राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत स्मार्ट शहर

पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/इंफ्रास्ट्रक्चर

सन्दर्भ

  • सरकार ने राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (NICDP) के अंतर्गत 12 नए औद्योगिक स्मार्ट शहरों को मंजूरी दी है।

नई औद्योगिक स्मार्ट सिटी परियोजना के बारे में

  • ये परियोजनाएं दस राज्यों में विस्तारित हुई हैं और इन्हें छह प्रमुख गलियारों में रणनीतिक रूप से योजनाबद्ध किया गया है।
    • ये हैं उत्तराखंड में खुरपिया, बिहार में गया, पंजाब में राजपुरा-पटियाला, तेलंगाना में जहीराबाद, महाराष्ट्र में दिघी, आंध्र प्रदेश में ओर्वाकल और कोप्पर्थी, केरल में पलक्कड़, राजस्थान में जोधपुर-पाली और उत्तर प्रदेश में आगरा और प्रयागराज।

मुख्य विशेषताएं:

  • रणनीतिक निवेश: NICDP को बड़े प्रमुख उद्योगों और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) दोनों से निवेश की सुविधा प्रदान करके एक जीवंत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहन देने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
    • ये औद्योगिक इकाइयां 2030 तक 2 ट्रिलियन डॉलर का निर्यात प्राप्त करने में उत्प्रेरक का कार्य करेंगी, जो सरकार के आत्मनिर्भर और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी भारत के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।
  • स्मार्ट शहर और आधुनिक बुनियादी ढांचा: नए औद्योगिक शहरों को वैश्विक मानकों के ग्रीनफील्ड स्मार्ट शहरों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिन्हें ‘प्लग-एन-प्ले’ और ‘वॉक-टू-वर्क’ अवधारणाओं पर “मांग से आगे” बनाया जाएगा।
    • यह दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि शहर उन्नत बुनियादी ढांचे से सुसज्जित हों जो सतत और कुशल औद्योगिक संचालन का समर्थन करते हों।
  • PM गतिशक्ति पर क्षेत्रीय दृष्टिकोण: PM गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, परियोजनाओं में मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी अवसंरचना की सुविधा होगी, जो लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की निर्बाध आवागमन सुनिश्चित करेगी।
    • औद्योगिक शहरों को पूरे क्षेत्र के परिवर्तन के लिए विकास केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।

महत्त्व

  • भारत को वैश्विक मूल्य शृंखलाओं (GVC) में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करके, NICDP तत्काल आवंटन के लिए तैयार विकसित भूमि पार्सल प्रदान करेगा, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयाँ स्थापित करना सुलभ हो जाएगा।
  •  ये परियोजनाएँ बड़े एंकर उद्योगों और MSMEs(सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) दोनों से लगभग 1.52 ट्रिलियन रुपये की उम्मीद के साथ पर्याप्त निवेश आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं। 
  • आर्थिक प्रभाव और रोजगार सृजन: इस पहल से 1 मिलियन प्रत्यक्ष और 3 मिलियन अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने का अनुमान है।
  •  सतत विकास के लिए प्रतिबद्धता: गुणवत्तापूर्ण, विश्वसनीय और सतत बुनियादी ढाँचा प्रदान करके, सरकार का लक्ष्य ऐसे औद्योगिक शहर बनाना है जो न केवल आर्थिक गतिविधि के केंद्र हों, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के मॉडल भी हों।

राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम

  • यह भारत का सबसे महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा कार्यक्रम है जिसका लक्ष्य नए औद्योगिक शहरों को “स्मार्ट सिटी” के रूप में विकसित करना और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करना है।
  •  इनका उद्देश्य भारत में भविष्य के औद्योगिक शहरों का विकास करना है जो विश्व के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश स्थलों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। 
  • इससे रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे और आर्थिक विकास होगा जिससे समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास होगा।
  •  11 कॉरिडोर के तहत 4 चरणों में 32 परियोजनाएं राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन का भाग बन रही हैं।

निष्कर्ष

  • NICDP के तहत 12 नए औद्योगिक नोड्स की स्वीकृति भारत की वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनने की यात्रा में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन है।
  •  इन नए अनुमोदनों के अतिरिक्त , NICDP ने पहले ही चार परियोजनाओं को पूरा कर लिया है, और चार अन्य वर्तमान में कार्यान्वयन के अधीन हैं। यह निरंतर प्रगति भारत के औद्योगिक क्षेत्र को बदलने और एक जीवंत, सतत और समावेशी आर्थिक वातावरण को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रकट करती है।

Source: IE