भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते के दो वर्ष

पाठ्यक्रम: GS2/ अंतर्राष्ट्रीय संबंध

संदर्भ

  • भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (IND-AUS ECTA) ने दो वर्ष पूरे कर लिए हैं, जिससे दोनों देशों में MSMEs, व्यापार और रोजगार के लिए नए अवसर सृजित हुए हैं।

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौता (IND-AUS ECTA)

  • भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA दोनों देशों के मध्य व्यापार को प्रोत्साहित करने और सुधारने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है।
    • यह 29 दिसंबर 2022 को प्रभावी हुआ।
  • मुख्य विशेषताएं: ऑस्ट्रेलिया 100% टैरिफ लाइनों पर अधिमान्य बाजार पहुंच प्रदान करता है, जिससे भारत के श्रम-गहन निर्यात क्षेत्रों जैसे कपड़ा, चमड़ा और आभूषण को लाभ मिलता है।
    • भारत 70% से अधिक टैरिफ लाइनों पर अधिमान्य पहुंच प्रदान करता है, मुख्य रूप से कोयला, खनिज अयस्कों और शराब सहित ऑस्ट्रेलियाई निर्यात हित के कच्चे माल और मध्यस्थों पर।

भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA के अंतर्गत प्रगति

  • द्विपक्षीय व्यापारिक व्यापार 2020-21 में 12.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2023-24 में 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जिसमें ऑस्ट्रेलिया को भारत का निर्यात 14% बढ़ा है।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA के अंतर्गत कार्यान्वयन के दो वर्षों के पश्चात् निर्यात उपयोग 79 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जबकि आयात उपयोग 84 प्रतिशत रहा।
    • व्यापार उपयोग दरें मापती हैं कि व्यवसाय व्यापार लाभों का कितनी प्रभावी रूप से लाभ उठाते हैं, तथा प्रक्रियागत दक्षताओं के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं।
  • वृद्धि दर्शाने वाले प्रमुख क्षेत्र: कपड़ा, रसायन, कृषि, तथा सोने से जड़े हीरे और टर्बोजेट जैसे नए निर्यातों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। धातु अयस्कों, कपास और लकड़ी जैसे कच्चे माल के आयात ने भारतीय उद्योगों को समर्थन दिया है।
    • इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों में अभी भी विस्तार की संभावनाएं हैं।

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग

  • ऑस्ट्रेलिया भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक साझेदार है।
  • दोनों देश 14 देशों के इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम फॉर प्रॉसपेरिटी (IPEF) और त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन पहल (SCRI) का भाग हैं, जिससे क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन मजबूत होने की संभावना है।
  • जनवरी-सितंबर 2023 के दौरान ऑस्ट्रेलिया से FDI 307.2 मिलियन डॉलर था, जो पूरे 2022 में प्राप्त 42.43 मिलियन डॉलर से सात गुना अधिक है।
    • परामर्श सेवाओं में FDI 2022 में 0.15 मिलियन डॉलर से बढ़कर 248 मिलियन डॉलर हो गया।
  • वित्त वर्ष 2023 में भारत ऑस्ट्रेलिया का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था, और ऑस्ट्रेलिया भारत का 13वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया के मध्य व्यापार 2035 तक 45-50 बिलियन डॉलर से अधिक हो जाने की संभावना है।

भविष्य की योजनाएं

  • हिंद-प्रशांत विजन को सुदृढ़ करना: भारत एवं ऑस्ट्रेलिया एक लचीले, समावेशी और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता साझा करते हैं।
    • दोनों देश QUAD, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉसपेरिटी (IPEF) और जापान के साथ सप्लाई चेन रेजिलिएंस इनिशिएटिव (SCIR) के सक्रिय सदस्य हैं।
  • व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA): ECTA परिणामों के आधार पर CECA के लिए बातचीत चल रही है, जिसका लक्ष्य रणनीतिक क्षेत्रों में अधिक आर्थिक एकीकरण और सहयोग है।
  • दोनों देशों का लक्ष्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाना है।

निष्कर्ष

  • भारत और ऑस्ट्रेलिया अपनी आर्थिक साझेदारी को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं तथा नए अवसरों के द्वार प्रशस्त करने के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA का लाभ उठा रहे हैं।
  • हाल के समय में, निवेशक-अनुकूल नीतियों और खेल-परिवर्तनकारी सुधारों ने भारत को ऑस्ट्रेलियाई व्यवसायों के लिए अधिक आकर्षक गंतव्य बना दिया है।
  • भारत और ऑस्ट्रेलिया मिलकर अपनी आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, पारस्परिक समृद्धि को बढ़ावा देने तथा अधिक लचीली और गतिशील वैश्विक अर्थव्यवस्था में योगदान देने के लिए तैयार हैं।

Source: PIB