पाठ्यक्रम: GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी
संदर्भ
- राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के मिशन गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष ने हाल ही में क्वांटम संचार को सक्षम करने के लिए 2-3 वर्षों में एक क्वांटम उपग्रह लॉन्च करने की भारत की योजना की घोषणा की।
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM)
- इसकी परिकल्पना प्रधानमंत्री विज्ञान प्रौद्योगिकी सलाहकार परिषद (PM-STIAC) द्वारा 2023 से 2031 तक आठ वर्षों की अवधि के लिए 6003.65 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ की गई थी।
- मिशन का उद्देश्य वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देना, उसका पोषण करना और उसे आगे बढ़ाना तथा क्वांटम प्रौद्योगिकी (QT) में एक जीवंत एवं अभिनव पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है।
- मिशन का उद्देश्य
- क्वांटम कंप्यूटिंग,
- क्वांटम संचार,
- क्वांटम सेंसिंग और मेट्रोलॉजी, और
- क्वांटम सामग्री और उपकरणों जैसे डोमेन में चार विषयगत हब (T-Hubs) स्थापित करना है।
क्वांटम उपग्रह क्या है?
- क्वांटम उपग्रह एक संचार उपग्रह है जो डेटा ट्रांसमिशन को सुरक्षित करने के लिए क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतों का लाभ उठाता है।
- महत्त्व: क्वांटम कंप्यूटरों का उद्भव वर्तमान क्रिप्टोग्राफ़िक प्रणालियों के लिए जोखिम बन गया है।
- क्वांटम उपग्रहों का उद्देश्य क्वांटम क्रिप्टोग्राफी विशेष रूप से क्वांटम कुंजी वितरण (QKD) का उपयोग करके सुरक्षित संचार सुनिश्चित करना है।
क्वांटम संचार में संदेश कैसे सुरक्षित रहते हैं?
- क्वांटम मापन: क्वांटम प्रणाली (जैसे फोटॉन) को मापने से उसकी स्थिति परिवर्तित हो जाती है।
- यदि कोई गुप्तचर फोटॉन में एनकोडेड क्वांटम कुंजी को रोक लेता है, तो उसकी गतिविधियाँ फोटॉन को बाधित कर देंगी, जिससे प्रेषक और प्राप्तकर्त्ता को उल्लंघन के बारे में पता चल जाएगा।
- क्वांटम इनटेंग्लमेंट(Quantum Entanglement): इनटेंग्ल कण इस प्रकार जुड़े रहते हैं कि एक कण में परिवर्तन से दूसरे कण पर तत्काल प्रभाव पड़ता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी अवरोध का तुरंत पता लगाया जा सकता है।
वैश्विक परिदृश्य
- चीन ने 2016 में विश्व का पहला क्वांटम उपग्रह, मिसियस प्रक्षेपित किया था।
- चीन ने क्वांटम एक्सपेरीमेंट्स एट स्पेस स्केल (QUESS) सहित अन्य क्वांटम उपग्रह भी प्रक्षेपित किए हैं।
- संयुक्त राज्य अमेरिका: बोइंग ने 2026 तक एक छोटा क्वांटम नेटवर्किंग उपग्रह तैनात करने का लक्ष्य रखा है।
QKD के साथ चुनौतियाँ
- प्रमाणीकरण संबंधी मुद्दे: QKD प्रसारण के स्रोत को प्रमाणित नहीं कर सकता।
- हार्डवेयर निर्भरता: QKD विशिष्ट हार्डवेयर पर निर्भर करता है, जिससे अपग्रेड या पैच करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
- लागत: उच्च अवसंरचना लागत व्यापक रूप से अपनाने में बाधा बन सकती है।
- सेवा से वंचित (DoS) जोखिम: एक गुप्तचर प्रसारण को बाधित कर सकता है, जिससे वैध उपयोगकर्त्ता सिस्टम तक पहुँचने से रोक सकते हैं।
आगे की राह
- यद्यपि QKD में अपार संभावनाएँ हैं, अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की तुलना में पोस्ट-क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (PQC) की सिफारिश करती है।
- PQC उन्नत शास्त्रीय एन्क्रिप्शन विधियों को नियोजित करता है जो शास्त्रीय एवं क्वांटम कंप्यूटर दोनों के हमलों का विरोध करता है।
निष्कर्ष
- हालांकि चुनौतियाँ बनी हुई हैं, लेकिन क्वांटम प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने से भविष्य में सुरक्षित डेटा ट्रांसमिशन के लिए एक व्यापक ढाँचा उपलब्ध हो सकता है।
- चूँकि क्वांटम भौतिकी तकनीकी प्रतिमानों को फिर से परिभाषित करना जारी रखती है, ऐसे में इस तरह की पहल यह सुनिश्चित करेगी कि भारत वैश्विक वैज्ञानिक प्रगति में सबसे अग्रणी रहे।
Source: TH
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