विश्व कठपुतली दिवस
पाठ्यक्रम: GS1/संस्कृति
संदर्भ
- इंडिया हैबिटेट सेंटर (IHC) ने विश्व कठपुतली दिवस के उपलक्ष्य में विशेष प्रदर्शन का आयोजन किया है।
परिचय
- प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को विश्व कठपुतली दिवस का उद्देश्य कठपुतली को एक वैश्विक कला के रूप में मान्यता देना है।
- यह विश्व भर के कठपुतली कलाकारों को सम्मानित करने का दिन भी है।
- कठपुतली कला में मंच, टेलीविजन या फिल्म के लिए किसी प्रकार के नाट्य प्रदर्शन में उपयोग के लिए कठपुतलियों का निर्माण और संचालन शामिल है।
- कठपुतली एक आकृति है – मानव, पशु या अमूर्त रूप – जो यांत्रिक सहायता से नहीं, बल्कि मानवीय प्रयास से चलती है।
भारतीय कठपुतली
- कठपुतली एक प्राचीन प्रदर्शन कला है, जिसका प्रयोग कहानी सुनाने, मनोरंजन और सामाजिक टिप्पणी के लिए किया जाता है।

- प्रमुख प्रकार:
- डोरी वाली कठपुतलियाँ (कठपुतली): राजस्थान और गुजरात में लोकप्रिय, डोरियों द्वारा नियंत्रित।
- छाया कठपुतली: छाया डालने के लिए प्रयुक्त चमड़े की कठपुतलियाँ, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में लोकप्रिय।
- छड़ कठपुतली: छड़ों से नियंत्रित कठपुतलियाँ, पश्चिम बंगाल और असम में पाई जाती हैं।
- दस्ताना कठपुतलियाँ: कठपुतली संचालक के हाथ में पहनी जाती हैं, विशेष रूप से केरल में (पावकथकली)।
Source: AIR
‘स्क्वाड’ गठबंधन
पाठ्यक्रम: GS2/अंतर्राष्ट्रीय संबंध/क्षेत्रीय समूह
संदर्भ
- दक्षिण चीन सागर में चीन के प्रभाव को रोकने के लिए भारत को बहुपक्षीय गठबंधन दल में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
परिचय
- यह स्क्वाड 2024 में ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलीपींस और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के साथ गठित एक अनौपचारिक गठबंधन है।
- समूह अब भारत और दक्षिण कोरिया को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित करने की योजना बना रहा है।
- इस गठबंधन के रक्षा बलों ने दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में संयुक्त समुद्री गतिविधियाँ संचालित की हैं।
- उद्देश्य: दस्ते की संयुक्त समुद्री गतिविधियों का उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के जलक्षेत्र में तनाव के लिए रणनीतिक प्रतिक्रिया प्रदान करना है।
- वर्तमान में भारत, क्वाड (अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया का गठबंधन) का भाग है, जो अनौपचारिक रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व पर नजर रखने का प्रयास करता है।
- क्वाड एक सामरिक समूह है जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उच्चतर एवं अधिक रणनीतिक स्तर पर कार्य करता है।
Source: LM
APAAR ID
पाठ्यक्रम: GS2/ शिक्षा
संदर्भ
- कार्यकर्त्ताओं और अभिभावकों ने स्कूलों द्वारा APAAR IDs बनाने के लिए तेजी से दबाव डालने पर चिंता व्यक्त की है, जबकि यह स्वैच्छिक है।
APAAR ID क्या है?
- APAAR (स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री) ID एक अद्वितीय 12-अंकीय कोड है जो छात्रों को स्कोर कार्ड, मार्कशीट, ग्रेडशीट, डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र और सह-पाठयक्रम उपलब्धियों सहित अपने सभी शैक्षणिक क्रेडिट को डिजिटल रूप से संगृहीत, प्रबंधित और एक्सेस करने में सहायता करेगा।
- यह पहल शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रारंभ किए गए ‘वन नेशन, वन स्टूडेंट ID कार्यक्रम का हिस्सा है, जो 2020 की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप है। यह ID यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (UDISE+) पोर्टल के माध्यम से तैयार की जाती है, जिसमें क्षेत्रीय शैक्षणिक आँकड़े और छात्रों, स्कूलों का डेटा होता है।
Source: TH
संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD)
पाठ्यक्रम: GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डेयरी क्षेत्र को मजबूत करने के लिए संशोधित राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) को मंजूरी दे दी है।
- संशोधित NPDD में अतिरिक्त ₹1000 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिससे 15वें वित्त आयोग चक्र (2021-22 से 2025-26) के लिए कुल परिव्यय ₹2790 करोड़ हो जाएगा।
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) के बारे में
- यह 2014 में प्रारंभ की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है (जिसे 2021 में संशोधित किया गया है) जिसका उद्देश्य डेयरी बुनियादी ढाँचे का आधुनिकीकरण और विस्तार करना, निरंतर विकास और उत्पादकता सुनिश्चित करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।
- घटक A: डेयरी अवसंरचना संवर्धन:
- फोकस: मुख्य डेयरी अवसंरचना को मजबूत करना, विशेष रूप से कम सेवा वाले क्षेत्रों में।
- तरीके: डेयरी सहकारी समितियों (DCSs) और दूध उत्पादक कंपनियों (MPCs) के निर्माण का समर्थन करना।
- उदाहरण: दूध शीतलन संयंत्रों, दूध परीक्षण प्रयोगशालाओं और गुणवत्ता प्रमाणन प्रणालियों को वित्तपोषित करना।
- घटक B: सहकारिता के माध्यम से डेयरी (DTC):
- फोकस: डेयरी सहकारी समितियों का सतत् विकास।
- सहयोग: जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (JICA) की सहायता से कार्यान्वित किया गया।
- कार्यक्षेत्र: उत्पादन, प्रसंस्करण और विपणन बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना।
- क्षेत्र: 9 राज्यों में कार्यान्वित।
उपलब्धियाँ
- NPDD से 18.74 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं, 30,000 से अधिक रोजगार सृजित हुई हैं तथा दूध खरीद क्षमता में वृद्धि हुई है।
- संशोधित कार्यक्रम के अंतर्गत 10,000 नई डेयरी सहकारी समितियाँ और दो दुग्ध उत्पादक कंपनियाँ बनाई जाएँगी, जिससे 3.2 लाख नए रोजगार सृजित होंगे तथा इस क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग बढ़ेगा।
Source: PIB
संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन का कार्यान्वयन
पाठ्यक्रम :GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 1,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आवंटन के साथ संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) को मंजूरी दे दी, जिससे 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत 2021-2026 की अवधि के लिए कुल बजट 3,400 करोड़ रुपये हो जाएगा।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन
- इसे स्वदेशी गोजातीय नस्लों के संरक्षण और विकास के उद्देश्य से दिसंबर 2014 में लॉन्च किया गया था।
- पशुपालन एवं डेयरी विभाग राष्ट्रीय गोकुल मिशन का क्रियान्वयन कर रहा है।
- यह स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण, गोजातीय जनसंख्या के आनुवंशिक उन्नयन और दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने पर केंद्रित है, जिससे किसानों के लिए डेयरी फार्मिंग अधिक लाभदायक बन सके।
प्रमुख घटक – राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम: इसका उद्देश्य देशी नस्लों सहित गोजातीय पशुओं के दूध उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ावा देना है। – संतान परीक्षण और वंशावली चयन: इसका उद्देश्य देशी नस्लों के बैलों सहित उच्च आनुवंशिक योग्यता वाले बैलों का उत्पादन करना है। – इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) प्रौद्योगिकी का कार्यान्वयन: एकल पीढ़ी में गोजातीय जनसंख्या के आनुवंशिक उन्नयन में इस प्रौद्योगिकी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। – लिंग-सॉर्टेड वीर्य उत्पादन: विभाग ने गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में स्थित 5 सरकारी वीर्य स्टेशनों पर लिंग-सॉर्टेड वीर्य उत्पादन सुविधाएँ स्थापित की हैं। – ग्रामीण भारत में बहुउद्देश्यीय कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (MAITRIs): इस योजना के तहत मैत्री को किसानों के दरवाजे पर गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम गर्भाधान सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित और सुसज्जित किया जाता है। |
नवीनतम समीक्षाएँ
- संशोधित मिशन को विकास कार्यक्रम योजना के केन्द्रीय क्षेत्र घटक के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा। इसमें दो नई पहलों की शुरुआत की गई है और प्रथम पहल बछिया पालन केन्द्रों की स्थापना के लिए 35% पूँजी सहायता प्रदान करेगी।
- दूसरा, उच्च आनुवंशिक योग्यता (HGM) IVF बछिया खरीदने के लिए ऋण पर 3% ब्याज अनुदान की पेशकश करेगा।
- कृत्रिम गर्भाधान नेटवर्क को मजबूत करना, नस्ल सुधार कार्यक्रमों को समर्थन देना और उत्कृष्टता केन्द्रों की स्थापना करना जैसी प्रमुख गतिविधियाँ जारी रहेंगी।
उपलब्धियाँ
- इस मिशन के परिणामस्वरूप विगत दशक में दूध उत्पादन में 63.55% की वृद्धि हुई है और प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 2013-14 में 307 ग्राम/दिन से बढ़कर 2023-24 में 471 ग्राम/दिन हो गई है।
- राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम (NAIP) के अंतर्गत 8.39 करोड़ से अधिक पशुओं को शामिल किया गया है, जिससे 5.21 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं।
- RGM ने 22 IVF प्रयोगशालाओं सहित उन्नत प्रजनन प्रौद्योगिकियों को लागू किया है, जिसके परिणामस्वरूप 2,541 उच्च-आनुवांशिक-योग्यता वाले बछड़े पैदा हुए हैं।
- देशी गोजातीय पशुओं के लिए गौ चिप और महिष चिप का विकास तथा गौ सॉर्ट प्रौद्योगिकी, डेयरी प्रौद्योगिकी के लिए आत्मनिर्भरता में भारत की प्रगति को उजागर करती है।
Source :PIB
अश्विनी रडार
पाठ्यक्रम: GS3/ रक्षा
समाचार में
- रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना (IAF) के लिए लो लेवल ट्रांसपोर्टेबल रडार (LLTR) ‘अश्विनी’ की खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ पूंजी अधिग्रहण अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।
अश्विनी रडार के बारे में
- इलेक्ट्रॉनिक्स एवं रडार विकास प्रतिष्ठान (LRDE), DRDO द्वारा डिजाइन एवं विकसित।
- बेहतर प्रदर्शन के लिए अत्याधुनिक ठोस-अवस्था प्रौद्योगिकी का उपयोग करता है।
- 200 किमी तक के लक्ष्य का पता लगाने और ट्रैकिंग करने में सक्षम।
- यह उच्च गति वाले लड़ाकू विमानों के साथ-साथ मानवरहित हवाई वाहनों (UAVs) और हेलीकॉप्टरों जैसे धीमी गति वाले हवाई खतरों पर भी नज़र रख सकता है।
Source: TH
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UAVs के उपयोग के जोखिम और लाभ