लिसोटो(Lesotho)
पाठ्यक्रम: GS 1/स्थान
समाचार में
- भारत ने खाद्य सुरक्षा और पोषण संबंधी आवश्यकताओं में सहायता के लिए लिसोटो को 1,000 मीट्रिक टन की मानवीय सहायता खेप भेजी है।
लिसोटो का परिचय
- अवस्थिति: यह दक्षिणी अफ्रीका में एक देश है।
- यह पठारों, पहाड़ियों और पर्वतों वाला एक उच्चभूमि वाला देश है। इसका सबसे उच्चतम बिंदु 3,482 मीटर पर थबाना एन्टलेन्याना है।
- राजधानी: मासेरू
- इतिहास: लिसोटो, जो प्रारंभ में खोइसन शिकारी-संग्राहकों द्वारा बसाया गया था, बाद में बंटू और सोथो-त्सवाना लोगों द्वारा बसाया गया।
- 1822 में, राजा मोशोशो I ने इस क्षेत्र को एकीकृत किया, जो 1843 में एक ब्रिटिश संरक्षित राज्य बन गया, जिसे बसुटोलैंड के रूप में जाना जाता है।
- लिसोटो ने 4 अक्टूबर, 1966 को राजा मोशोशो II के पहले संप्रभु के रूप में स्वतंत्रता प्राप्त की।
- समाज: देश मुख्य रूप से ईसाई (80%) है, जिसमें 20% स्वदेशी मान्यताओं का पालन करते हैं।
- अर्थव्यवस्था: लिसोटो की अर्थव्यवस्था खाद्य, वस्त्र, हस्तशिल्प और निर्वाह खेती जैसे उद्योगों द्वारा संचालित है।
Source: AIR
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस एवं संरक्षण कानून
पाठ्यक्रम: GS 2/शासन व्यवस्था
समाचार में
- राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस 2024 पर, केंद्रीय मंत्री उपभोक्ता संरक्षण बढ़ाने और उपभोक्ता अधिकारों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रमुख पहलों की शुरुआत करेंगे।
राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस
- भारत में, राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 (उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 द्वारा प्रतिस्थापित) के अधिनियमन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसे इस तिथि पर राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हुई थी।
- 2024 के राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का विषय “वर्चुअल सुनवाई और उपभोक्ता न्याय तक डिजिटल पहुँच” है, जो ई-फाइलिंग और वर्चुअल सुनवाई जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से उपभोक्ता न्याय में सुधार पर सरकार के फोकस को दर्शाता है।
पहल और संरक्षण कानून
- उपभोक्ता संरक्षण ऐप का शुभारंभ: ‘जागो ग्राहक जागो ऐप’, ‘जागृति ऐप’ और ‘जागृति डैशबोर्ड’ ई-कॉमर्स में “डार्क पैटर्न” की पहचान करने तथा रिपोर्ट करने में सहायता करेंगे, जो उपभोक्ता व्यवहार में संशोधन करते हैं।
- ये उपकरण AI का उपयोग करते हैं और उपभोक्ता विवादों को कुशलतापूर्वक हल करने में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) का समर्थन करेंगे।
- ई-मैप पोर्टल: एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म राज्य कानूनी मेट्रोलॉजी पोर्टलों को एकीकृत करेगा, व्यवसायों के लिए लाइसेंसिंग एवं सत्यापन प्रक्रियाओं को आसान बनाएगा और पारदर्शिता बढ़ाएगा।
- AI-सक्षम NCH 2.0: बेहतर शिकायत समाधान प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पोर्टल को AI-संचालित चैटबॉट और बहुभाषी समर्थन के साथ अपग्रेड किया जा रहा है।
- स्मार्ट मानक: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) मशीन-पठनीय मानक प्रस्तुत करेगा जो इंटरैक्टिव, बुद्धिमान और गतिशील हैं, जो मानकों को बनाने तथा उपयोग करने के तरीके को बदल देंगे।
- 1997 में स्थापित उपभोक्ता मामले विभाग (DoCA) भारत में उपभोक्ता संरक्षण पर ध्यान केंद्रित करता है।
- यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 सहित विभिन्न कानूनों और विनियमों को लागू करता है, जो डिजिटल युग में उपभोक्ता अधिकारों को मजबूत करता है, विशेष रूप से ऑनलाइन लेनदेन के लिए, और झूठे विज्ञापनों को संभालने के लिए केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना करता है।
- भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) अधिनियम, 2016 उत्पाद की गुणवत्ता एवं सुरक्षा सुनिश्चित करता है, और कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 वाणिज्यिक लेनदेन में सटीक माप को नियंत्रित करता है।
Source :PIB
मारबर्ग वायरस रोग
पाठ्यक्रम: GS2/स्वास्थ्य
संदर्भ
- रवांडा ने पहली बार मारबर्ग वायरस रोग (MVD) के प्रकोप पर सफलतापूर्वक नियंत्रण प्राप्त कर लिया है और आधिकारिक तौर पर इसे समाप्त घोषित कर दिया है।
परिचय
- इस बीमारी का नाम जर्मन शहर मारबर्ग के नाम पर रखा गया है, जहाँ 1967 में युगांडा से आयातित बंदरों को संभालते समय वैज्ञानिक इस बीमारी के पहले ज्ञात मामलों से बीमार हो गए थे।
- यह एक अत्यधिक संक्रामक विषाणुजनित बीमारी है जो रक्तस्रावी बुखार का कारण बनती है, जिसमें मृत्यु दर 88% तक होती है।
- यह उसी परिवार का है जो इबोला वायरस रोग का कारण बनने वाले वायरस से संबंधित है और वे समान लक्षण दिखाते हैं।
- होस्ट और प्रसार: मारबर्ग का प्राकृतिक होस्ट एक प्रकार का फ्रूट बैट (fruit bat) है, लेकिन यह प्राइमेट, सूअर और अन्य जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है।
- मनुष्यों में प्रकोप तब प्रारंभ होता है जब कोई व्यक्ति संक्रमित जीवों के संपर्क में आता है।
- लक्षण: तेज बुखार, गंभीर सिरदर्द और गंभीर अस्वस्थता।
- मांसपेशियों में दर्द और पीड़ा एक सामान्य विशेषता है।
- उपचार: मारबर्ग वायरस रोग के लिए कोई टीका और कोई सिद्ध उपचार उपलब्ध नहीं है।
Source: DTE
नए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष
पाठ्यक्रम: GS 2/शासन व्यवस्था
समाचार में
- भारत के राष्ट्रपति ने जून 2024 से वर्तमान रिक्ति को भरते हुए सेवानिवृत्त उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश वी. रामसुब्रमण्यम को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) का अध्यक्ष नियुक्त किया।
भारत का राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)
- इसकी स्थापना 12 अक्टूबर 1993 को मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम (PHRA), 1993 के अंतर्गत की गई थी।
- इस अधिनियम को मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 2006 द्वारा संशोधित किया गया था।
- अंतर्राष्ट्रीय मानक: NHRC पेरिस सिद्धांतों के अनुरूप है, जिन्हें अक्टूबर 1991 में पेरिस में राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों पर पहली अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अपनाया गया था और 20 दिसंबर 1993 के विनियमन 48/134 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा समर्थन दिया गया था।
- NHRC का गठन: आयोग में एक अध्यक्ष, पाँच पूर्णकालिक सदस्य और सात मानद (deemed) सदस्य होते हैं।
- नियुक्तियाँ: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा एक समिति की सिफारिशों के आधार पर की जाती है।
- इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा अध्यक्ष, गृह मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेता एवं राज्यसभा के उपसभापति शामिल होते हैं।
- उद्देश्य: NHRC मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण के लिए भारत की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
- NHRC राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मानवाधिकार जागरूकता को बढ़ावा देने और मानवाधिकार साक्षरता में हितधारकों को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तरदायी है।
क्या आप जानते हैं? – मानवाधिकारों की परिभाषा: PHRA की धारा 2(1)(d) मानवाधिकारों को जीवन, स्वतंत्रता, समानता एवं व्यक्तियों की गरिमा से संबंधित अधिकारों के रूप में परिभाषित करती है, जिनकी गारंटी संविधान द्वारा दी गई है या अंतर्राष्ट्रीय अनुबंधों में सन्निहित है, और भारत में न्यायालयों द्वारा लागू किए जा सकते हैं। |
Source :IE
चिल्का झील(Chilika Lake)
पाठ्यक्रम: GS3/पर्यावरण और जैव विविधता
संदर्भ
- पर्यावरणविदों और मछुआरों ने ओडिशा की चिल्का झील पर प्रस्तावित 4 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण का सख्त विरोध किया है।
चिल्का झील का परिचय
- स्थान: चिल्का झील, ओडिशा में स्थित एशिया की सबसे बड़ी लवणीय झील।
- यह महानदी और गोदावरी नदियों के डेल्टा के बीच स्थित है, जो बंगाल की खाड़ी से अंतर्बद्ध है।
- संरक्षण स्थिति: चिल्का झील को 1981 में अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की रामसर वेटलैंड घोषित किया गया था, जिससे यह भारत का पहला रामसर स्थल बन गया।
- यह झील चिल्का वन्यजीव अभयारण्य का भी भाग है, जो इसके वनस्पतियों और जीवों की रक्षा करने में सहायता करता है।
- पारिस्थितिक महत्त्व: यह विविध पक्षी जनसंख्या का आवास है, 2024 की पक्षी जनगणना में प्रवासी पक्षियों सहित 187 प्रजातियों के 1,137,759 पक्षी दर्ज किए गए हैं।
- यह लुप्तप्राय इरावदी डॉल्फ़िन का निवास स्थान भी है, जिन्हें प्रायः सतपदा क्षेत्र में देखा जाता है।
Source: DTE
स्पैडेक्स मिशन (SpaDex Mission)
पाठ्यक्रम: GS3/ अन्तरिक्ष
समाचार में
- इसरो द्वारा विकसित SpaDeX (स्पेस डॉकिंग एक्सपेरिमेंट) मिशन भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण क्षमताओं को आगे बढ़ाने में एक महत्त्वपूर्ण पहल है। इसे 30 दिसंबर, 2024 को लॉन्च किया जाएगा।
मिशन का परिचय
- संक्षिप्त विवरण:
- स्पैडेक्स को कक्षा में दो अंतरिक्ष यान को डॉक करने के लिए आवश्यक तकनीक का परीक्षण और प्रदर्शन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह एक जटिल युद्धाभ्यास है जिसके लिए सटीक नियंत्रण एवं समन्वय की आवश्यकता होती है।
- मिशन में दो अंतरिक्ष यान शामिल हैं – एक “चेज़र” (SDX01) जो सक्रिय रूप से एक “लक्ष्य” (SDX02) अंतरिक्ष यान का पीछा करेगा और उसके साथ डॉक करेगा।
- उद्देश्य:
- प्राथमिक: पृथ्वी की निचली कक्षा में दो अंतरिक्ष यानों के मिलन, डॉकिंग और अनडॉकिंग का प्रदर्शन करना।
- द्वितीयक: अंतर-उपग्रह शक्ति हस्तांतरण और समग्र अंतरिक्ष यान नियंत्रण जैसी प्रौद्योगिकियों का परीक्षण करना, जो भविष्य के रोबोटिक एवं मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशनों के लिए महत्त्वपूर्ण हैं।
- नई तकनीकें:
- डॉकिंग तंत्र: स्पैडेक्स एक कम प्रभाव वाली एंड्रोजेनस डॉकिंग प्रणाली का उपयोग करेगा, जिससे दो अंतरिक्ष यान के बीच सुरक्षित और सुरक्षित कनेक्शन संभव होगा।
- सेंसर सूट: लेजर रेंज फाइंडर (LRF) और प्रॉक्सिमिटी एवं डॉकिंग सेंसर (PDS) सहित उन्नत सेंसर, सटीक तथा नियंत्रित डॉकिंग सुनिश्चित करेंगे।
- RODP प्रोसेसर: GNSS-आधारित प्रणाली अंतरिक्ष यान के लिए सटीक स्थिति और वेग डेटा प्रदान करेगी।
- ISL संचार: एक स्वायत्त अंतर-उपग्रह लिंक अंतरिक्ष यान के बीच वास्तविक समय संचार और डेटा साझा करने में सक्षम होगा।
SpaDeX मिशन का महत्त्व
- तकनीकी माइलस्टोन: भारत को अंतरिक्ष में डॉकिंग तकनीक विकसित करने और प्रदर्शित करने वाला विश्व का चौथा देश (अमेरिका, रूस एवं चीन के बाद) बनाता है।
- अंतरिक्ष अन्वेषण में प्रगति: निम्न के लिए महत्त्वपूर्ण क्षमताएँ सक्षम करता है:
- चंद्रयान-4
- अंतरिक्ष स्टेशन
- प्रतिरूप वापसी मिशन
- दीर्घकालिक अंतरग्रहीय मिशन
- लागत-प्रभावी नवाचार: स्वदेशी और स्केलेबल समाधानों पर ध्यान केंद्रित करता है, जिससे भविष्य के मिशनों के लिए उन्नत अंतरिक्ष संचालन अधिक लागत-कुशल बन जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: अंतर्राष्ट्रीय डॉकिंग सिस्टम (IDS) के समान मानकों को अपनाता है, जिससे अंतरिक्ष अन्वेषण में वैश्विक साझेदारी के लिए अनुकूलता को बढ़ावा मिलता है।
Source: TH
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