जेंडर बजटिंग

पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-2/शासन

सन्दर्भ

  • जेंडर बजट पहली बार 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद अनुमान के 1% तक पहुंच गया।

परिचय

  • इस वर्ष के बजट में वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं के केंद्र में महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास बना हुआ है।
  • महिलाओं के हित में कार्यक्रमों के लिए वर्तमान में कुल आवंटन 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
  • वित्त वर्ष 2014 से वित्त वर्ष 2025 तक महिला कल्याण के लिए बजट आवंटन में उल्लेखनीय 218.8 % की वृद्धि हुई है।

जेंडर बजटिंग क्या है?

  • जेंडर बजटिंग एक ऐसी रणनीति है जिसमें बजटिंग प्रक्रिया में लैंगिक विचारों को सम्मिलित किया जाता है।
  •  इसे पहली बार 2005-06 में प्रस्तुत किया गया था। 
  • इसमें बजट संसाधनों का विश्लेषण और आवंटन इस प्रकार से किया जाता है कि महिलाओं एवं बालिकाओं की विशिष्ट आवश्यकताओं तथा प्राथमिकताओं को संबोधित किया जा सके। लिंग-संवेदनशील नीतियों और कार्यक्रमों को प्रोत्साहन दिया जा सके।

जेंडर बजट 2023-24

  • पिछले जेंडर बजट में लगातार कुल बजटीय आवंटन का औसतन 5% भाग बताया गया है। 
  • इस वर्ष महिला-समर्थक योजनाओं के लिए आवंटन का भाग 2024-25 के कुल बजट व्यय का लगभग 6.8% है, जो सामान्य आंकड़ो से कहीं अधिक है। 
  • जेंडर बजट को तीन भागों में विभाजित किया गया है।
    • भाग A में महिलाओं के लिए 100% प्रावधान वाली योजनाएं सम्मिलित हैं, जबकि भाग B में महिलाओं के लिए 30-99% आवंटन वाली योजनाएं सम्मिलित हैं। 
    • पहली बार, भाग C में महिलाओं के लिए 30% तक के आवंटन वाली योजनाएं सम्मिलित हैं।
जेंडर बजट 2023-24

महत्त्व

  • आर्थिक सर्वेक्षण में बालिकाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा से शुरू होकर महिला-नेतृत्व वाले विकास के महत्व पर प्रकाश डाला गया है।
    • प्रमुख संकेतक इस क्षेत्र में प्रगति दर्शाते हैं, जन्म के समय राष्ट्रीय लिंग अनुपात (SRB) 918 से बढ़कर 930 हो गया है, तथा मातृ मृत्यु दर प्रति लाख जीवित जन्मों पर 130 से घटकर 97 हो गई है।
  • कौशल विकास में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि हुई है।
    • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के अंतर्गत, यह वित्त वर्ष 2016 में 42.7% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 52.3% हो गया। 
    • जन शिक्षण संस्थान (JSS) योजना में 82 % महिला लाभार्थी हैं। 
    • औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITIs) और राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (NSTIs) में महिलाओं की भागीदारी वित्त वर्ष 2016 में 9.8% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 13.3% हो गई।
    •  राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (NAPS) में, यह वित्त वर्ष 2017 में 7.7% से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में 20.8% हो गई।

सरकारी पहल

  • मिशन शक्ति महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) द्वारा 2021-2025 की अवधि के लिए शुरू किया गया एक महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम है।
    • इसका उद्देश्य महिलाओं के कल्याण, सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए हस्तक्षेप को दृढ करना है और महिलाओं को राष्ट्र निर्माण में समान भागीदार बनाना है।
  • बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम तथा पीएम मातृ वंदना योजना जैसी पहलों ने भी महिलाओं एवं लड़कियों के कल्याण और सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण सुधार लाने में योगदान दिया है।
  •  मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 कार्यक्रम महिलाओं के स्वास्थ्य को सिर्फ कैलोरी सेवन से आगे बढ़ाने और उचित सूक्ष्म पोषक तत्वों के साथ समग्र स्वास्थ्य तथा प्रतिरक्षा में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  •  विज्ञान और इंजीनियरिंग में महिलाएँ-किरण (WISE KIRAN) कार्यक्रम ने 2018 से 2023 तक लगभग 1,962 महिला वैज्ञानिकों का समर्थन किया है।

निष्कर्ष

  • GBS में आवंटन के लिए स्पष्टीकरण सम्मिलित करने से न केवल लेखांकन सटीकता सुनिश्चित होगी, बल्कि लैंगिक ऑडिट में भी मदद मिलेगी और सरकारी कार्यक्रमों में बेहतर लैंगिक परिणामों के लिए मार्ग प्रशस्त होगा।
  •  GBS में बेहतर रिपोर्टिंग के लिए विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न वर्षों से किया जा रहा समर्थन तीसरे भाग को सम्मिलित करने में परिलक्षित होती है। 
  • लैंगिक संवेदनशील बजट अर्थव्यवस्था में लैंगिक अंतर को कम करने का एक शक्तिशाली साधन है।

Source: TH