भारतीय राज्यों के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का मार्ग

पाठ्यक्रम: GS1/अर्थव्यवस्था

संदर्भ

  • भारत में विभिन्न राज्यों के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करना एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य है, जिसके लिए औद्योगिक विस्तार, बुनियादी ढाँचे के विकास और डिजिटल परिवर्तन को मिलाकर एक बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

भारतीय राज्यों का आर्थिक परिदृश्य

  • भारत की GDP वर्तमान में लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर है, जिसमें 2027-28 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने और 2047 तक 35 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। 
  • कई राज्यों ने 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुँचने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है,
    • जैसे कि महाराष्ट्र, जिसका लक्ष्य उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात जैसे भारत के सबसे बड़े राज्यों से है।
भारतीय राज्यवर्तमान सकल घरेलू उत्पाद (लगभग, बिलियन में)वर्ष लक्ष्यराष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में राज्यों का हिस्सा (%)(2024-25 बजट)
महाराष्ट्र$500-5502027-28 तक $1 ट्रिलियन13.3
तमिलनाडु$320-3502030 तक $1 ट्रिलियन8.9
उत्तर प्रदेश$250-3002028-29 तक  $1 ट्रिलियन 8.4
कर्नाटक$250-2802032 तक  $1 ट्रिलियन 8.2
गुजरात$340-3452030 तक  $1  ट्रिलियन 8.1
तेलंगाना$2002034-35 तक  $1 ट्रिलियन 4.9
आंध्र प्रदेश$210-2202047 तक  $2.4 ट्रिलियन 4.7
केरल$155-1602047 तक 1 ट्रिलियन डॉलर3.8

चुनौतियाँ

  • वर्तमान विकास एवं अपेक्षित विकास दर में असंतुलन: उदाहरण के लिए, तमिलनाडु जैसे राज्यों को लगभग 18% की नाममात्र दर और 13% की वास्तविक दर से विकास करने की आवश्यकता है।
    • हालाँकि, सर्वेक्षण के अनुसार, विगत् दो वर्षों में राज्य की वार्षिक औसत वृद्धि दर 8.2% रही है।
  • बेरोजगारी एवं कौशल अंतर: उच्च बेरोजगारी दर, विशेषकर शिक्षित युवाओं में, एक बड़ी चुनौती है। उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्यबल तैयार करने के लिए कौशल अंतर को समाप्त करना आवश्यक है।
  • क्षेत्रीय असमानताएँ: विभिन्न क्षेत्रों में असमान विकास समग्र प्रगति में बाधा उत्पन्न कर सकता है। समतापूर्ण विकास सुनिश्चित करने के लिए समावेशी नीतियों की आवश्यकता है।
  • वैश्विक प्रतिस्पर्धा: वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए नवाचार, दक्षता और अनुकूल कारोबारी वातावरण की आवश्यकता होती है।

राज्य विशिष्ट क्षेत्र एवं चुनौतियाँ

राज्यप्रमुख क्षेत्रचुनौतियाँ
महाराष्ट्रवित्तीय सेवाएँ, IT , विनिर्माण और मनोरंजनशहरी भीड़, उच्च जीवन-यापन लागत और सामाजिक-आर्थिक असमानताएँ।
तमिलनाडुऑटोमोटिव, वस्त्र,  IT और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माणजल की कमी, पर्यावरण संबंधी चिंताएँ और ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर निर्भरता।
उत्तर प्रदेशकृषि, MSMEs, विनिर्माण और पर्यटनजनसंख्या घनत्व, रोजगार सृजन और औद्योगिक विविधीकरण
गुजरातपेट्रोकेमिकल्स, रत्न एवं आभूषण, वस्त्र, और नवीकरणीय ऊर्जापर्यावरणीय स्थिरता और अधिक कुशल कार्यबल विकास की आवश्यकता।

घोषित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रमुख रणनीतियाँ

  • विनिर्माण और औद्योगिक विकास: 
    • मेक इन इंडिया और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं को मजबूत करना।
    • ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और वस्त्र जैसे क्षेत्रों में MSMEs और औद्योगिक क्लस्टरों को बढ़ावा देना।
    • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को प्रोत्साहित करना।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था और प्रौद्योगिकी नवाचार: 
    • बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई से आईटी और सॉफ्टवेयर निर्यात का विस्तार।
    • डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए AI, ब्लॉकचेन और फिनटेक का लाभ उठाना।
    • स्टार्ट-अप और नवाचार केन्द्रों को बढ़ावा देना।
    • राज्य डेटा सेंटर, IT पार्क और डिजिटल कनेक्टिविटी में निवेश कर रहे हैं।
  • बुनियादी ढाँचे का विकास: 
    • एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल परियोजनाओं और स्मार्ट शहरों का विस्तार करना।
    • नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और विद्युत गतिशीलता में निवेश करना।
    • बंदरगाह विकास और लॉजिस्टिक्स गलियारों के माध्यम से कनेक्टिविटी में सुधार करना।
  • कृषि आधुनिकीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था: 
    • कृषि प्रौद्योगिकी और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को बढ़ावा देना।
    • पीएम-किसान और मनरेगा जैसी योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण रोजगार को मजबूत करना।
    • जैविक खेती और परिशुद्धता कृषि को प्रोत्साहित करना।
  • जलवायु प्रतिरोधकता: सतत् प्रथाओं और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाकर जलवायु जोखिमों का समाधान करना दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए महत्त्वपूर्ण है।
  • निर्यात वृद्धि: सॉफ्टवेयर, कपड़ा और फार्मास्यूटिकल्स जैसे क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने से आर्थिक विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान हो सकता है।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी: सरकारों और निजी संस्थाओं के बीच सहयोग से बुनियादी ढाँचे के विकास और नवाचार में तीव्रता आ सकती है।
  • सतत् विकास: हरित प्रौद्योगिकियों और प्रथाओं को अपनाने से निवेश आकर्षित हो सकता है और दीर्घकालिक विकास सुनिश्चित हो सकता है।

नीति सुधार और शासन

  • व्यवसाय करने में आसानी (EoDB) रैंकिंग में सुधार 
  • भूमि और श्रम सुधारों को लागू करना
  •  कराधान और GST अनुपालन को सुव्यवस्थित करना 
  • भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के निर्माण के लिए शिक्षा और कौशल विकास पर ध्यान केंद्रित करना

आगे की राह

  • केन्द्र एवं राज्य सरकारों के बीच समन्वित दृष्टिकोण, निजी क्षेत्र की भागीदारी और नवाचार-संचालित नीतियाँ आवश्यक होंगी।
  • सुधारों और निवेशों के सही मिश्रण के साथ, भारत के अग्रणी राज्य 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना साकार कर सकते हैं, जो भारत के 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य में महत्त्वपूर्ण योगदान देगा।
दैनिक मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न
[प्रश्न] भारत में राज्यों के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कौन सी प्रमुख रणनीतियाँ एवं नीतिगत हस्तक्षेप आवश्यक हैं, और वे क्षेत्रीय असमानताओं, बेरोजगारी तथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का समाधान कैसे कर सकते हैं?

Source: TH