पोषक तत्त्व सब्सिडी योजनाओं का अपर्याप्त वित्तपोषण

पाठ्यक्रम: GS3/ अर्थव्यवस्था, कृषि

समाचार में

  • रसायन एवं उर्वरक संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने भारत के उर्वरक क्षेत्र से संबंधित कई प्रमुख मुद्दों और सिफारिशों पर प्रकाश डाला है।

समिति की प्रमुख सिफारिशें:

  • वित्त पोषण संबंधी चिंताएँ: समिति वित्त मंत्रालय द्वारा 2025-26 के लिए उर्वरक विभाग के बजट आवंटन में कटौती के बारे में चिंतित है, जिसका विशेष रूप से पोषक तत्त्व-आधारित सब्सिडी (NBS) और यूरिया सब्सिडी योजनाओं पर प्रभाव पड़ेगा।
    • इसमें केंद्रीय उर्वरक मंत्रालय से किसान सब्सिडी योजनाओं पर नकारात्मक प्रभाव को रोकने के लिए संशोधित अनुमान चरण में अतिरिक्त धनराशि की मांग करने का आग्रह किया गया है।
  • नैनो उर्वरक संवर्धन: समिति ने नैनो यूरिया और नैनो डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) के लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
    • इसमें इन नैनो उर्वरकों को किसानों के बीच लोकप्रिय बनाने के लिए एक रणनीति बनाने का आह्वान किया गया है, क्योंकि इनमें फसल की पैदावार बढ़ाने और पारंपरिक उर्वरक के उपयोग को कम करने की क्षमता है।
  • कच्चे माल की सुरक्षा: समिति ने कच्चे माल के निष्कर्षण, अन्वेषण, शोधन या उत्पादन के लिए खनन पट्टा समझौतों की कमी पर प्रकाश डाला है।
    • इसमें सिफारिश की गई है कि केंद्र सरकार घरेलू आपूर्ति को मजबूत करने और उर्वरकों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए ऐसे समझौते करना।
  • निधि उपयोग: यह रिपोर्ट 2024-25 के दौरान विभिन्न उर्वरक श्रेणियों में निधियों के कम उपयोग की ओर संकेत करती है।
    • इसमें सिफारिश की गई है कि केंद्र योजनाबद्ध और सतत् तरीके से आवंटन का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना।
  • यूरिया सब्सिडी योजना: खाद्यान्न उत्पादन में यूरिया के महत्त्व को देखते हुए, समिति यूरिया सब्सिडी योजना को जारी रखने की आवश्यकता पर बल देती है।

पोषक तत्त्व आधारित सब्सिडी (NBS) नीति

  • उद्देश्य: 2010 में प्रारंभ की गई NBS नीति का उद्देश्य है: किसानों को सब्सिडी वाले उर्वरक उपलब्ध कराना, पोषक तत्त्वों के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देना, मृदा स्वास्थ्य सुनिश्चित करना, सब्सिडी को पोषक तत्त्व-विशिष्ट बनाकर राजकोषीय बोझ कम करना। 
  • वैधता: नीति को वित्तीय वर्ष-2 तक कार्यान्वयन के लिए अनुमोदित किया गया है।
  • कानूनी ढाँचा: यह उर्वरक (नियंत्रण) आदेश (FCO ), 1985 के तहत कार्य करता है, जिसे आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अंतर्गत जारी किया जाता है।
    •  FCO उर्वरक के उपयोग, विनिर्देशों, लाइसेंसिंग और व्यापार विनियमों के लिए मानक निर्धारित करता है।
  • दायरा और पात्रता: NBS नीति में फास्फोरस (P) और पोटेशियम (K) उर्वरकों के 25 ग्रेड शामिल हैं, जिनमें डाई अमोनियम फॉस्फेट (DAP), म्यूरिएट ऑफ पोटाश (MOP), मोनो अमोनियम फॉस्फेट (MAP) और ट्रिपल सुपर फॉस्फेट (TSP) जैसे सामान्य उर्वरक शामिल हैं।
  • सरकार इन उर्वरकों में प्रत्येक प्राथमिक पोषक तत्त्व: नाइट्रोजन (N), फॉस्फेट (P), पोटाश (K), और सल्फर (S) के लिए एक निश्चित सब्सिडी दर (रुपये प्रति किलोग्राम में) निर्धारित करती है।
  • सब्सिडी निर्धारण: अंतर-मंत्रालयी समिति (IMC) N, P, K और S के लिए प्रति पोषक तत्त्व सब्सिडी दरों की सिफारिश करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
    • ये सिफारिशें प्रत्येक वित्तीय वर्ष की शुरुआत से पहले की जाती हैं और फिर उर्वरक विभाग द्वारा अंतिम अनुमोदन के लिए उन पर विचार किया जाता है।
  • मुख्य निहितार्थ: NBS नीति उर्वरकों के उत्पादन में प्रयुक्त कच्चे माल की लागत के अनुसार उर्वरकों की कीमत में उतार-चढ़ाव की अनुमति देती है। इस प्रकार सब्सिडी की राशि बदल जाती है, लेकिन किसान को अभी भी सब्सिडी वाला उर्वरक मिलता है।

Source: TH