आर्कटिक में ‘पारा बम’

पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/ पर्यावरण

सन्दर्भ

  • अलास्का की युकोन नदी में तलछट का अध्ययन कर रहे शोधकर्ताओं ने पाया कि पर्माफ्रॉस्ट के क्षरण के कारण नदी में पारा युक्त तलछट जमा हो रही है।

परिचय

  • आर्कटिक में पौधे पारा अवशोषित कर लेते हैं, फिर नष्ट हो जाते हैं और मृदा का भाग बन जाते हैं, जो अंततः जम कर पर्माफ्रॉस्ट में परिवर्तित हो जाते हैं।
    • हजारों वर्षों से जमी हुई मृदा में पारे की सांद्रता में तब तक वृद्धि होती रहती है जब तक वह पिघल नहीं जाती, जो जलवायु परिवर्तन के कारण एक सामान्य घटना है।
  • पर्माफ्रॉस्ट में पारे की मात्रा पृथ्वी के सभी महासागरों, मिट्टी, वायुमंडल और जीवमंडल के योग से भी अधिक है।
  • शोधकर्ताओं ने विश्व को एक प्रभावशाली ‘विशाल पारा बम’ के बारे में चेतावनी दी है जो शीघ्र ही विस्फोट कर सकता है।
    • यह धातु खाद्य श्रृंखला में विशेष रूप से लोगों के मछली और शिकार जैसे पारंपरिक आहार के माध्यम से एकत्रित होती है।

पर्माफ्रॉस्ट क्या है?

  • पर्माफ्रॉस्ट अनिवार्य रूप से ऐसी कोई भी भूमि है जो कम से कम दो वर्ष तक जमी रहती है – 0 डिग्री सेल्सियस या उससे कम।
  • यह “मिट्टी, चट्टानों और रेत के संयोजन से बना है जो बर्फ द्वारा एक साथ संयोजित हुए हैं। पर्माफ्रॉस्ट में मिट्टी और बर्फ पूरे वर्ष जमी रहती है।”
    • यद्यपि भूमि सदैव जमी रहती है, परंतु पर्माफ्रॉस्ट क्षेत्र हमेशा बर्फ से ढके नहीं रहते।
  • ये स्थायी रूप से जमे हुए मैदान प्रायः आर्कटिक क्षेत्रों जैसे ग्रीनलैंड, अलास्का (संयुक्त राज्य अमेरिका), कनाडा, रूस और पूर्वी यूरोप में पाए जाते हैं।
पर्माफ्रॉस्ट

पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने के परिणाम

  • पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से पौधों एवं जानवरों के आवास परिवर्तित हो जाते हैं, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र बाधित हो सकता है और जैव विविधता को खतरा हो सकता है।
  •  पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से जमीन अस्थिर हो जाती है, जिससे इमारतें, सड़कें, पाइपलाइन एवं अन्य बुनियादी ढाँचे जलमग्न हो जाते हैं या ढह जाते हैं। 
  • पर्माफ्रॉस्ट प्राचीन बैक्टीरिया एवं वायरस के लिए फ्रीजर का कार्य करता है। पिघलने से संभावित रूप से ये रोगाणु निकल सकते हैं, जिससे नई या फिर से उभरने वाली बीमारियों का जोखिम उत्पन्न हो सकता है। पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने पर जमी हुई जमीन में फंसे कार्बनिक पदार्थ विघटित हो जाते हैं, जिससे कार्बन डाइऑक्साइड और मीथेन निकलता है। यह प्रक्रिया ग्लोबल वार्मिंगमें वृद्धि करती है।
पारा
– पारा एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला रासायनिक तत्व है जो पृथ्वी की परत में चट्टानों में पाया जाता है।
1. यह एक चमकदार, चांदी की तरह सफेद धातु है, जिसे ऐतिहासिक रूप से क्विकसिल्वर के रूप में जाना जाता है और यह कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में रहता है।
– चट्टानों के अपक्षय, ज्वालामुखी विस्फोट, भूतापीय गतिविधियाँ, जंगल की आग आदि जैसी प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से पारा वायुमंडल में निर्मुक्त किया जाता है। 
– मानवीय गतिविधियाँ, जैसे ईंधन के रूप में कोयला, तेल और लकड़ी को जलाना, पर्यावरण में निर्मुक्त किये जाने वाले पारे के लिए उत्तरदायी हैं। 
– पारे का तंत्रिका, पाचन एवं प्रतिरक्षा प्रणाली और फेफड़ों, गुर्दे, त्वचा तथा आँखों पर विषाक्त प्रभाव पड़ता है।

Source: TOI