थन संचालन के माध्यम से किसानों के हितों की रक्षा करना है। देश भर में खाद्यान्नों का वितरण सुनिश्चित करता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा को सुरक्षित रखने के लिए खाद्यान्नों के पर्याप्त परिचालन और बफर स्टॉक को बनाए रखता है। |
Source :PIB
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