पाठ्यक्रम: सामान्य अध्ययन पेपर-3/अर्थशास्त्र
सन्दर्भ
- प्रधानमंत्री ने मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (GFF) 2024 को संबोधित किया।
ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (GFF) के बारे में
- GFF का आयोजन पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और फिनटेक कन्वर्जेंस काउंसिल द्वारा संयुक्त रूप से किया जाता है।
- इसका उद्देश्य फिनटेक में भारत की प्रगति को प्रदर्शित करना और इस क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाना है।
- GFF में भारत और अन्य देशों के नीति निर्माताओं, नियामकों, वरिष्ठ बैंकरों तथा शिक्षाविदों सहित 800 उद्योग विशेषज्ञ भाग लेंगे।
फिनटेक क्या है?
- भारत में फिनटेक क्षेत्र वित्तीय सेवाओं को बढ़ाने, नवाचार करने और सुव्यवस्थित करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग को संदर्भित करता है।
- इस क्षेत्र में डिजिटल भुगतान, उधार, बीमा, धन प्रबंधन और व्यक्तिगत वित्त सहित वित्तीय उत्पादों तथा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला सम्मिलित है, जो सभी प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित हैं।
भारत में फिनटेक क्षेत्र
- भारतीय फिनटेक उद्योग का आकार 2024 में लगभग 110 बिलियन अमरीकी डॉलर होने का अनुमान है और 2029 तक इसके 420 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है।
- भारतीय फिनटेक 2022 में भारत में दूसरा सबसे अधिक वित्त पोषित स्टार्टअप क्षेत्र था।
- 2016 में केवल 1 मिलियन लेनदेन से, UPI ने अब तक 10 बिलियन लेन-देन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है।
विकास चालक
- डिजिटल अवसंरचना: ओपन एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (API) प्लेटफॉर्म अर्थात् आधार, UPI, भारत बिल पेमेंट्स, GSTN.
- तकनीकी नवाचार: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों द्वारा संचालित नए बिजनेस मॉडल का कार्यान्वयन।
- बढ़ती इंटरनेट और स्मार्टफोन की पहुंच: भारत में पहले से ही वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं की दूसरी सबसे बड़ी संख्या है और यह दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट उपयोगकर्ता बाजार है।
- अनुकूल जनसांख्यिकी: वर्ष 2020 में भारत की 68% जनसँख्या युवा है और इसकी 55% जनसँख्या 20-59 आयु वर्ग (कामकाजी जनसँख्या) में है तथा अनुमान है कि 2025 तक यह कुल जनसँख्या का 56% तक पहुंच जाएगी।
- 2030 तक भारत में 140 मिलियन मध्यम आय वाले और 21 मिलियन उच्च आय वाले परिवार जुड़ेंगे, जिससे भारतीय फिनटेक क्षेत्र की मांग तथा वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।
- वित्तीय समावेशन पहल: PMJDY, DAY-NRLM, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, अटल पेंशन योजना जैसे वित्तीय समावेशन कार्यक्रमों ने डिजिटल क्रांति को गति दी है और अधिक नागरिकों, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, को डिजिटल वित्तीय सेवाओं की सीमाओं में लाया है।
चुनौतियाँ
- विनियमन जटिलता: फिनटेक क्षेत्र को विभिन्न एजेंसियों (जैसे, RBI, SEBI) द्वारा विनियमित किया जाता है, जिससे एक जटिल विनियामक वातावरण बनता है।
- साइबर सुरक्षा जोखिम: डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के बढ़ते उपयोग से डेटा उल्लंघन और साइबर हमलों के बारे में चिंताएँ बढ़ जाती हैं।
- संवेदनशील वित्तीय डेटा की सुरक्षा के लिए मजबूत सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।
- डिजिटल साक्षरता का अभाव: जनसँख्या के एक महत्वपूर्ण भाग में अभी भी डिजिटल साक्षरता और प्रौद्योगिकी तक पहुँच का अभाव है, जो फिनटेक समाधानों की पहुँच तथा प्रभावशीलता को सीमित करता है।
- ग्राहक विश्वास: डिजिटल वित्तीय सेवाओं में विश्वास बनाना, विशेष रूप से पुराने जनसांख्यिकी और प्रौद्योगिकी के लिए नए लोगों के बीच चुनौतीपूर्ण है।
- नीति परिवर्तन: कराधान और ब्याज दरों सहित आर्थिक या वित्तीय नीतियों में परिवर्तन फिनटेक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रमुख रूप से प्रभावित करते हैं।
- नवाचार और मापनीयता: तेजी से तकनीकी प्रगति के साथ सामंजस्य रखना और यह सुनिश्चित करना कि उपयोगकर्ता की मांग बढ़ने पर सिस्टम प्रभावी रूप से स्केल कर सकें, एक कठिन चुनौती है।
भारत में फिनटेक क्षेत्र के लिए सरकारी पहल
- प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY): प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण और वित्तीय सेवाओं तक पहुँच के लिए नए बैंक खातों के नामांकन की सुविधा प्रदान करके वित्तीय समावेशन को बढ़ाने का लक्ष्य।
- इंडिया स्टैक: सार्वजनिक डिजिटल अवसंरचना बनाने की एक सामाजिक पहल जो विशेष रूप से वित्त क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी दोनों डिजिटल पहलों का समर्थन करती है।
- आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AePS): व्यक्तियों को माइक्रो-एटीएम पर अपने आधार नंबर और बायोमेट्रिक सत्यापन (फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) का उपयोग करके वित्तीय लेन-देन करने की अनुमति देता है।
- केंद्रीय KYC(अपने ग्राहक को जानें): विभिन्न वित्तीय संस्थानों में विभिन्न KYC की आवश्यकता को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया एक केंद्रीय भंडार।
- यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI): एक मापनीय प्लेटफ़ॉर्म जो पूरे भारत में डिजिटल भुगतान का समर्थन करता है।
- भारत बिल भुगतान प्रणाली (BBPS): विभिन्न उपयोगिताओं और क्षेत्रों में बिल भुगतान को सक्षम करके उपभोक्ता सुविधा को बढ़ाता है, जिसमें प्रीपेड रिचार्ज को छोड़कर सभी आवर्ती बिल सम्मिलित हैं।
- राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन (NDHM) और संबंधित पहल: NDHM और दिशा सहित सरकार के नेतृत्व वाले प्रयासों का उद्देश्य डिजिटल अवसंरचना के माध्यम से बीमा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों को बदलना है।
- IFSC, GIFT सिटी में फिनटेक हब: भारत को वैश्विक फिनटेक लीडर के रूप में बढ़ावा देने के लिए गुजरात के गांधीनगर में एक विश्व स्तरीय फिनटेक हब विकसित किया गया।
निष्कर्ष
- भारत में फिनटेक क्षेत्र जीवंत है और तेजी से विकसित हो रहा है, जो पहुंच, दक्षता तथा समावेशन को बढ़ाकर देश के वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
Source: TH
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