नैनो प्रौद्योगिकी द्वारा प्रभावी औषधि वितरण

पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी

सन्दर्भ

  • बहुलक नैनोकणों के उपयोग से दवा वितरण की एक अद्वितीय विधि विकसित की गई है।

परिचय

  • वैज्ञानिकों की एक टीम ने निकोमाइसिन से युक्त पॉलिमर नैनोकणों को विकसित करने के लिए काइटिन संश्लेषण कवकनाशी, निकोमाइसिन का उपयोग किया है।
    • काइटिन कवक कोशिका भित्ति का मुख्य घटक है और मानव शरीर में अनुपस्थित होता है।
  • औषधियुक्त  नैनोकण एस्परगिलोसिस नामक फंगल संक्रमण के विरुद्ध प्रभावी पाए गए, जो एस्परगिलस फ्लेवस और एस्परगिलस फ्यूमिगेटस कवक के कारण होता है।
  •  विकसित नैनोफॉर्मूलेशन साइटोटॉक्सिक और हेमोलिटिक प्रभावों से मुक्त पाया गया।
  •  यह विधि अस्थमा, सिस्टिक फाइब्रोसिस या पिछली फेफड़ों की बीमारी, ह्यूमन इम्यूनोडिफीसिअन्सी वायरस (HIV), कैंसर से पीड़ित रोगियों या लंबे समय तक कॉर्टिकोस्टेरॉइड दवाओं के संपर्क में रहने वाले रोगियों के लिए उपयोगी है।

नैनोटेक्नोलॉजी क्या है?

  • नैनो प्रौद्योगिकी विज्ञान और इंजीनियरिंग की उस शाखा को संदर्भित करती है, जो नैनोस्केल पर परमाणुओं और अणुओं में परिवर्तन करके संरचनाओं, उपकरणों और प्रणालियों को डिजाइन करने, उत्पादन करने एवं उपयोग करने के लिए समर्पित है, अर्थात् 100 नैनोमीटर (एक मिलीमीटर का 100 मिलियनवां हिस्सा) या उससे कम के एक या अधिक आयाम वाले।

चिकित्सा क्षेत्र में नैनो प्रौद्योगिकी के लाभ

  • लक्षित दवा वितरण: नैनोकण स्वयं विशिष्ट कोशिकाओं तक दवा पहुँचाने, स्वस्थ ऊतकों को होने वाली हानि को कम करने और दुष्प्रभावों को कम करने के लिए उपयोगी होते हैं। 
  • इमेजिंग: नैनोकण MRI, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड जैसी इमेजिंग तकनीकों में व्यतिरेक में वृद्धि करते हैं, जिससे रोगों का अधिक सटीक निदान संभव होता है। 
  • ऊतक इंजीनियरिंग: नैनो तकनीक का उपयोग ऐसे ढांचे बनाने के लिए किया जाता है जो ऊतकों की वृद्धि और पुनर्जनन का समर्थन करते हैं, जिनका उपयोग क्षतिग्रस्त अंगों या ऊतकों की मरम्मत में किया जा सकता है, जैसे कि हड्डी और उपास्थि की मरम्मत में। 
  • वैक्सीन निर्माण: नैनोकणों का उपयोग टीकों में सहायक के रूप में किया जा सकता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया में वृद्धि होती है और वैक्सीन की प्रभावकारिता में सुधार होता है। 
  • घाव ड्रेसिंग में नैनोफाइबर: नैनो तकनीक का उपयोग उन्नत घाव ड्रेसिंग बनाने के लिए किया जाता है जो तेजी से उपचार को बढ़ावा देते हैं और संक्रमण के जोखिम को कम करते हैं।

नैनो प्रौद्योगिकी की चिंताएँ

  • स्वास्थ्य जोखिम: नैनोमटेरियल के संपर्क में आने के दीर्घकालिक प्रभावों को अभी भी ठीक से समझा नहीं जा सका है। नैनोकणों की जैविक झिल्लियों को भेदने की क्षमता संभावित विषाक्तता और अप्रत्याशित स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएँ उत्पन्न करती है, विशेषकर खाद्य उत्पादों में।
  •  नैतिक जोखिम: नैनो तकनीक के उपयोग को लेकर नैतिक चिंताएँ हैं। स्वास्थ्य सेवा उद्योग में, नैनो तकनीक के प्रयोग से हानिकारक दुष्प्रभाव हो सकते हैं और डेटा गोपनीयता को लेकर भी प्रश्न उठते हैं।
  •  मानकों की कमी: नैनो तकनीक के तेजी से विकास ने विनियामक ढाँचों के निर्माण को पीछे छोड़ दिया है। चिंता है कि वर्तमान नियम नैनोमटेरियल द्वारा उत्पन्न अद्वितीय जोखिमों को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं कर सकते हैं।

आगे की राह

  • शोधकर्ताओं और कंपनियों को अपने निष्कर्षों के बारे में पारदर्शी होना चाहिए, विशेषकर नैनोटेक्नोलॉजी के संभावित जोखिमों के बारे में।
  • नियामक एजेंसियों को नैनोटेक्नोलॉजी के विकास तथा उपयोग की निगरानी करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कंपनियाँ सुरक्षा मानकों का अनुपालन करें।
  • शोध एवं विकास को सतत तथा पर्यावरण के अनुकूल नैनोमटेरियल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। डेटा और सहकर्मी-समीक्षित प्रकाशनों तक खुली पहुँच से जनता का विश्वास बनाने में मदद प्राप्त हो सकती है।

Source: PIB

 

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