पाठ्यक्रम: GS 3/अर्थव्यवस्था
संदर्भ
- भारत के युवाओं को 2047 तक विकसित राष्ट्र के सपने को साकार करने में देश की सबसे बड़ी क्षमता के रूप में देखा जाता है।
2047 तक विकसित भारत के विजन।
- विकसित भारत @2047 पहल का उद्देश्य स्वतंत्रता की शताब्दी तक विकसित भारत की परिकल्पना करना है, जिसमें समावेशी विकास, सतत् प्रगति और प्रभावी शासन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा, जिसमें युवाओं की केंद्रीय भूमिका होगी।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बात पर बल दिया कि युवा परिवर्तन के एजेंट और लाभार्थी दोनों हैं।
रणनीति
- केंद्रीय बजट 2024-25 में नौ प्रमुख प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करके ‘विकसित भारत’ को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई है, जिसका उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए प्रचुर अवसर सृजित करना है।
- कृषि में उत्पादकता एवं प्रतिरोधकता
- रोजगार एवं कौशल
- समावेशी मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक न्याय
- विनिर्माण और सेवाएँ
- शहरी विकास
- ऊर्जा सुरक्षा
- बुनियादी ढाँचा
- नवाचार, अनुसंधान एवं विकास और
- अगली पीढ़ी के सुधार
उठाए गए विभिन्न कदम – कौशल विकास एवं उद्यमिता पर राष्ट्रीय नीति (NPSDE) अंतराल को समाप्त करती है और प्रशिक्षुता के अवसरों का विस्तार करती है।प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) ने 2015 से 1.42 करोड़ व्यक्तियों को प्रशिक्षित किया है। – विविध जनसंख्या को कौशल प्रदान करने के लिए ग्रीन हाइड्रोजन और PM विश्वकर्मा पहल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। – शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (CTS) महिलाओं की महत्त्वपूर्ण भागीदारी के साथ दीर्घकालिक व्यावसायिक प्रशिक्षण पर केंद्रित है।युवा मामलों के मंत्रालय ने राष्ट्रीय युवा महोत्सव को विकसित भारत युवा नेता संवाद में परिवर्तित कर दिया है। – इस पहल का उद्देश्य युवाओं को समग्र रूप से भारत के विकास में योगदान देने के लिए सशक्त बनाना है। – डिजिटल इंडिया भूमि अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम (DILRMP): डिजिटलीकरण ने ग्रामीण भारत में भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण किया है, विवादों का समाधान किया है, धोखाधड़ी को कम किया है और भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता को बढ़ाया है। – अपार (APAAR) आई.डी.: छात्रों के लिए एक डिजिटल शैक्षणिक पहचान, जो सुगम संक्रमण और पूर्व शिक्षा की मान्यता को सक्षम बनाती है, शैक्षिक अवसरों एवं परिणामों को सुविधाजनक बनाती है। – 5G कनेक्टिविटी और समावेशिता: भारत के डिजिटल परिवर्तन में दूरदराज के क्षेत्रों में 5G कनेक्टिविटी लाना, पहुँच सुनिश्चित करना और विनिर्माण, खुदरा, स्वास्थ्य सेवा एवं कृषि जैसे क्षेत्रों में समावेशिता को बढ़ावा देना सम्मिलित है। – प्रगति प्लेटफ़ॉर्म: 18 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं की वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक प्लेटफ़ॉर्म, जो समय पर कार्यान्वयन और कुशल शासन सुनिश्चित करता है। – आकांक्षी जिला कार्यक्रम: पिछड़े क्षेत्रों में चुनौतियों का समाधान करने, समावेशी विकास और विकास को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग किया जाता है। |
प्रमुख चुनौतियाँ
- आर्थिक असमानता: विभिन्न क्षेत्रों, समुदायों और आय समूहों के बीच विद्यमान अत्यधिक आर्थिक असमानता।
- कौशल विकास और शिक्षा: युवाओं के एक बड़े हिस्से में अभी भी तेजी से बदलते रोजगार बाजार के लिए आवश्यक कौशल की कमी है, विशेषकर प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य सेवा और स्थायी उद्योगों जैसे क्षेत्रों में।
- इसके अतिरिक्त, ग्रामीण क्षेत्रों में शैक्षिक बुनियादी ढाँचा अपर्याप्त बना हुआ है, जिससे विभिन्न छात्र उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुँच से वंचित रह जाते हैं।
- जलवायु परिवर्तन: देश गंभीर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें वायु और जल प्रदूषण, वनों की कटाई एवं जलवायु परिवर्तन के प्रभाव सम्मिलित हैं। तेजी से बढ़ते औद्योगीकरण, शहरीकरण और कृषि प्रथाओं ने प्राकृतिक संसाधनों पर काफी दबाव डाला है।
- शासन और भ्रष्टाचार: लोक प्रशासन में भ्रष्टाचार और अक्षमता अनेकों क्षेत्रों में व्याप्त है।
- यह प्रगति में बाधा उत्पन्न करता है और आवश्यक सुधारों में विलंब करता है।
- तकनीकी प्रभाव: AI और प्रौद्योगिकी में प्रगति उत्पादकता को बढ़ाती है लेकिन श्रम बाजार में व्यवधान एवं आय असमानता जैसे जोखिम उत्पन्न करती है।
निष्कर्ष और आगे की राह
- भारत का विकसित भारत का मार्ग समावेशी विकास को बढ़ावा देने, उत्पादकता बढ़ाने और सतत् विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यापक पहलों से प्रशस्त है।
- मुख्य चुनौतियों का समाधान करके और अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का लाभ उठाकर, भारत एक विकसित राष्ट्र बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयार है।
- संस्थाओं को मजबूत करना, पारदर्शिता में सुधार करना और सरकार के सभी स्तरों पर जवाबदेही सुनिश्चित करना एक स्थिर एवं संपन्न राष्ट्र बनाने के लिए महत्त्वपूर्ण है।
- विकसित भारत की ओर यात्रा केवल एक सरकारी आदेश नहीं है, बल्कि एक सामूहिक मिशन है जिसमें प्रत्येक नागरिक, उद्योग एवं संस्थान सम्मिलित हैं जो एक उज्ज्वल तथा अधिक समृद्ध भविष्य की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
Source :PIB
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