PAC ने स्वदेश दर्शन योजना की कमियों को चिन्हित किया

पाठ्यक्रम: GS2/शासन, योजनाएँ

संदर्भ

  • के.सी. की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति (PAC) वेणुगोपाल ने स्वदेश दर्शन योजना के खराब क्रियान्वयन के लिए पर्यटन मंत्रालय की आलोचना की।

परिचय

  • पैनल इस योजना पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट की समीक्षा कर रहा था।
  • पर्यटन मंत्रालय द्वारा स्वीकृत अधिकांश परियोजनाओं के पूरा हो जाने के दावे के बावजूद, पैनल ने इसमें पर्याप्त विसंगतियाँ पाईं।

स्वदेश दर्शन

  • पर्यटन मंत्रालय ने 2014-15 में ‘स्वदेश दर्शन’ की अपनी प्रमुख योजना प्रारंभ की।
  • मंत्रालय ने अब इसे स्वदेश दर्शन 2.0 के रूप में नया रूप दिया है, जिसका उद्देश्य पर्यटक और गंतव्य केंद्रित दृष्टिकोण के साथ सतत एवं जिम्मेदार गंतव्यों का विकास करना है।
  • थीम आधारित पर्यटन सर्किट: यह विशिष्ट थीमों के आधार पर विभिन्न विषयगत सर्किटों की पहचान करता है जैसे:
    • आध्यात्मिक सर्किट (जैसे, चार धाम यात्रा, बौद्ध सर्किट) 
    • सांस्कृतिक सर्किट (जैसे, उत्तर पूर्व सर्किट, जनजातीय सर्किट) 
    • विरासत सर्किट 
    • वन्यजीव सर्किट 
    • तटीय सर्किट
  • वित्तपोषण: पर्यटन मंत्रालय इन सर्किटों के विकास के लिए विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को धन आवंटित करता है।

प्रमुख मुद्दे

  • योजना में खामियाँ: परियोजना प्रारंभ होने से पहले कोई व्यवहार्यता अध्ययन नहीं किया गया।
  • वित्तीय कुप्रबंधन: खराब योजना के कारण बजट में वृद्धि; विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPRs) के बिना अनुमोदन प्रदान किया गया।
  • कमजोर निगरानी: परियोजना मूल्यांकन या अनुमोदन के लिए कोई औपचारिक तंत्र नहीं; कई परियोजनाएँ विलंबित या अधूरी हैं।
  • पर्यटन मंत्रालय का दावा बनाम प्रतिवादी वास्तविकता: पर्यटन मंत्रालय ने दावा किया कि 76 में से 75 परियोजनाएँ पूरी हो गईं, लेकिन समिति ने पाया कि बिहार में कांवरिया मार्ग, तेलंगाना में जनजातीय सर्किट और केरल में श्री नारायण गुरु आश्रम सहित कई परियोजनाएँ अधूरी या गैर-कार्यात्मक रह गईं।

आगे की राह

लोक लेखा समिति (PAC) के बारे में
संवैधानिक स्थिति: संवैधानिक निकाय नहीं; लोक सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियमों के नियम 308 के अंतर्गत गठित।
संरचना: 22 सदस्य (लोकसभा से 15, राज्य सभा से 7) लोकसभा अध्यक्ष द्वारा नियुक्त संसद अध्यक्ष द्वारा प्रतिवर्ष चुने जाते हैं। अध्यक्ष आमतौर पर विपक्षी दल से होता है, सत्तारूढ़ दल से नहीं।
कार्य: भारत के CAG की लेखापरीक्षा रिपोर्टों की जाँच करना, यह सुनिश्चित करने के लिए सार्वजनिक व्यय की जाँच करना कि यह फिजूलखर्ची या अनियमित नहीं है, विधायिका के प्रति कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करना, राजकोषीय अनुशासन और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए CAG के साथ मिलकर कार्य करना

Source: TH