पाठ्यक्रम :GS 3/अर्थव्यवस्था
समाचार में
भारत में 204 लाइटहाउस हैं, जिनमें से विभिन्न पर्यटन स्थलों के रूप में फिर से तैयार किया जा रहा है।
लाइटहाउस पर्यटन
- लाइटहाउस पर्यटन में लाइटहाउसों और उनके आसपास के क्षेत्रों को जीवंत पर्यटक आकर्षणों के रूप में परिवर्तित करना सम्मिलित है।
- ये संरचनाएँ, जो प्रायः सुंदर तटीय या द्वीपीय स्थानों पर स्थित होती हैं, आगंतुकों को प्राकृतिक सौंदर्य, समुद्री इतिहास और मनोरंजन के अवसरों का एक अद्वितीय संयोजन प्रदान करती हैं।
भारत में लाइटहाउस पर्यटन की संभावनाएँ
- सामरिक स्थान: विभिन्न लाइटहाउस भारत के समुद्र तट या सुदूर द्वीपों के लुभावने स्थानों पर स्थित हैं, जहाँ से समुद्र का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
- सांस्कृतिक महत्त्व: कुछ लाइटहाउस सदियों पुराने हैं और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों जैसे तमिलनाडु में महाबलीपुरम या अन्य प्रमुख सांस्कृतिक स्थलों के पास हैं।
- साहसिक कार्य और अवकाश: इन स्थलों पर ट्रैकिंग, बोटिंग और जल क्रीड़ा जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जा सकती हैं, जो साहसिक गतिविधियों के शौकीनों को आकर्षित करती हैं।
- आर्थिक प्रभाव: लाइटहाउस पर्यटन का विकास स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के साथ-साथ आतिथ्य, परिवहन और हस्तशिल्प रोजगार सृजित कर सकता है।
भारत सरकार द्वारा लाइटहाउस पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम
- केंद्र सरकार भारत की सांस्कृतिक विरासत और समुद्री विरासत को बढ़ाने के लिए अपने व्यापक समुद्री भारत विजन (MIV) 2030 और अमृत काल विजन 2047 के एक भाग के रूप में लाइटहाउस पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है।
- भारतीय लाइटहाउस महोत्सव शृंखला: प्रथम भारतीय लाइटहाउस महोत्सव, “भारतीय प्रकाश स्तंभ उत्सव” का उद्घाटन सितंबर, 2023 में गोवा में केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय मंत्री द्वारा किया गया था।
- उसके पश्चात् यह उत्सव प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है, तथा यह प्रकाशस्तंभ पर्यटन का जश्न मनाने और उसे बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।
- सागरमाला कार्यक्रम: लाइटहाउस पर्यटन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत उसके प्रयासों और निजी हितधारकों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने पर उसके फोकस से भी स्पष्ट है।
- यह भारत की समुद्री और आर्थिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए एकीकृत विकास, बुनियादी ढाँचे के विकास, स्थिरता एवं सामुदायिक कल्याण के मिश्रण का उदाहरण देता है।
हालिया विकास:
- फरवरी 2024 में, PM मोदी ने 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पर्यटक सुविधाओं के साथ 75 लाइटहाउस समर्पित किए।
- इन स्थलों के विकास में ₹60 करोड़ का निवेश किया गया, जिसमें संग्रहालय, एम्फीथिएटर, पार्क आदि सम्मिलित नहीं हैं।
- 2023-24 में 16 लाख से अधिक पर्यटक, 2014 से 400% अधिक, 2024-25 में पहले से ही 10 लाख आगंतुक।
भविष्योन्मुखी रणनीतियाँ
- सतत् विकास: जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देते हुए नाजुक तटीय पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं पर बल दिया गया।
- तटीय सर्किटों के साथ एकीकरण: लाइटहाउस को उनके आकर्षण को बढ़ाने के लिए व्यापक तटीय पर्यटन यात्रा कार्यक्रमों में सम्मिलित किया गया है।
- जागरुकता अभियान: घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों के लिए लाइटहाउस स्थलों को प्रदर्शित करने के लिए डिजिटल पहल प्रारंभ की जा रही है।
- कौशल विकास: स्थानीय समुदायों को आतिथ्य और पर्यटन से संबंधित क्षेत्रों में रोजगार के लिए आवश्यक कौशल से युक्त करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
- लाइटहाउस पर्यटन विरासत संरक्षण को आधुनिक पर्यटन के साथ मिश्रित करता है, जो आगंतुकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था और सामुदायिक सशक्तिकरण में योगदान देता है।
- सागरमाला कार्यक्रम के अंतर्गत निरंतर प्रयास और निजी हितधारकों की भागीदारी से लाइटहाउस पर्यटन को भारत के पर्यटन उद्योग की आधारशिला के रूप में मजबूती मिलेगी।
Source: PIB
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संक्षिप्त समाचार 27-12-2024
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