पाठ्यक्रम: GS3/शासन व्यवस्था
संदर्भ
- भारत में, नारी शक्ति से जल शक्ति पहल एक अभूतपूर्व प्रयास है जो जल संरक्षण में महिलाओं के नेतृत्व का लाभ प्राप्त कर रहा है।
परिचय
- केंद्र सरकार ने मार्च, 2024 में ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम के साथ राष्ट्रव्यापी अभियान ‘जल शक्ति अभियान: कैच द रेन-2024’ का पाँचवा संस्करण प्रारंभ किया।
- महिलाओं के नेतृत्व में कार्रवाई: इस पहल के अंतर्गत महिलाओं ने समुदायों को जल-बचत प्रथाओं को अपनाने, अपव्यय को कम करने और प्राकृतिक जल निकायों की रक्षा करने के लिए प्रेरित किया है।
- स्थायित्व पर ध्यान: महिला नेतृत्व जल संरक्षण प्रयासों की स्थिरता सुनिश्चित करता है, इन प्रथाओं को सामुदायिक जीवन शैली में शामिल करता है।
महत्त्व
- SDGs के साथ संरेखण: यह पहल संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) को प्राप्त करने में प्रत्यक्ष योगदान देती है:
- SDG 5: लैंगिक समानता और महिलाओं का सशक्तिकरण।
- SDG 6: सभी के लिए जल एवं स्वच्छता की उपलब्धता और स्थायी प्रबंधन सुनिश्चित करना।
- महिलाओं को सशक्त बनाना: यह महिलाओं को बदलाव के प्रमुख अभिकर्त्ता के रूप में पहचानता है, जिससे उन्हें जल संरक्षण रणनीतियों का नेतृत्व करने और उन्हें बनाए रखने में सक्षम बनाया जा सके।
जल संकट की स्थिति
- वैश्विक जल संकट बढ़ता जा रहा है, कम आय वाले देशों में वित्तीय घाटे के अनुमान 2050 तक संभावित रूप से GDP में 15% की कमी तक पहुँच सकते हैं।
- भारत एक गंभीर जल संकट का सामना कर रहा है, जिसमें अनुमान है कि 2030 तक इसकी लगभग 40 प्रतिशत जनसंख्या को स्वच्छ पेयजल तक पहुँच नहीं होगी।
- भारत का लगभग 80% जल कृषि में खपत होता है और यह अप्रत्याशित मानसून पर बहुत अधिक निर्भर है।
जल संरक्षण के लिए सरकार की पहल
- राष्ट्रीय जलभृत मानचित्रण कार्यक्रम (NAQUIM) देश में जलभृत प्रणाली का चित्रण और लक्षण वर्णन करने के लिए।
- जल क्रांति अभियान का उद्देश्य सभी हितधारकों को शामिल करते हुए समग्र और एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से जल संरक्षण और प्रबंधन पहलों को सुदृढ़ करना है।
- अटल भूजल योजना, माँग प्रबंधन और सामुदायिक भागीदारी पर बल देते हुए देश के सात राज्यों के कुछ हिस्सों में पहचाने गए जल-अभाव क्षेत्रों में भूजल प्रबंधन में सुधार की परिकल्पना करती है।
- ग्राम पंचायत स्तर के जल उपयोगकर्त्ता संघों में जल बजट में महिलाओं की भागीदारी कम से कम 33% रखी गई है।
- राष्ट्रीय जल नीति: यह वर्षा जल संचयन का समर्थन करती है तथा वर्षा के संरक्षण और प्रत्यक्ष उपयोग पर बल देती है।
केस स्टडीज़
- राजस्थान में, महिलाओं के नेतृत्व वाले समूहों ने पारंपरिक जल निकायों को पुनर्जीवित किया है और चेक डैम का निर्माण किया है।
- महाराष्ट्र में, महिलाओं ने सूक्ष्म सिंचाई तकनीकों को अपनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे कृषि में जल का उपयोग कम हुआ है और फसल की उपज में वृद्धि हुई है।
- हिमाचल प्रदेश में, महिलाएँ वर्षा जल संचयन परियोजनाओं में सक्रिय रूप से सम्मिलित हैं।
निष्कर्ष
- नारी शक्ति से जल शक्ति पहल दर्शाती है कि कैसे महिलाओं का नेतृत्व भारत में जल संरक्षण को परिवर्तित कर सकता है, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है।
- यह नवोन्मेषी कार्यक्रम सरकारी निकायों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के बीच सहयोग को भी बढ़ावा देता है, जिससे जल प्रबंधन के लिए एक मजबूत और सतत् मॉडल तैयार होता है।
Source: DTE
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