GovAI: AI के साथ शासन की पुनर्कल्पना

पाठ्यक्रम: GS2/ई गवर्नेंस, GS3/विज्ञान और प्रौद्योगिकी; उभरती हुई प्रौद्योगिकी

सन्दर्भ

  • हाल ही में, यह रेखांकित किया गया कि शासन को परिवर्तित करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता(AI) की क्षमता बहुत अधिक है, विशेष रूप से भारत जैसे तेजी से डिजिटल हो रहे देश में, क्योंकि यह शासन में क्रांति लाने के लिए तैयार है, तथा लोक प्रशासन में दक्षता, समावेशिता और जवाबदेही बढ़ाने के अभूतपूर्व अवसर प्रदान करता है।

शासन का डिजिटल रूपांतरण

  • पिछले एक दशक में भारत में डिजिटल परिवर्तन अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। देश का डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा (DPI) विकसित हुआ है, जिससे कल्याणकारी योजनाओं में अक्षमताएँ, लीकेज कम हुई हैं और सरकारी सेवाओं की डिलीवरी में सुधार हुआ है।
  •  AI के ज़रिए शासन में क्रांतिकारी बदलाव, जिसे GovAI कहा जाता है, जटिल चुनौतियों का समाधान करने और सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए AI की क्षमताओं का लाभ उठाते हुए अधिक कुशल, समावेशी और उत्तरदायी शासन प्रदान करने का वादा करता है।
  • AI का वादा कम से कम में ज़्यादा देने की इसकी क्षमता में निहित है, जो विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
    • शासन में, AI प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित कर सकता है, निर्णय लेने में सुधार कर सकता है और नागरिकों को व्यक्तिगत सेवाएँ प्रदान कर सकता है।

GovAI को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख रुझान

  • AI में स्वास्थ्य सेवा से लेकर सुरक्षा तक, विभिन्न क्षेत्रों को परिवर्तित करने की अपार क्षमता है। हालाँकि, इसका सबसे प्रभावशाली अनुप्रयोग शासन में हो सकता है। GovAI का लक्ष्य शासन को AI के लिए ‘किलर ऐप(killer app)’ बनाना है, जो सार्वजनिक प्रशासन में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देता है।
  • तीव्रता से डिजिटलीकरण: वर्तमान में 90 करोड़ भारतीय इंटरनेट से जुड़े हुए हैं, और अनुमान है कि यह संख्या 2026 तक 120 करोड़ तक पहुँच जाएगी, भारत वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक जुड़ा हुआ तथा डिजिटल देश बनने के लिए तैयार है।
  • यह कनेक्टिविटी GovAI की रीढ़ है, जो नीति को सूचित करने और सेवा वितरण में सुधार करने के लिए विशाल मात्रा में डेटा के संग्रह और विश्लेषण को सक्षम बनाती है।
  • एक संसाधन के रूप में डेटा: भारत के डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा उत्पन्न विशाल मात्रा में डेटा का उपयोग AI मॉडल विकसित करने के लिए किया जा सकता है जो शासन को बेहतर बनाता है।
  • IndiaDatasets कार्यक्रम जैसी पहल का उद्देश्य कानून के माध्यम से डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए AI विकास के लिए सरकारी डेटासेट का लाभ उठाना है।

AI-प्रेरित शासन में भारत का नेतृत्व

  • डिजिटल गवर्नेंस में भारत की सफलता ने इसे तकनीक-संचालित लोक प्रशासन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित किया है। GovAI को अपनाकर भारत अपने नेतृत्व को सुदृढ़ कर सकता है और अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकता है। 
  • भारत की अध्यक्षता में AI पर वैश्विक भागीदारी (GPAI) समावेशी और विश्वसनीय AI विकास का समर्थन करती है, जो सार्वजनिक कल्याण के लिए AI का लाभ उठाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।

संभावित लाभ

  • बढ़ी हुई कार्यदक्षता और सेवा वितरण: AI सरकारी कार्यों को सुव्यवस्थित कर सकता है, जिससे सार्वजनिक सेवाएँ अधिक कुशल और सुलभ हो सकती हैं।
    • उदाहरण के लिए, AI-संचालित चैटबॉट नागरिकों को 24/7 सहायता प्रदान कर सकते हैं, प्रतीक्षा समय को कम कर सकते हैं और सेवा वितरण में सुधार कर सकते हैं। 
  • डेटा-संचालित निर्णय लेना: AI नीतिगत निर्णयों को सूचित करने के लिए विशाल मात्रा में डेटा का विश्लेषण कर सकता है, जिससे अधिक प्रभावी और लक्षित हस्तक्षेप हो सकते हैं।
    • यह स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक कल्याण जैसे क्षेत्रों में सहायता कर सकता है, जहाँ डेटा-संचालित अंतर्दृष्टि परिणामों को बेहतर बना सकती है। 
  • पारदर्शिता में वृद्धि: AI प्रक्रियाओं को स्वचालित करके और मानवीय हस्तक्षेप को कम करके सरकारी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ा सकता है।
    • यह भ्रष्टाचार को कम करने और यह सुनिश्चित करने में सहायता कर सकता है कि सार्वजनिक संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग किया जाए। 
  • सक्रिय शासन: AI सरकारों को मुद्दों के बढ़ने से पहले उनका अनुमान लगाने और उनका जवाब देने में सक्षम बना सकता है।
    • उदाहरण के लिए, पूर्वानुमानात्मक विश्लेषण आपदा प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य निगरानी और अपराध की रोकथाम में सहायता कर सकता है।

संभावित कमियाँ

  • गोपनीयता संबंधी चिंताएँ: शासन में AI के उपयोग में प्रायः बड़ी मात्रा में व्यक्तिगत डेटा का संग्रह और विश्लेषण शामिल होता है।
    • यह महत्वपूर्ण गोपनीयता संबंधी चिंताएँ उत्पन्न करता है, क्योंकि नागरिकों को लग सकता है कि उनकी व्यक्तिगत जानकारी की निगरानी की जा रही है और उनकी सहमति के बिना उसका उपयोग किया जा रहा है।
  • उत्तरदायित्व और पूर्वाग्रह: AI सिस्टम कभी-कभी उस डेटा के आधार पर पक्षपातपूर्ण परिणाम उत्पन्न कर सकते हैं जिस पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है।
    • AI सिस्टम द्वारा लिए गए निर्णयों के लिए जवाबदेही सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि यह निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि AI-संचालित निर्णयों में त्रुटियों या पूर्वाग्रहों के लिए कौन उत्तरदायी है।
  • राज्य नियंत्रण में वृद्धि: शासन में AI के एकीकरण से संभावित रूप से नागरिकों पर राज्य की निगरानी और नियंत्रण में वृद्धि हो सकती है।
    • यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता को कमजोर कर सकता है और एक अधिक सत्तावादी शासन मॉडल को विकसित कर सकता है।
  • डिजिटल विभाजन: AI-संचालित शासन के लाभ समान रूप से वितरित नहीं हो सकते हैं, जिससे वर्तमान असमानताएँ बढ़ सकती हैं।
    • डिजिटल तकनीकों या उनका उपयोग करने के कौशल तक पहुँच के बिना लोग पीछे रह सकते हैं, जिससे डिजिटल विभाजन बढ़ सकता है।

निष्कर्ष और आगे की राह

  • शासन प्रणालियों में AI का एकीकरण महत्वपूर्ण संभावित लाभ प्रदान करता है, जिसमें बढ़ी हुई दक्षता, पारदर्शिता और सक्रिय शासन शामिल हैं।
  • हालांकि, यह गोपनीयता, जवाबदेही और राज्य के बढ़ते नियंत्रण की संभावना से संबंधित चुनौतियाँ भी प्रस्तुत करता है।
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि नागरिकों एवं राज्य के बीच शक्ति का संतुलन न्यायसंगत बना रहे, मजबूत नियामक ढाँचे को लागू करना, पारदर्शिता को बढ़ावा देना और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि AI सिस्टम को इस तरह से डिज़ाइन तथा तैनात किया जाए जो नागरिकों के अधिकारों एवं स्वतंत्रता का सम्मान करता हो।
दैनिक मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
शासन प्रणालियों में AI का एकीकरण नागरिकों और राज्य के बीच शक्ति संतुलन को कैसे प्रभावित कर सकता है? इस तरह के विकास के संभावित लाभ और कमियों पर चर्चा करें।

Source: IE